मुख्य सचिव से मिला अधिकारी कर्मचारी शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल, सोमवार को जारी होंगे महंगाई भत्ते के आदेश
उत्तराखंड में राज्य कर्मियों, शिक्षकों और अधिकारियों की समस्याओं को लेकर आंदोलनरत उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के प्रतिनिधियों को प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया।

किया जा रहा है आंदोलन
गौरतलब है कि कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों की मांगों के निस्तारण को सरकार पर दबाव बनाने को गठित साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की ओर से आंदोलन के तहत विभिन्न सरकारी कार्यालयों के समक्ष गेट मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। पांचवे दिन शुक्रवार को देहरादून में शिक्षा महानिदेशक के नूनूरखेड़ा स्थित कार्यालय पर गेट मिटिंग की गई। गेट मीटिंग का कार्यक्रम 19 सितंबर तक चलेगा। आंदोलन के दूसरे चरण में 20 सितंबर को प्रदेश के समस्त जनपदों में जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना/प्रर्दशन किया जाएगा। 27 सितंबर को देहरादून राजधानी में सहस्त्रधारा रोड़ एकता बिहार स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना/प्रर्दशन किया जाएगा। पांच अक्टूबर को देहरादून राजधानी में प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली आयोजित की जायेगी। उसी दिन आगामी अनिश्चित कालीन आन्दोलन की घोषणा की करने की कार्मिकों की रणनीति है।
शासन ने किया वार्ता के लिए आमंत्रित
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के प्रवक्ता अरुण पांडे ने बताया कि कल 10 सितंबर की रात आठ बजे मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू की ओर से समिति को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। इस पर समन्वय समिति का प्रतिनिधिमंडल सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार सभागार में मुख्य मुख्य सचिव से मिला। इस दौारन समन्वय समिति के मांग पत्र पर विस्तार से चर्चा की गई।
सीएस ने दी ये जानकारी
बैठक की शुरुआत करते हुए मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि शासन व सरकार की ओर से वित्तीय उपासय से जुड़े हुए प्रकरणो की सुनवाई के लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंहकी अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। जो कि समस्त कार्मिक संगठनों से वित्तीय प्रकरण से संबंधित मांगों को पर विचार विमर्श कर शीघ्र ही शासन व सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके अतिरिक्त कार्मिक संगठनों की ओर से की जा रही मांग में जिन विषयों पर वित्तीय उपासय नहीं है, उन विषयों पर सुनवाई के लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। मुख्य सचिव महोदय ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया की शासन व सरकार सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए समन्वय समिति द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र में अंकित मांगों के निराकरण हेतु शीघ्र अति शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। इसीलिए उन्होंने स्वयं भी प्रदेश के कार्मिकों की समस्याओं को समझने के लिए समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
18 सूत्रीय मांग पत्र पर की गई चर्चा, जीओ जारी करने के आदेश
बैठक में मुख्य सचिव ने समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल की ओर से एसीपी, शिथिलीकरण, गोल्डन कार्ड, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मांग, वाहन चालक संघ की मांग, शिक्षकों की मांग, निगम और निकायों के राज्य कर्मियों की भांति सुविधा की मांग इत्यादि पर बड़ी गंभीरता से सुना। साथ ही आश्वस्त किया कि शीघ्र ही एक बैठक पुन: करके समस्त लंबित समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल ने अवगत कराया कि महंगाई भत्ते की घोषणा मुख्यमंत्री की ओर से कर दी गई है, किंतु शासनादेश जारी नहीं किया जा रहा है। इस पर मुख्य सचिव ने अपने स्टाफ आफिसर अरविंद सिंह हयाकी को सोमवार को शासनादेश जारी कराने के लिए निर्देशित किया गया।
दूर होगी गोल्डन कार्ड की दिक्कतें
इसी प्रकार गोल्डन कार्ड योजना की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा की योजना अत्यंत उपयोगी है उसमें जो भी कमियां है, उनको वह तत्काल दूर करने के लिए कार्यवाई कर रहे हैं। शीघ्र ही प्रदेश के समस्त कार्मिक एवं परिजनों को इसका पूर्ण लाभ उनकी मांग के अनुसार प्राप्त होगा। शिथलीकरण की समस्या पर भी मुख्य सचिव ने कार्मिकों की विचार सुनकर उसको लागू कराने हेतू सकारात्मक रुख दिखाया। अन्य समस्याओं के निराकरण में भी उन्होंने अवगत कराया कि वह इन बिंदुओं पर शासन के अधिकारियों के विचार जान चुके हैं। अब कार्मिकों का भी विचार सुनकर उन्हें एक बैलेंस निर्णय लेने में अत्यंत सुविधा होगी।
कार्मिकों को भी सुना जाए
मुख्य सचिव की ओर से प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर चर्चा किए जाने पर समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल ने अनुरोध किया कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति का सुधार करने के लिए कार्मिक संगठनों को भी सुना जाए। इससे विभिन्न स्थानों पर हो रहे अपव्यय पर रोक लगाई जा सके। प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की जा सके। इस पर उन्होंने सहमति जताते हुए आश्वासन दिया कि शीघ्र ही कार्मिक संगठनो से भी प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु सुझाव मांगे जाएंगे।
ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्य सचिव के स्टाफ आफिसर अरविंद सिंह ह्यांकी, समन्वय समिति की ओर से प्रताप सिंह पवार, अरुण पांडे, पूर्णानंद नौटियाल, शक्ति प्रसाद भट्ट, बनवारी सिंह रावत, दिनेश गुसाईं, संदीप मौर्य, चौधरी ओमवीर सिंह, दीपचंद बुडलाकोटी, राकेश रावत, निशंक सिरोही, त्रिलोक सिंह बिष्ट, कुंवर सिंह रावत आदि कर्मचारी नेताओं ने भाग लिया।
ये हैं कार्मिकों की मांगे
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों/शिक्षकों/निगम/निकाय/पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-केन्द्र सरकार की भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11 फीसद मंहगाई भत्ते की घोषणा शीघ्र की जाए।
5-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
6-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
7-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
8-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
10-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
11-सिंचाई विभाग को गैर तकनीकी विभागों (शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग आदि) के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में स्थाई रूप से अधिकृत कर दिया जाए।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदंडो के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा “अतिउत्तम” के स्थान पर “उत्तम” की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/एसीपी/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते/निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।