देहरादून के शायर एवं पत्रकार दर्द गढ़वाली की ग़ज़ल -सोचकर देखा बारहा खुद को
सोचकर देखा बारहा खुद को।
फिर किया हमने आइना खुद को।।
मैकदे से निकलते देखा है।
कह रहा था जो पारसा खुद को।।
दूर तक जब गई खबर अपनी।
कर लिया हमने अनसुना खुद को।।
जो लिखा था वही तो होना था।
छोड़ दे यार कोसना खुद को।।
ढूंढ़ते आएंगी हमें मंजिल।
कर लिया हमने रहनुमा खुद को।।
फा़तिहा खुद का खुद पढ़ा हमने।
फिर कहा हमने अलविदा खुद को।।
साथ रोए-हंसे अभी तक हम।
चल कहें कुछ तो शुक्रिया खुद को।।
रातभर रतजगा किया हमने।
देखकर रात ग़मज़दा खुद को।।
रास्ता रोकते भला कब तक।
दे दिया ‘दर्द’ रास्ता खुद को।।
दर्द गढ़वाली का परिचय
नामः लक्ष्मी प्रसाद बडोनी
उपनामः दर्द गढ़वाली
जन्म तिथिः 23 अक्टूबर 1965
जन्म स्थानः उत्तरकाशी
मूल निवासीः भटवाड़ा, टिहरी गढ़वाल
वर्तमान पताः बडोनी भवन
देवपुरम कालोनी, लोअर तुनवाला
देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइलः 09455485094
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। जो पत्रकारिता के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।