राजनीतिक रैलियों को छूट, बारात को रोक रही पुलिस, राज्यपाल की कार के लिए रास्ता किया साफ
देहरादून में रविवार को ईसी रोड पर एक बारात को पुलिस ने रोक दिया। सड़क पर बारात चलने की इजाजत नहीं दी गई। इस पर मजबूर होकर बारातियों को वैडिंग प्वाइंट के गेट पर ही बैंज बजवाने पड़े।
कोरोना कर्फ्यू उत्तराखंड में समाप्त हो चुका है। इसकी जगह अब कोरोना प्रतिबंध (covid restriction) है। इसकी अवधि 20 नवंबर तक है। इसके तहत शादी समारोह सहित अन्य आयोजनों में सौ फीसद क्षमता से लोगों की उपस्थिति की छूट है। ये छूट सिर्फ कागजों में है या हकीकत में। देहरादून में तो ऐसा नहीं लगता। यहां आज रविवार को ईसी रोड पर एक बारात को पुलिस ने रोक दिया। सड़क पर बारात चलने की इजाजत नहीं दी गई। इस पर मजबूर होकर बारातियों को वैडिंग प्वाइंट के गेट पर ही बैंज बजवाने पड़े।है न आजीबोगरीब बात। चाहे भाजपा हो या फिर कांग्रेस। सभी की रैलियों में प्रदेश में कोई प्रतिबंध नहीं है। आज इगास पर्व पर हजारों की संख्या में मैदान में लोग जुट रहे हैं। भाजपा, आम आदमी पार्टी सहित विभिन्न संगठनों ने ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इस सबको भी छूट है, लेकिन बारात पर प्रतिबंध लगाना पुलिस की मनमानी को साबित करता है।
हुआ यूं कि देहरादून में जाखन निवासी बैंक कर्मचारी समदर्शी बड़थ्वाल की बेटी की शादी ईसी रोड स्थित श्रीनिवास बैडिंग प्वाइंट में आज हो रही है। इसके लिए वैडिंग प्वाइंट से करीब सौ मीटर की दूरी से बारात चलना प्रस्तावित था। समदर्शी बड़थ्वाल के मुताबिक बारात के लिए वह अनुमति लेने को एसएसपी आफिस गए तो वहां बताया गया कि अब अनुमति की कोई जरूरत नहीं है। ऐसे में आज जब बारात चलने लगी तो पुलिस कर्मियों ने सड़क किनारे बैंड बाजों के साथ बारात ले जाने से मना कर दिया।
ऐसे में जब उन्होंन कारण पूछा तो पुलिस कर्मियों ने अनुमति दिखाने को कहा। उन्होंने बताया कि इसी सड़क से राज्यपाल की फ्लीट निकलनी थी। इसी कारण बारात को रोका गया। ऐसे में मजबूर होकर वैडिंग प्वाइंट की भीतर की सड़क से ही बारात निकाली गई। इसे लेकर मेहमानों के साथ ही अन्य लोगों में भी पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई के प्रति रोष देखा गया।





