छह घंटे से ज्यादा ठप रही फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की सेवाएं, फेसबुक को 7 अरब डॉलर का नुकसान
दुनिया के कई हिस्सों में व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक सोमवार की देर रात लगभग नौ बजे से ठप हो गए। इससे वाट्सएप पर सूचना का आदान-प्रदान रुक गया।
इन सोशल मीडिया की सेवाएं सोमवार रात 6 घंटे ठप रहने से फेसबुक के शेयरों में भी 5 फीसदी की बड़ी गिरावट आई और कंपनी को 7 अरब डॉलर (52,100 करोड़ रुपये) का तगड़ा झटका लगा। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी फेसबुक में यह 2008 के बाद आई सबसे बड़ी तकनीकी खामी है। वर्ष 2008 में फेसबुक एक वायरस की चपेट में आ गई थी और साइट पूरे 24 घंटे तक ठप रही थी। हालांकि तब फेसबुक के यूजर्स 10 करोड़ भी नहीं थे। अब दुनिया में फेसबुक के यूजर्स के यूजर्स की तादाद अरबों में है। फेसबुक, व्हाट्सऐप यूजर्स ट्विटर पर अपनी परेशानी बयां करते रहे।
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने यूजर्स को हुई इस परेशानी के लिए माफी भी मांगी। फेसबुक ने भी एक बयान जारी कर रहा है कि लोगों और कारोबारियों हुई दुनिया भर में परेशानी के लिए वो खेद जताती है। कंपनी सभी ऐप और सेवाओं को दोबारा बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। हालांकि फेसबुक ने यह नहीं बताया है कि इस तकनीकी खामी की वजह क्या रही है। यूजर्स का कहना है कि सोमवार रात को फेसबुक, व्हाट्सऐप या इंस्टाग्राम की वेबसाइट या ऐप खोलने पर सर्वर एरर का मैसेज आ रहा था।
फेसबुक वेबसाइट पर आने वाले लोगों को बस एक एरर पेज या एक संदेश दिखाई दे रहा है जिससे उनका ब्राउज़र कनेक्ट नहीं हो पाता है। शुरुआत में व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम ऐप ने काम करना जारी रखा, लेकिन नई सामग्री नहीं दिखाई दे रही थी। इसमें समस्याओं के दौरान भेजे गए या प्राप्त किए गए कोई भी संदेश शामिल थे। फेसबुक के आउटेज अपेक्षाकृत कम ही होते हैं, लेकिन प्रभाव बहुत बड़ा होता है।
घंटों परेशान रहने के बावजूद यूजर्स इन्हें खोल नहीं पाए। सोशल साइटों की तकनीकी खामियों पर नजर रखने वाली डाउनडिटेक्टर कॉम का कहना है कि यह तकनीकी दिक्कत विश्व के सभी हिस्सों में सामने आई, लेकिन ये नहीं कहा जा सकता कि इससे कितने यूजर्स प्रभावित हुए होंगे। नेटवर्क मॉनीटरिंग साइट थाउजेंड आइस का कहना है कि यह परेशानी संभवतः डीएनएस फेलर के कारण हुई है। व्हाट्सऐप ने एक बयान जारी कर यूजर्स को हुई परेशानी के लिए माफी मांगी है। उसने कहा है कि व्हाट्सऐप की सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं और हम तकनीकी गड़बड़ियों पर काम कर रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।