उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के हों प्रयास, जनजातीय गौरव दिवस समारोह में सीएम ने किया नृत्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड जल विद्युत निगम के 22 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यूजेवीएनएल ने जल विद्युत क्षेत्र में अपनी विकासशील सोच, अभूतपूर्व क्षमता एवं उच्च कोटि की कार्य संस्कृति के बल पर आज राज्य ही नहीं, अपितु देशभर के सरकारी संस्थानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राज्य स्थापना के उपरांत यूजेवीएनएल का गठन को सही अर्थों में ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए किया गया था। इस सम्बन्ध में यद्यपि यूजेवीएनएल द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। फिर भी इस क्षेत्र में कई चुनौतियों का हमें सामना करना है। इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। तभी हम उज्ज्वल उत्तराखंड के निर्माण में सफल हो सकेंगे तथा ऊर्जा प्रदेश के संकल्प को पूर्ण कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें राज्य के नैसर्गिक, प्राकृतिक सौंदर्य एवं संसाधनों का बेहतर उपयोग करना होगा तथा राज्य आर्थिकी के विकास के लिये समेकित प्रयास करने होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम तथा प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने निगम के लाभांश का 20 करोड़ तथा प्रबंध निदेश पिटकुल पी.सी ध्यानी ने 5 करोड़ का लाभांश का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम को अपनी बेहतर कार्यसंस्कृति और कुशल प्रबन्धन के बल पर इसी प्रकार ऊर्जा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिये प्रयासरत रहना होगा। राज्य निर्माण के समय ऊर्जा क्षेत्र को हमारी आर्थिकी का मूल आधार माना गया था, परंतु यह लक्ष्य अभी तक पूर्णरूपेण सफल नहीं हो पाया है। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर यह विचार करें कि इस दिशा में कैसे तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है। हमें इसके लिए प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र की विकास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने में हमें केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। इसका उदाहरण लखवाड़ बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना एवं जमरानी बांध परियोजना है। इसमें तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार जीरो पेंडेसी वर्क कल्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिये हर क्षेत्र में सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण एवं संतुष्टि के मूल मंत्र के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं। हमें अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ऊर्जा के साथ निरंतर कार्य करते हुए करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है और हमारी सरकार संकल्पबद्ध होकर इसे पूर्ण करने की दिशा में कार्यरत है। हमारा संकल्प है कि 2025 में जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा तब तक हर क्षेत्र में हमारा राज्य देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बन जाए। लक्ष्य को पूर्ण करने एवं उत्तराखंड को विकसित, सक्षम व आदर्श राज्य बनाने के लिए हमारे प्रयास निरंतर जारी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इन आठ सालों में एक समृद्ध, शक्तिशाली तथा समरस भारत के साथ ही दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत बना है। विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभाओं की पहचान के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना साकार हो रही है। आज का भारत दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत है। मोदी जी की नेतृत्व क्षमता का ही प्रभाव है कि हमारे देश की प्रतिभाये देश विदेश में भारत का मान सम्मान बढ़ाने का कार्य भी कर रहे हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश की पहचान बन रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम तथा प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल द्वारा निगम के कार्यकलापों की जानकारी दी गयी। विधायक सविता कपूर, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल यादव सहित अन्य अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश में जनजाति समाज की कला एवं संस्कृति के संरक्षण को होगा कारपस फंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राज्य जनजाति शोध संस्थान में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित आदि गौरव महोत्सव को सम्बोधित करते हुए प्रदेश में जनजाति समाज की कला, संस्कृति संरक्षण के लिए कारपस फंड की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया जायेगा। जनजाति क्षेत्रों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों में जनजाति छात्रों की बेहतर शिक्षा व्यवस्था हेतु आवासीय विद्यालयों की स्थापना पर विचार किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनजाति कल्याण समिति को भवन हेतु भूमि उपलब्ध कराये जाने की भी बात कही। इस मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में सीएम खुद को नहीं रोक पाए और कलाकारों के साथ नृत्य करने लगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में भगवान बिरसा मुण्डा के आशीर्वाद से हमारा देश अपने अमृत संकल्पों को पूर्ण करने में अवश्य सफल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जनजातीय समाज हमारे बटवृक्ष रूपी देश की मजबूत जड़ के समान है। जनजातीय समाज का मजबूत और आत्म निर्भर बनना हमारे देश और प्रदेश की उन्नति के लिए आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज का उल्लेखनीय योगदान के कारण ही पिछले वर्ष आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक वर्ष की 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। इससे जहां एक ओर जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है, वहीं गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति की विशेषताओं से अवगत होते हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की सरकारों में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी थी। उन्होंने आदिवासी समाज के व्यावसायिक हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया। ये सरकारें दिखावे तक ही आदिवासी समाज के विकास की बात किया करती थी। 2014 के बाद से देश में चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र हो आदिवासी समाज के हितों का ध्यान रखकर ही देश और प्रदेश की सरकारें अपनी समस्त योजनाएं बना रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर सीमांत क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। राज्य के स्थानीय उत्पादों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के जनजाति बाहुल्य प्रथम गांव माणा में राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा तथा वोकल फॉर लोकर की अवधारणा को मजबूती मिलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि माणा में उनके द्वारा राज्य के सीमांत गांव माणा को अंतिम के स्थान पर प्रथम गांव संबोधित करने पर प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति जताते हुए देश के सभी सीमांत गांवों को अंतिम के बजाय प्रथम गांव कहा गया है। यह देश के सभी सीमांत क्षेत्रों के निवासियों के लिये भी सम्मान की बात है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक विनोद चमोली, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया, मूरत राम शर्मा, रामकृष्ण रावत, पूर्व मुख्य सचिव एन.एस. नपलच्याल सहित बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग एवं लोक कला एवं लोक संस्कृति से जुड़े कलाकार आदि उपस्थित थे।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।