उत्तराखंड में जल्द शुरू होई ई-एफआइआर की सुविधा, पहले चरण में दर्ज करा सकेंगे इस कैटेगरी के मुकदमें
उत्तराखंड में प्रदेशवासियों को जल्द ही ई-एफआइआर की सुविधा मिलेगी। इसमें घर बैठे ही एफआइआर दर्ज कराई जा सकेगी। प्रारम्भ में वाहन चोरी और गुमशुदा वस्तुओं के संबंध में ई-एफआइआर कराई जा सकेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि सरकार का मूल मंत्र है। सिस्टम इस प्रकार का होना चाहिए, जिससे जनता सरलतम तरीके से अपनी शिकायतों का समाधान करा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-एफआइआर से आम जन को बहुत सुविधा होगी। व्यक्ति को एफआइआर दर्ज कराने के लिये परेशान नहीं होना पड़ेगा। ई-एफआइआर में उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसिंग में आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाये जाने की जरूरत है। ड्रोन टेक्नोलोजी का भी उपयोग किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और पुलिस सुधार से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि झूठी एफआइआर को रोकने के लिये जरूरी प्राविधान किये जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में सुझाव देने के लिये एक समिति बनाई जाए।
बताया गया कि ई-एफआइआर के लिये अभी अधिसूचना जारी की जानी है। शुरुआत में इसमें वाहन चोरी व गुमशुदा मोबाईल व वस्तुओं के संबंध में एफआईआर को शामिल किया जाएगा। ई-एफआइआर में वर्चुअल थाना स्थापित किया जाएगा। जो भी ई-एफआइआर की जाएगी, वह इस वर्चुअल थाने में जाएगी। शिकायत करने वाले को इसकी पावती मिल जाएगी। यहां इसका परीक्षण कर संबंधित थाने में आवश्यक कार्यवाही के लिए अग्रसारित की जाएगी। ई-एफआइआर पोर्टल को देवभूमि मोबाईल एप से भी जोड़ा जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, एडीजी वी मुरूगेशन, आईजी बिमला गुन्ज्याल, अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल सहित गृह व पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।