उम्मीद थी आइपीएल की, इस बार विजय हजारे लायक भी नहीं निकला उत्तराखंड, जय शाह ने जगाई उम्मीद, बदले में दिखाया ठेंगा
इसे कहते हैं पहले उम्मीद जगाना और फिर झटका देना। हाल ही में बीबीसीआइ सचिव जय शाह के उत्तराखंड दौरे से उम्मीद जगी कि आइपीएल मैचों की मेजबानी उत्तराखंड को मिल सकती है। इसके विपरीत उत्तराखंड को ठेंगा दिखा दिया गया है। आइपीएल तो दूर की बात है, इस बार तो विजय हजारे ट्रॉफी के लायक भी उत्तराखंड को नहीं समझा गया। ऐसा नहीं है कि यहां पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी की बात हो रही थी। 2019-20 में देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी के साथ ही कसीगा स्कूल के क्रिकेट मैदान पर विजय हजारे ट्राफी के प्लेट ग्रुप के सभी 43 मुकाबले खेले गए थे।
गौरतलब है कि बीसीसीआइ के सचिव एवं उत्तराखंड क्रिकेट के प्रभारी जय शाह के हाल ही में क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) के वार्षिक सम्मान समारोह में शिरकत करने दून आए थे। बीसीसीआइ के सचिव जय शाह जाते-जाते उत्तराखंड में आइपीएल जैसे बड़े आयोजन की उम्मीदें भी जगा दी थी। समारोह में जय शाह ने कहा था कि उत्तराखंड में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआइ जल्द ही प्रदेश को बड़े मैच आवंटित करेगा। क्रिकेट प्रेमियों के साथ क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) के पदाधिकारी भी जय शाह की इस घोषणा को राज्य को निकट भविष्य में आइपीएल की मेजबानी दिए जाने से जोड़कर देख रहे हैं।
वहीं, अब बीसीसीआइ की बड़ी घरेलू प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए प्रयासरत क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) को झटका लगा है। बीसीसीआइ ने दून में नवंबर-दिसंबर में थ्री स्टार होटल उपलब्ध नहीं होने के कारण इस वर्ष यहां विजय हजारे ट्राफी के मैच कराने से इन्कार कर दिया है। बीसीसीआइ की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार विजय हजारे ट्राफी के मैच आगामी 28 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच खेले जाने हैं। सीएयू ने भी इसकी मेजबानी के लिए आवेदन किया था।
इन मैचों की मेजबानी उत्तराखंड को देने की संभावना खंगालने के लिए बीसीसीआइ के संयुक्त सचिव जयेश जार्ज और प्रबंधक क्रिकेट संचालन अमित सिद्धेश्वर बीते छह और सात सितंबर को दून में थे। इस दौरान दोनों पदाधिकारियों ने दून में उपलब्ध क्रिकेट मैदानों के साथ सभी प्रमुख होटल का भ्रमण किया। उन्हें 28 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच सभी थ्री स्टार होटल पहले से बुक मिले।
कोरोना के मद्देनजर बीसीसीआइ इस वर्ष भी घरेलू सत्र का आयोजन बायो बबल वातावरण में कर रहा है। विजय हजारे ट्राफी की मेजबानी मिलने पर छह टीमों के मैच दून में कराए जाते। इनके खिलाड़ियों और स्टाफ को बायो बबल वातावरण में ठहराने के लिए कम से कम चार थ्री स्टार होटल चाहिए थे। दून में प्रवास के दौरान जयेश जार्ज और अमित सिद्धेश्वर ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का भ्रमण भी किया था। जहां उन्हें मैदान में बड़ी-बड़ी घास मिली। रखरखाव का स्पष्ट रूप से अभाव दिखा। इससे दोनों पदाधिकारी नाखुश नजर आए।
तनुष क्रिकेट एकेडमी के मैदान को भी उन्होंने विजय हजारे ट्राफी के मानकों के अनुकुल नहीं बताया। विजय हजारे ट्राफी के मैच अंतरराष्ट्रीय मानक पूरा करने वाले क्रिकेट मैदानों पर ही कराए जाते हैं। इसके लिए मैदान का रेडियस 70 मीटर होना जरूरी है। 2019-20 में देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी व कसीगा स्कूल के क्रिकेट मैदान पर विजय हजारे ट्राफी के प्लेट ग्रुप के सभी 43 मुकाबले खेले गए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।