दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाहर भगवा झंडे और कई सारे पोस्टर लगाए गए हैं। इन पर 'भगवा जेएनयू' लिखा गया है। ये झंडे और पोस्टर जेएनयू के बाहर वाले रोड और मुख्य गेट के करीब लगाए गए है।
देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे अब मुद्दे नहीं रहे हैं। हर तरफ उकसाने की राजनीति चल रही है। किसी ना किसी बात पर विवाद हो और फिर माहौल हिंदू मुस्लिम का हो जाए। कहीं, एक महंत मस्जिद के आगे मुस्लिम लड़कियों को रेप के लिए ललकारता है, तो कहीं गोष्ठियों और धर्म संसद के नाम पर धर्म विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक जहर उगला जाता है। असल मुद्दों की किसे परवाह है। इनसे ध्यान हटाने के लिए ही तो ऐसा किया जा रहा है कि धर्म के नाम पर ही लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाएं। नतीजन रामनवमी के दिन चार राज्यों में दंगे भड़के, आगजनी हुई, पथराव हुआ। इसके बाद एमपी में बुलडोजर चले। दंगाई में एक नाम ऐसा भी था, जो पहले से ही जेल में बंद था और उसका घर भी ढहा दिया गया। इसी दिन जेएनयू में भी एबीवीपी और लेफ्ट से जुड़े छात्र आपस में भिड़े। यहां कौन सही था या फिर कौन गलत, ये बहस का मुद्दा नहीं है। क्योंकि दंगा कराने वाला और दंगा करने वाला चाहे जो भी हो, उसका कृत्य क्षमा के योग्य नहीं है। ये भी सच है कि दंगे में गरीब ही मरता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। घर भी उसी का जलता है।
अब दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाहर भगवा झंडे और कई सारे पोस्टर लगाए गए हैं। इन पर ‘भगवा जेएनयू’ लिखा गया है। ये झंडे और पोस्टर जेएनयू के बाहर वाले रोड और मुख्य गेट के करीब लगाए गए है। इन्हें हिंदू सेना ने लगाया है। हाल ही में जेएनयू में रामनवमी के दिन वामपंथी छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच हिंसा हुई थी। इसमें कई छात्र घायल हुए थे। इस हिंसा के बाद अब जेएनयू के बाहर आज ये पोस्टर और झंडे लगाए गए हैं।
दरअसल रामनवमी के दिन जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में नॉनवेज खाना परोसे जाने से रोकने को लेकर हिंसा हुई थी। लेफ्ट विंग के छात्रों ने आरोप लगाया था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने हॉस्टल में आकर मेस स्टाफ को नॉनवेज परोसने से रोका था और वहां मौजूद छात्रों पर हमला किया था। वहीं, एबीवीपी के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने रामनवमी के अवसर पर हो रही पूजा को रोकने की कोशिश की थी। इस मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जेएनयूएसयू, एसएफआई और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन की ओर से एबीवीपी से जुड़े छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।