ग्राफिक एरा पहुंचे 15 देशो के शिक्षा अधिकारी, प्रमुख विदेशी विश्वविद्यालय के कैंप, ऑटोमेशन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
15 देशों के शिक्षा अधिकारियों ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी पहुंचकर यहां की शैक्षणिक और सांस्कृतिक विविधता की जानकारी ली। इस दल ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा अस्पताल का दौरा भी किया। दौरे में भूटान के निडुप ग्यालत्शेन, सोनम रिनचेन, बोत्सवाना के लुइस थानिले, नियो थांडी मशादी, इरिट्रिया के टेस्फे टेकस्टे त्सेगे, मलावी के चिफुनिरो कामता, मॉरीशस के कृष्णनादेओ गोकूल, म्यांमार के खिन ऐ मार, खिन थू जरखिन थू भारत के डॉ. मदन मोहन उनियाल, जय मोहन सिंह भिस्त, बांग्लादेश के एमडी.मोसरूफ और अन्य शिक्षा अधिकारी शामिल थे। कुलपति संजय जसोला ने दौर पर आए शिक्षा अधिकारियों को यहां की अग्राणी प्रयोगशालाएं, उच्च शिक्षा स्तर, विश्व स्तरीय उपकरणों और वरिष्ठतम सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित एजुकेशन फेयर में इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को विदेश में उच्च शिक्षा के अवसरों की जानकारी दी गई। यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज और यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक समेत 15 विश्वविद्यालयों ने आज ग्राफिक एरा में कैंप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंप में छात्र- छात्राओं को दुनिया के प्रमुख विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के संबंध में जानकारी दी गई। विदेश में पढ़ने व अध्ययन करने के इच्छुक छात्र छात्राओं के लिए यह एजुकेशन फेयर अत्यंत लाभदायक और उपयोगी रहा। उन्होंने प्रतिनिधियों से बातचीत कर के तमाम तरीकों की जानकारी ली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
निजी सुरक्षा पर ध्यान जरूरी
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर निदेशक डॉ. केके सौन्द्रा पांडियन ने कहा कि देश के युवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों को समझ कर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं। डॉ. केके सौन्द्रा पांडियन आज ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऑटोमेशन एंड कंप्यूटिंग ऑटोकॉम विषय पर इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। डॉ. पांडियन ने कहा कि नयी तकनीकें हमारे जीवन को आसान तो बनाती हैं लेकिन इसके उपयोग में लापरवाही बरतने से व्यक्तिगत सुरक्षा का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने निजी सुरक्षा बनाए रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करने की बात कही। उन्होंने बताया कि इन तकनीकों को अपनाने के लिए क्वांटम मिशन के तहत राष्ट्रीय स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में कुलपति डॉ. संजय जसोला ने कहा कि पिछले दो दशकों में देश ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बहुत तरक्की की है। पहले इंटरनेट का इस्तेमाल चुनिंदा लोग ही कर पाते थे, लेकिन वही इंटरनेट आज शहरों को गांवों और कस्बों से जोड़ने का कार्य कर रहा है। सम्मेलन में यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान के डॉ. सुधीर खरे, दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ. ओम पाल, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रो. करण सिंह और मालवीय इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी जयपुर के प्रो. पिल्ली इमैनुएल शुभांकर ने भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। सम्मेलन के पहले दिन 20 से ज्यादा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ने विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड और इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के साथ मिलकर किया। कार्यक्रम में प्रो वाइस चांसलर प्रो. आर. गौरी, एचओडी प्रो. दिब्याहश बोरदोलोई, अन्य पदाधिकारी, शिक्षक शिक्षिकाएं और सैकड़ो छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।