धनतेरस आज, कीजिए इन चीजों की खरीददारी, भूलकर भी घर ना लाएं ये चीजें
आज धनतेरस का त्योहार है। पंच-पर्व दीपावली का पहला पर्व धनतेरस से आरंभ हो जाता है। इस बार पराक्रम योग के साथ आज शुक्रवार 10 नवम्बर को धनतेरस मनाया जा रहा है। इसके बाद छोटी दिवाली, दीपावली, गोवर्धन पूजा और फिर भैया दूज है। धनतेरस के दिन शुक्र प्रदोष भी रहेगा। जिस कारण से शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है। साथ ही विष कुंभ योग भी है। यदि प्रदोष काल, स्थिर लग्न यानि वृषभ लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दिन मनाया जाता है धनतेरस
हर वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इसी तिथि पर भगवान धन्वंतरि सोने के कलश के साथ प्रकट हुए थे। साथ ही त्रयोदशी के दिन ही आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि जी की जयंती भी मनाई जाती है। धनतेरस पर नई चीजों की खरीदारी का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है जो कोई भी धनतेरस के दिन खरीदारी करता है, उसके घर पर सुख और समृद्धि आती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई वस्तुएं कई वर्षों तक शुभ फल प्रदान करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
प्रदोष काल- शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 25 मिनट तक है।
वृषभ लग्न का मुहूर्त- शाम 6 बजकर 8 मिनट से रात्रि 8 बजकर 5 मिनट तक है।
दीपदान के लिए मुहूर्त – शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर रात्रि 8 बजकर 26 मिनट तक का समय शुभ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस पर खरीददारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अच्छा माना जाता है। पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन आज यानी 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 11 नवंबर की सुबह तक खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त है। इस बार खरीददारी के लिए धनतेरस पर दोपहर से शाम तक शुभ समय रहेगा। विशेषकर दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से 2 बजकर 6 मिनट तक और फिर सायं 4 बजकर 16 मिनट से 5 बजकर 26 मिनट तक श्रेष्ठ समय रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में बर्तन और सोने-चांदी के अलावा वाहन, जमीन-जायदाद के सौदे, लग्जरी चीजें और घर में काम आने वाले अन्य दूसरी चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
इस साल धनतेरस मनाने का समय 10 नवंबर को दोपहर 12:35 से शुरू हो रहा है। यह 11 नवंबर को दोपहर 01:57 बजे पर खत्म होगा। इस दौरान आप गोल्ड खरीद सकते हैं।
धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं सोना-चांदी
हिंदुओं का मानना है कि देवी लक्ष्मी, जिन्हें धन की देवी भी कहा जाता है, धन प्रदान करने, आय के अवसर बढ़ाने, व्यावसायिक संभावनाओं और सफलता के लिए भगवान धन्वंतरि के साथ घर आती हैं। सोना और अन्य कीमती धातुएं शुभ और सौभाग्य और धन लाने वाली मानी जाती हैं। दीपावली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है, पूरे भारत में व्यापक रूप से मनायी जाती है। लोग पूजा करते हैं, अनुष्ठान करते हैं। अपने घरों को दीयों, रंगोली, आभूषणों और रोशनी से सजाते हैं। स्वादिष्ट मिठाइयां खाते हैं और नए पारंपरिक कपड़े पहनते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दुकानदार से मांगे सिक्का, चमकेगा भाग्य
ऐसी मान्यता रही है कि आज के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। इसलिए आज के दिन बर्तन खरीदने के परम्परा चली आ रही है। जब आप धनतेरस के दिन बर्तन खरीद लें और उस बर्तन का पैसा चुका दें तो दुकानदार को कहें कि अपनी ओर से जितनी उसकी इच्छा हो एक सिक्का उस बर्तन में भेंट स्वरूप रख दे। यह सिक्का दुकानदार से आप हाथ में नहीं लें, बल्कि स्वयं दुकानदार ही आपके खरीदे गए बर्तन में डाले। फिर इस बर्तन को घर ले आएं और घर लाकर इस बर्तन में खीर अथवा मिठाई रखकर सबसे पहले भगवान कुबेर को अर्पित कर दीजिए। आस्था है कि ऐसा करने से आपकी किस्मत बदलेगी और सभी दुर्भाग्य-सौभाग्य में बदल जायेंगे।
नोटः यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। जो पंचांग की गणना, ज्योतिष के विचार आदि पर हैं। इसे हम संयोजन कर आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये चीजें खरीदना होता है शुभ
धनतेरस पर लोग सोने-चांदी के अलावा तांबा, पीतल और चांदी के बर्तन भी खरीदते हैं। धनतेरस पर धातु या मिट्टी की लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन आप उपकरण, वाहन, फोन, लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव आदि भी खरीद सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस पर करें इन चीजों की खरीददारी
-धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा बर्तन, वाहन और कुबेर यंत्र खरीदना शुभ होता है।
-इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
-वहीं यदि धनतेरस के दिन आप कोई कीमती वस्तु नहीं खरीद पा रहे हैं तो साबुत धनिया जरूर घर ले आएं। मान्यता है इससे धन की कभी कमी नहीं होती है।
-इसके अलावा आप गोमती चक्र भी खरीद सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस पर ना करें इन चीजों की खरीददारी
-इस दिन लोहा या लोहे से बनी वस्तुएं घर लाना शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार यदि आप धनतेरस के दिन लोहे से बनी कोई भी वस्तु घर लाते हैं, तो घर में दुर्भाग्य का प्रवेश हो जाता है।
-धनतेरस पर एल्युमिनियम या स्टील की वस्तुएं न खरीदें। मान्यता है कि स्टील या एल्युमिनियम से बने बर्तन या अन्य कोई सामान खरीदने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं।
-ज्योतिष के अनुसार यदि आप धनतेरस के दिन घर में कोई भी प्लास्टिक की चीज लेकर आएंगे तो इससे धन के स्थायित्व और बरकत में कमी आ सकती है, इसलिए धनतेरस के दिन प्लास्टिक की वस्तुएं भी न खरीदें।
-धनतेरस के शुभ अवसर पर शीशे या कांच की बनी चीजें भी बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार धनतेरस के दिन चीनी मिट्टी या बोन चाइना की कोई भी वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस पर करें ये उपाय
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और भगवान गणेश जी की पूजा करें।
-धनतेरस के दिन घर और बाहर 13 दीपक जलाने से बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
-दान करना पुण्य कर्म है। माना जाता है कि, दान करने से पिछले जन्म के पाप धुल जाते है। धनतेरस के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है।
-इस दिन यदि आप सूर्यास्त से पहले दान करते हैं तो आपको धन की कमी नहीं होगी। हालांकि इस दिन सफेद कपड़ा, चावल, चीनी आदि का दान नहीं करना है। -धनतेरस पर पशुओं की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यमराज के लिए दीपदान
धनतेरस पर यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है। आस्था है कि यमराज के निमित दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती। इसके लिए संध्याकाल के समय आप आटे का चौमुखी तेल का दीपक बनाकर उसे अपने घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की तरफ लगाये। साथ ही उसमें थोड़ी सरसों, कालीमिर्च और लौंग डाल दें। इसी के साथ ही आप दीपदान अवष्य करें। इसके लिए आप 13 ही दीपक घर के अंदर प्रज्जवलित कर सजाएं। साथ ही किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दीपक, रूई, तेल, माचिस दान देते हैं तो यम देवता प्रसन्न होंगे और आपके जीवन से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाएगा। माँ लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धनतेरस कथा
पौराणिक कथा के अनुसार जब अमृत प्राप्ति के लिए देवताओं और दानवों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था, तो एक-एक करके उससे क्रमशः चौदह रत्नों की प्राप्ति हुई। समुद्र मंथन के बाद सबसे अंत में अमृत की प्राप्ति हुई थी। कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र से अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। जिस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए वह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी, इसलिए धनतेरस या धनत्रयोदशी के दिन धन्वंतरि देव के पूजन का विधान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस जरूरी काम को करते समय रखें ये ध्यान
लक्ष्मी प्राप्ति कल्पों में से एक बहुत ही जरूरी सामग्री झाडू है। धनतेरस तथा दीपावली के दिन झाडू खरीदने की परंपरा सदियो पुरानी है। इस दिन नई झाडू को खरीदकर उसका पूजन करें और इसे खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह विषम संख्या में खरीदा जाए। यानि एक, तीन, पांच या सात। इस तरीके से झाडू खरीदना सौभाग्यदायक माना जाता है। दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी पूजन के बाद कुंकुंम तथा चावल से इस झाडू का भी पूजन करें। उस पर पांच बार मोली लपेट दें और किसी स्वच्छ स्थान पर रख दें। फिर अगले दिन से उसे उपयोग में लें। ऐसा करने से माँ लक्ष्मी की कृपा के साथ-साथ घर की सारी नेगेटिव एनर्जी भी दूर हो जाएगी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।