देशभर के चिकित्सक 24 घंटे की हड़ताल पर गए, उत्तराखंड में भी दिखा असर
कोलकाता में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म करने के बाद हत्या के मामले में पूरे देशभर में उबाल है। हालांकि, दुष्कर्म की ऐसी घटनाएं बीजेपी शासित राज्यों में भी हो रही हैं, लेकिन कोलकाता को बीजेपी ने मुद्दा बनाया हुआ है। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त को देशभर के सभी छोटे और बड़े अस्पतालों में बंदी का ऐलान किया था। इसका असर देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरवी अशोकन ने कहा कि इस दौरान डॉक्टर 24 घंटे के लिए हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल सुबह 6 बजे से शुरू हो गई। ये हड़ताल अगले दिन सुबह छह बजे तक चलेगी। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं तो चालू हैं, लेकिन ओपीडी के साथ बाकी सेवाएं बंद हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरवी अशोकन ने कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर आक्रोशित हैं। जिस लड़की के साथ ये घटना हुई, वो मध्यम वर्गीय परिवार की इकलौती संतान थी। किसी एक व्यक्ति ने इस घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि इसमें कई लोग शामिल थे। जिस तरह से उसकी हत्या की गई, उसका वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आईएमए अध्यक्ष ने कहा कि ये मानवता के खिलाफ किया गया अपराध है। ये काम करने वाली जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ा है। डॉक्टर और नर्स इस बात से चिंतित हैं कि वो अस्पताल में सुरक्षित नहीं हैं, उनके परिवार के लोग भी चिंतित हैं। मैं सीबीआई की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति गठित करने के निर्णय को बहुत कम और बहुत देर से लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आईएमए प्रमुख डॉ. आर.वी. अशोकन ने बताया कि हितधारकों के परामर्श के बाद 2019 में एक मसौदा विधेयक तैयार किया गया था, लेकिन ये कभी संसद में नहीं गया। उन्होंने कहा कि इस मामले पर कानून लाने के लिए सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्रीय सरकारी अस्पतालों के निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों तथा सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को भेजे गए कार्यालय ज्ञापन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ड्यूटी के दौरान किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा की स्थिति में, संस्थान के प्रमुख घटना के अधिकतम 6 घंटे के भीतर संस्थागत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिम्मेदार होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर देशभर में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों के प्रमुखों को ड्यूटी पर तैनात किसी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ हिंसा की घटना के मामले में छह घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करनी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो आरोपियों को फांसी की सजा दी जाएगी। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इस मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों को अगर राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है, तो वे किसी अन्य जांच एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा 24 घंटे के लिए देश भर में गैर-आपातकालीन और ओपीडी सेवाएं बंद रखने के आह्वान के बाद सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के अधिकाधिक चिकित्सक कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पिछले सप्ताह हुई घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और पीड़ित के लिए न्याय और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रही। इस दौरान अस्पतालों में सभी वैकल्पिक सेवाएं निलंबित रहीं। अभी तक अपने-अपने अस्पतालों के परिसरों में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों ने शुक्रवार को निर्माण भवन के बाहर जुटे और प्रदर्शन कर विरोध जताया। निर्माण भवन में ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यालय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब और गुजरात सहित कई शहरों में रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध मार्च निकाला, जबकि कोलकाता में पुलिस ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और हिंसा के सिलसिले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। जहां कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद 9 अगस्त से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की रहस्यमय परिस्थितियों में लाश मिली थी। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। वो अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थी। इस मामले को पहले आत्महत्या से जोड़ा जा रहा था, लेकिन विरोध प्रदर्शन होने के बाद असलियत सामने आई को गई लोगों की गिरफ्तारी की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में भी दिखा हड़ताल का असर
आज उत्तराखंड में सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टर 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर हैं। कोलकाता में महिला रेजिडेंट चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का एलान किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चिकित्सक शनिवार 17 अगस्त की सुबह छह बजे से रविवार सुबह 18 अगस्त की सुबह छह बजे तक कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। हालांकि कार्य बहिष्कार के दौरान इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआइपी ड्यूटी यथावत चलती रहेगी। लेकिन ओपीडी व इलेक्टिव सर्जरी नहीं की जाएगी।
कोरोनेशन की ओपीडी बंद
देहरादून में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते जिला अस्पताल कोरोनेशन की ओपीडी बंद है। जिला अस्पताल कोरोनेशन से डॉक्टर व स्टाफ ने मार्च निकाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एम्स ऋषिकेश में पांचवें दिन भी चिकित्सकों की हड़ताल
एम्स ऋषिकेश में आज पांचवें दिन भी चिकित्सकों की हड़ताल जारी है। वहीं, आज आईएमए ऋषिकेश के बैनर तले निजी अस्पतालों में भी चिकित्सक सामूहिक हड़ताल पर हैं। हिमालयन विश्वविद्यालय जौली ग्रांट के चिकित्सकों व मेडिकल स्टूडेंट की ओर से कोलकाता प्रकरण को लेकर विरोध मार्च निकाला गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां भी किया गया कार्य बहिष्कार
हरिद्वार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के 24 घंटे के कार्य बहिष्कार को प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने भी समर्थन किया है। प्रांतीय आह्वान पर सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सुबह से कार्य बहिष्कार पर हैं। अस्पतालों की ओपीडी संचालित नहीं हो पा रही है। मरीज और तीमारदारों को दिक्कतें भी उठानी पड़ रही है। सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी व पीएचसी में ओपीडी सेवा ठप है। गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल में अधिकांश चिकित्सक हड़ताल पर हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।