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February 9, 2025

उत्तराखंड में आपदाः 18 घंटे मलबे में दबे रहने के बाद जिंदा निकला दुकानदार, यात्रियों का रेस्क्यू अभियान जारी

बीती 31 जुलाई को भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जगह जगह केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे लोगों को सकुशल निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। इस दौरान एक खबर ये भी आई कि एक दुकानदार 18 घंटे तक मलबा व बोल्डर के नीचे दबा रहा। वह मदद के लिए चिल्लाता रहा। तब देवदूत बनकर आए एसडीआरएफ के जवानों ने उसे नौ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सकुशल निकालने में सफलता हासिल की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चमोली जनपद के घाट निवासी गिरीश चमोली केदारनाथ धाम में गत बुधवार को हुई अतिवृष्टि में केदारनाथ पैदल मार्ग पर थारू कैंप के पास मलबा आने से बोल्डर व मिट्टी में दब गया था। वह यहां पर अपनी दुकान चलाकर रोजगार करता था। पूरी रात बोल्डर के नीचे दबा रहा। शुक्रवार सुबह एसडीआरएफ के जवानों के रेस्क्यू अभियान के दौरान गिरीश के कराहने की आवाज सुनी। इसके बाद उसे बचाने के बोल्डरों को तोड़ने का कार्य शुरू किया। नौ घंटे चले रेस्क्यू के बाद उसे सकुशल निकालने में सफल रहे। गिरीश को एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत की मदद से हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर अस्तपाल पहुंचाया गया। एमडीआरएफ के दल में एसआई प्रेगराम नरेश, धमेंद्र गोसाई और होमगार्ड अमित शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फंसे यात्रियों को सकुशल निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी
अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ तथा केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। दो अगस्त 2024 तक कुल 7234 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है। वहीं दिनांक 03 अगस्त 2024 को 1865 यात्रियों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। ऐसे में तीन अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। करीब 1000 यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान जारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एयरलिफ्ट से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दिनांक दो अगस्त 2024 तक 15 यात्री केदारनाथ से एयरलिफ्ट किए गए। लिंचौली और भीमबली से 1354 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। भीमबलीध्लिंचौली से पैदल 365 यात्री चौमासी-कालीमठ पहुंचे तथा गौरीकुंड से सोनप्रयाग पैदल पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 5500 रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीन अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया। लिंचौली और भीमबली से कुल 495 यात्री एयरलिफ्ट किए गए। एयरलिफ्ट के लिए चार हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। हालांकि मौसम खराब होने के कारण तीन अगस्त को एक ही हेलिकॉप्टर उड़ान भर पर पाया है। खराब मौसम के कारण दो दिनों में एमआई-17 सिर्फ तीन शटल ही कर पाया है। गौचर हवाई पट्टी पर चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया है। दोनों हेलिकॉप्टर के साथ सेना का 20 सदस्यीय दल तैनात है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं 90 यात्री भीमबलीध्लिंचौली से पैदल चौमासी-कालीमठ सुरक्षित पहुंचे। गौरीकुंड से सोनप्रयाग आने वाले यात्रियों की संख्या 1162 रही। चीड़बासा, गौरीकुंडद्ध से 75 तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं विभिन्न स्थानों पर फंसे करीब 1000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई गतिमान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

31 जुलाई की अतिवृष्टि से 15 लोगों की मौत
उन्होंने बताया कि वहीं 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण 15 लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं एक अगस्त को देहरादून के सहसत्रधारा में स्नान करते समय पैर फिसलने से 02 लोगों की मौत हुई, जो मानवीय भूल की श्रेणी में दर्ज है। इस प्रकार कुल 17 यात्रियों की मृत्यु हुई है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर करीब 150 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है। इनके परिजन उनकी तलाश में हैं, लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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