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April 24, 2025

संस्कार परिवार देहरादून की ओर से हरिद्वार कुंभ में लगाया जा रहा है देवभूमि दिव्य ग्राम शिविर

देव भूमि उत्तराखंड के गावों को योग, आयुर्वेद,अध्यात्म और वैलनेस ग्राम के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में देवभूमि दिव्य ग्राम शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

देव भूमि उत्तराखंड के गावों को योग, आयुर्वेद,अध्यात्म और वैलनेस ग्राम के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में देवभूमि दिव्य ग्राम शिविर का आयोजन किया जा रहा है। देहरादून स्थित माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव के सहयोग से लगाया गया यह शिविर 27 अप्रैल तक भारत माता मंदिर हरिद्वार के समीप श्री राम धाम भक्तों का आश्रम में चलेगा। शिविर की शुरूआत 25 मार्च से की गई थी।
आयोजक आध्यात्मिक गुरु आचार्य विपिन जोशी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि शिविर में नियमित रूप से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा अर्चना, यज्ञ, भजन कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही नियमित रूप से कोरोना संकटकाल में श्रद्धालुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष महाकुंभ योग शिविर का भीआयोजन किया गया है।
उन्होंने बताया कि 12 कुंभों के आयोजन की कड़ी मे 25 मार्च को कला कुंभ के आयोजान मे उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला के प्रदर्शन के साथ ही उत्तराखंडी चित्रकारों के चित्र एवं चीड की पत्तियों और रिगाल से बने हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया। युवा कुंभ मे 28 मार्च को उत्तराखंड के युवाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए रिवर्स पलायन और स्वरोजगार अपनाने पर चिंतन किया गया। संस्कृत कुंभ 31 मार्च को आयोजित होगा। इसमें मुख्य रूप से प्रोफेसर महावीर अग्रवाल पूर्व कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय एवं प्रति कुलपति पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार एवं संस्कृत के विद्वानों के सानिध्य में देव वाणी संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन पर मंथन किया जाएगा।
आयुर्वेद कुंभ 3 अप्रैल को होगा। डॉ सुनील कुमार जोशी कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं आयुर्वेद के विद्वानों के सानिध्य में उत्तराखंड के गावों को आयुर्वेद ग्राम के रूप में विकसित करने के साथ-साथ जड़ी-बूटी उत्पादन एवं उत्तराखंड को वैलनेस का एक बड़ा हब बनाने पर मंथन किया जाएगा। 4 अप्रैल को योग कुम्भ मे भारतवर्ष में योग विज्ञान को शैक्षिक रूप से आरंभ करने वाले और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व योग विभागाध्यक्ष वर्तमान में शांतिकुंज हरिद्वार में योग में मार्गदर्शन कर रहे डॉक्टर ईश्वर भारद्वाज एवं योग के अन्य विद्वानों के सानिध्य में देवभूमि उत्तराखंड को योग भूमि बनाने के संकल्प के साथ योग के विकास पर चिंतन मंथन किया जाएगा। साथ ही योग पर आधारित प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा।
इस दौरान कोरॉना काल में योग की प्रासंगिकता विषय पर परिचर्चा भी होगी। 7 अप्रैल को काव्य कुम्भ मे प्रसिद्ध कवि डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, श्रीकांत शर्मा, राकेश तिवारी, सुनील कुमार त्यागी अमित, महेंद्र माही, डॉ रमेश रमन, डॉक्टर प्रकाश चंद पंत दीप आदि कवि कुम्भ पर आधारित काव्य पाठ करेंगे। वेद कुम्भ के आयोजन में 10 अप्रैल को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रोफेसर रुप किशोर शास्त्री, प्रो0 मनुदेव बंधुगु प्रोफ़ेसर वेद गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, डॉ अरूण मिश्र, हरेंद्र उपाध्याय आदि वेद के विद्वानों की गरिमामई उपस्थिति में वेदों के संरक्षण और संवर्धन पर मंथन और चिंतन किया जाएगा।1
6 अप्रैल शक्ति कुम्भ मे डॉ रश्मि त्यागी रावत (धर्मपत्नी मुख्यमंत्री उत्तराखंड) एवं श्रीमती दीपा ओमप्रकाश (धर्मपत्नी मुख्य सचिव उत्तराखंड) की उपस्थिति में मातृ शक्ति के विकास और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर चिंतन और मंथन किया जाएगा। स्वरोजगार कुम्भ 18 अप्रैल को आयोजित होगा। इसमें युवाओं के कौशल विकास और स्वालंबन स्व रोजगार पर चिंतन मंथन का आयोजन होगा। संस्कृति कुंभ 21 अप्रैल को होगा। इसमें राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति सम्मान से अलंकृत और आकाशवाणी की पहली महिला संगीत निर्देशक डॉ माधुरी बडथ्वाल और मंडली की उपस्थिति में संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन पर चिंतन किया जाएगा। 24 अप्रैल पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित अनुराग रमोला एवं पद्मभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी जी के सानिध्य में बाल संस्कारों और विकास पर चिंतन और मंथन किया जाएगा।
संगीत कुंभ 25 अप्रैल को होगालोक गायक किशन महिपाल, स्वर कोकिला मीना राणा एवं उभरते गायक गिरीश सनवाल पहाड़ी के सानिध्य में उत्तराखंड के लोकगीतों के मौलिक स्वरूप को बचाने के लिए चिंतन और मंथन किया जाएगा। 27 अप्रैल की पूर्णाहुति के साथ वह खुद कुंभ कलश के साथ काठगोदाम रवाना होंगे और 28 अप्रैल प्रातः से काठ गोदाम से अद्वैत आश्रम मायावती लोहाघाट तक उत्तराखंड के युवाओं और मातृ शक्ति को स्वामी विवेकानन्द जी के कर्मयोग और स्वालंबन के विचार से जोड़ने के लिए 150 किलोमीटर लंबी पद यात्रा करेंगे।
स्वामी विवेकानन्द जी की ओर से यह पदयात्रा 1900/1901 में काठगोदाम से मायावती तक पदयात्रा की थीं। उसी पद यात्रा के मार्ग पर पदयात्रा की जाएगी। ताकी उत्तराखंड के युवाओं को स्वामी के विचारों से जोड़ कर उनके अंदर स्वालंबन और स्वरोजगार की भावना उत्पन्न की जा सके। पत्रकार वार्ता में एडवोकेट तनुज जोशी, योगाचार्य नीलम चौहान, योगाचार्य नीरज डोभाल, योगाचार्य रमेश शर्मा, योग प्रशिक्षक विनय प्रकाश आदि उपस्थित रहें।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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