बस्ती बचाओ आन्दोलन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से की भेंट, एलिवेटेड रोड का किया विरोध, प्रभावितों की समस्या के समाधान की मांग

देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के विरोध में बस्ती बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में मुख्य सचिव आनन्द बर्धन से भेंट की। इस मौके पर उन्होंने एनजीटी के आदेश की आड़ में बस्तियों को ना उजाड़ने की मांग की। साथ ही प्रभावितो की समस्या के समाधान की मांग भी की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि इन नदियों के किनारे बड़ी संख्या में मकान चिह्नित किए गए हैं। एलिवेटेड रोड के तहत भूमि और मकानों के अधिग्रहण पर सर्वोच्च न्यायालय के पुर्नवास एवं मुआवजे के प्रावधान एवं भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों का लाभ सभी प्रभावितों को दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि आपके राज्य के मुख्यसचिव का पद ग्रहण करने के तुरंत बाद आपने सार्वजनिक रूप से प्रभावितों के लिए पुर्नवास मुआवजे की घोषणा एवं हाल में हाईकोर्ट उत्तराखंड की ओर से सभी प्रभावितों के पुर्नवास एवं मुआवजे देने को कहा गया था। इससे प्रभावितों में आशा जगी तथा सभी ने इस फैसले का स्वागत किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अनुभव बताता है कि भूमि एवं सम्पत्ति अर्जन का मामला बेहद जटिल एवं संवेदनशील होता है, जब इसमें पारदर्शिता कि कमी हो तो मामले सालों तक लटक जाते हैं। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यसचिव से अनुरोध किया है कि हर स्तर पर पारदर्शिता का ध्यान रखा जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
की गई ये मांग
1- एनजीटी के आदेश के नाम पर बिन्दाल में अवैध घोषित 873 एवं रिस्पना के लगभग 500 मकानों पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप तथा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अन्तर्गत समुचित मुआवजे एवं पुर्नवास की व्यवस्था सुनिश्चित कि जाये।
2- प्रभावितों के लिए बाजार रेट के हिसाब से तय मुआवजे एवं समुचित पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने किया जाए। एवं उनके प्रभावित रोजगारों कि क्षतिपूर्ति सहित प्रभावित अनूसूचित जाति,जनजाति एवं विकलांग तथा सामाजिक रूप से कमजोर हिस्सों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाये।
3 -शासन, जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि प्रभावितों के हित लाभ को सुनिश्चित करने के लिए न्यायोचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
4- प्रभावित नागरिकों की समिति बनाकर सभी मामलों में न्यायसंगत कार्यवाही करते हुए सभी प्रभावितों का विस्थापन रिस्पना, बिन्दाल के इर्दगिर्द के क्षेत्रों में ही किया जाये।
5- सरकार अपने वायदे के अनुरूप बस्तीवासियों को मालिकाना हक दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएस ने दिया आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल को मुख्य सचिव न्यायोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में बस्ती बचाओ आन्दोलन के संयोजक अनन्त आकाश, सीआईटीयू महामंत्री लेखराज, जनवादी महिला समिति की जिलाध्यक्ष नुरैशा अंसारी तथा समाजसेवी मौहम्मद अल्ताफ, बस्ती बचाओ अभियान की महामंत्री प्रेंमा गढ़िया आदि शामिल थे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।