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March 14, 2025

उत्तराखंड सरकार के ग्रेड पे के फार्मूले से पुलिस के जवानों में निराशा, अब इंस्पेक्टर के वेतनमान की उम्मीद को झटका

उत्तराखंड में पुलिस के जवानों के परिजनों के ओर से काफी समय से ग्रेड पे 4600 रुपये करने की मांग की जा रही थी। इसका सरकार ने नया तोड़ निकाला और अब सरकार के साथ ही बीजेपी के नेता इसे राज्य में सबसे बड़ा कदम बता रहे हैं। वहीं, यदि आंकड़ों की बाजीगरी को देखा जाए तो जवानों को इस नए वेतनमान से ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही एक नया एएसआई का सृजित करने से अब उनके पूरे जीवनकाल में सेवा के दौरान इंस्पेक्टर के वेतनमान पर पहुंचने की संभावना को भी झटका लगा है। (खबर जारी अगले पैरे पर देखिए)

ये है सरकार की घोषणा
सरकार की ओर से बताया गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पुलिस जवानों की ग्रेड पे की समस्या का एक अच्छा समाधान किया गया है। राज्य में पुलिस विभाग में कांस्टेबलों के 17500 पद हैं और हेड कांस्टेबल के 3440 पद हैं। राज्य में एडिशनल एसआई (एएसआइ) का एक भी पद नहीं है। पुलिस जवानों को समय से प्रोन्नति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हेड कांस्टेबल रैंक के 1750 नए पद सृजित करने का निर्णय किया गया है। साथ ही एडिशनल एसआई का नया रैंक सृजित करते हुए 1750 नए पद स्वीकृत करने के आदेश जारी किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका ग्रेड पे 4200 होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा विश्वास है कि इससे जवानों को प्रोन्नति के ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे। (खबर जारी अगले पैरे पर देखिए)

पहले था 4600, राज्य बनने के बाद वालों को नहीं मिला
पांचवे वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक, प्रमोशन नहीं होने की स्थिति पर जवान को समयमान वेतनमान की व्यवस्था है। इसमें जवान को आठ साल बाद हेड कांस्टेबल का वेतनमान देने की सिफारिश है। सारे सरकारी विभागों में यही नियम है। इसके बाद छठे वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक, 10, 16, 26 साल की सेवा के बाद समयमान वेतनमान की व्यवस्था है। यानि की एक जवान 10 की सेवा के बाद हैडकांस्टेबल के 2400 का वेतनमान पाएगा। इसके बाद 16 साल की सेवा के बाद सब इंस्पेंक्टर का 4600 रुपये का उसे वेतनमान मिलेगा। इसके बाद 26 साल की सेवा के बाद वह इंस्पेक्टर का वेतनमान लेना का हकदार होगा। वहीं, पुलिस में पहले से सब इंस्पेक्टर का वेतनमान 4600 रुपये था। जिसे 17 फरवरी 2017 में एसीपी के तहत 10, 20, 30 कर दिया गया। यानि कि पहले जहां 16 साल के बाद प्रमोशन होने से उसकी अवधि बढ़ाकर 20 साल कर दी गई। वहीं, 20 साल बाद वेतनमान 2800 रुपये कर दिया गया। इससे भी जवानों को नुकसान हुआ। यानि पूरे जीवनकाल में एक जवान को तीन प्रमोशन या उसके सापेक्ष वेतनमान की व्यवस्था है। (खबर जारी अगले पैरे पर देखिए)

नया पद सृजित करने से ये होगी परेशानी
अब नई व्यवस्था के चलते पहले जवान को हैडकांस्टेबल, फिर एएसआइ और तीसरा वेतनमान सब इंस्पेक्टर का मिलेगा। इसी वेतनमान में वह रिटायर्ड भी हो जाएगा। ऐसे में कांस्टेबल के पद से भर्ती होने वाला सब इंस्पेक्टर के पद पर ही रिटायर्ड होगा। ऐसे में नई व्यवस्था को प्रमोशन की बजाय डिमोशन माना जा रहा है। (खबर जारी अगले पैरे पर देखिए)

इस तरह समझे आंकड़ा
सूत्र बताते हैं कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार के दौरान तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने सब इंस्पेक्टर का वेतनमान हरीश रावत ने 4600 कर दिया। सचिवालय, पुलिस व अन्य विभागों में इस ग्रेड का लाभ उन्हें मिला जो काफी पुराने कार्मिक थे। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद जो पुलिस में भर्ती हुए उन्हें ये लाभ नहीं मिल पाया। नई व्यवस्था का लाभ भी उन्हें ही मिलेगा जो कई सालों से ग्रेड पे का इंतजार कर रहे हैं। अधिकांश पुरानों जवानों को 4600 रुपये का वेतनमान मिल रहा है। यदि पुराने जवानों को प्रोन्नति दी जाती है तो उन्हें कोई लाभ नहीं मिलने वाला। वहीं, नए जवान करीब 2800 हैं। राज्य बनने के नए जवानों को 20 साल नौकरी के बाद 4200 रुपये का मानदेय मिलने से उन्हें मात्र 2472 की वेतन बढ़ोत्तरी का लाभ मिलेगा। यदि उन्हें पहले से ये वेतनमान देते तो उनके वेतन में दस हजार रुपये की बढ़ोत्तरी होती। साथ ही नया एएसआइ का पद सृजित होने से अब अधिकांश पुलिस के जवान जीवनकाल में एसआइ से आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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