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September 26, 2024

उत्तराखंड के डॉ. गौरव संजय ने वर्ल्ड ऑर्थोपीडिक कांग्रेस में प्रस्तुत किया शोध पत्र, दिखाई दुर्घटना की भयावह तस्वीर, बताया कैसे किया निदान

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उत्तराखंड के देहरादून के राजपुर रोड में स्थित संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एंड मैटरनिटी सेंटर जाखन के ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने 26 सितंबर को बेलग्रेड सर्बिया में 44वें सीकॉट ऑर्थोपीडिक वर्ल्ड कांग्रेस 2024 में सह लेखक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक डॉ. बीकेएस संजय के साथ अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया। कांफ्रेंस में 95 देशों के 2000 से अधिक ऑर्थोपीडिक सर्जनों ने प्रतिभाग किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर डॉ. गौरव संजय ने जोर देकर कहा कि जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से बढ़ रहा है, वैसे-वैसे सड़क यातायात दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। भारत में हर साल लगभग पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं। हर साल देश न केवल डेढ़ लाख लोगों को खो रहा है, बल्कि इतने ही लोगों की स्थायी-अस्थायी विकलांगता का बोझ भी झेल रहा है, यदि वे जीवित रहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के बाद विशेषकर दुपहिया वाहन चालकों या सवारों में टांग के कटे-फटे फ्रैक्चर आम हैं। ये सबसे अनुभवी ऑर्थोपीडिक सर्जनों के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। इन क्षत-विक्षत अंगों को बचाने के लिए विशेषज्ञों को कई सर्जरी की आवश्यकता होती है। ऐसी टांगे अक्सर विच्छेदन के बाद कट सकती हैं। उन्हें पूरी तरह से ठीक नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति आती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. गौरव संजय ने सड़क दुर्घअनाओं के बाद 11 रोगियों में जटिल पैर की चोटों पर एक नैदानिक शोध पत्र प्रस्तुत किया। सभी 11 रोगियों को प्रमुख तृतीयक देखभाल अस्पतालों में विच्छेदन की सलाह दी गई थी। उन्हें अंततः सर्जन लेखकों की ओर से कई प्रक्रियाओं और इलिजारोव फिक्सेटर का उपयोग करके सभी टांगों को बचाया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इंडिया और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड धारक ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव ने अपने शोध पत्र में निष्कर्ष निकाला कि इलिजारोव फिक्सेटर ऐसी पुनर्निर्माण सर्जरी में शस्त्रागार में एक आवश्यक उपकरण के रूप में कार्य करता है। इसके अतिरिक्त, डॉ. गौरव संजय और डॉ. बीकेएस संजय ने कांफ्रेंस में टीबी और सीपी से संबंधित 2 शोध कार्य प्रस्तुत किए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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