दिल्ली शराब नीतिः तीन राज्यों में 35 ठीकानों पर ईडी की छापेमारी, सबूत मिल भी रहे हैं- या फिर राजनीतिक लाचारी
दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद समेत देशभर के कुल 35 जगहों पर ये छापेमारी चल रही है। मामले में ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। इससे पहले सितंबर में ईडी ने छापेमारी के बाद शराब कारोबारी समीर महेंद्रू समेत दो को गिरफ्तार किया था। इन राज्यों में शराब व्यवसायियों, वितरकों और आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की जा रही है। ईडी की कार्रवाई शुक्रवार तड़के शुरू हुई, जब एजेंसी की टीमों को मुख्यालय से छापेमारी वाले स्थानों के लिए निकलते देखा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उधर, शराब नीति मामले में ही गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के संचार प्रभारी और कारोबारी विजय नायर को कल (गुरुवार) ही दिल्ली की एक अदालत ने दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने नायर को गिरफ्तार किया था, जिसमें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी एक आरोपी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अभियोजन के मुताबिक, नायर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची। इसके एक हिस्से के तहत दिल्ली सरकार की आबकारी नीति, 2021-2022 तैयार करके इस पर अमल किया गया। अभियोजन में दावा किया गया है कि इसकी मंशा सरकार को चूना लगाकर शराब निर्माताओं और इसके वितरकों को अनुचित और अवैध लाभ प्रदान कराने की थी और इस नीति के परिणामस्वरूप सरकार को बड़ा राजस्व नुकसान हुआ। हालांकि दिल्ली सरकार ने इस शराब नीति को वापस ले लिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उप मुख्यमंत्री मनीष समेत आरोपी लोक सेवकों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलफ भारतीय दंड संहिता और अन्य भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी के मुताबिक बिना सक्षम प्राधिकारियों से अनुमति लिये, आरोपी लोक सेवकों ने आबकारी नीति के बारे में फैसला लेने में महती भूमिका निभाई। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों की मंशा शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को लागू अपनी नयी आबकारी नीति को वापस लेते हुए एक सितंबर 2022 से पुरानी आबकारी व्यवस्था बहाल कर दी थी। वहीं, सीबीआइ भी इस मामले में कई बार छापेमारी कर चुकी है। उधर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि आज तक कहीं भी किसी छापेमारी में कुछ नहीं मिला। ना ही मिलेगा। क्योंकि ये सारी कार्रवाई राजनीतिक दृष्टि से की जा रही है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।