देहरादून के शायर एवं पत्रकार दर्द गढ़वाली की गजल-कब तक खुद को समझाएंगे
कब तक खुद को समझाएंगे।
ऐसे तो हम मर जाएंगे।।
झूठे ख्वाबों से यारो हम।
यूं कब तक मन बहलाएंगे।।
मत आओ झांसे में इनके।
बस बातों से बहलाएंगे।।
महंगाई डायन के हाथों।
राह सरे ये पिटवाएंगे।।
कुर्सी है बस इनका मकसद।
इक दिन बस्ती दहलाएंगे।।
रोको रोको इनको रोको।
हम सबको ये मरवाएंगे।।
अच्छे दिन का वादा करके।
तारे दिन में गिनवाएंगे।।
सच्ची बात करे जो, बागी।
कहकर जेल में डलवाएंगे।।
यार इरादे समझो इनके।
अब हमको ही लड़वाएंगे।।
वोटों की खातिर घर देंगे।
फिर इक दिन खुद तुड़वाएंगे।।
नाहक उम्मीद लगाए हो।
घाव हमारे सहलाएंगे।।
दर्द गढ़वाली का परिचय
नामः लक्ष्मी प्रसाद बडोनी
उपनामः दर्द गढ़वाली
जन्म तिथिः 23 अक्टूबर 1965
जन्म स्थानः उत्तरकाशी
मूल निवासीः भटवाड़ा, टिहरी गढ़वाल
वर्तमान पताः बडोनी भवन
देवपुरम कालोनी, लोअर तुनवाला
देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइलः 09455485094
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। जो पत्रकारिता के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत सुन्दर रचना