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October 13, 2025

कौन बनेगा करोड़पति जूनियर स्पेशल में देहरादून की एंजल नैथानी ने जीते साढ़े 12 लाख रुपये, अमिताभ के लिए सुनाया स्कूल की प्रार्थना सभा का संस्कृत गीत

देहरादून की एंजल नैथानी ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ पर 12.5 लाख रुपए जितने में कामयाबी हासिल की। देहारदून में सहस्त्रधारा रोड स्थित न्यू दून ब्लॉसम्स स्कूल में छठी कक्षा के डी सेक्शन में पढ़ने वाली इस नन्हीं बच्ची को हाजिर जवाबी और आत्मविश्वास से भरे 12 सवालों के जवाब ने यह पुरस्कार दिलाया। एंजेल की चुलबुली बातें शो के होस्ट अमिताभ बच्चन को भी भा गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जूनियर स्पेशल की हॉट सीट पर बैठने वाली एंजल उत्तराखंड की पहली बेटी हैं। टीवी का मशहूर क्विज शो कौन बनेगा करोड़पति सीजन-17 के जूनियर स्पेशल जैसे बड़े मंच पर उत्तराखंड की 11 वर्षीय बेटी जब कमाल कर घर लौटी तो उनके आस पड़ोस के लोगों ने उसे फूल मालाओं से लाद दिया। एंजल के पिता मुकेश कुमार नैथानी उत्तराखंड सचिवालय के राज्य संपत्ति विभाग में मैनेजर के पद पर तैनात हैं और माता प्रीति नैथानी गृहणी हैं। उनका परिवार देहरादून के रायपुर रोड स्थित मालदेवता के केसरवासला में रहता है। उनके पिता मूल रूप से पौड़ी जिले के निवासी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

एंजल बीते दो साल से इस कार्यक्रम की तैयारी कर रही थीं। इस साल जब उनका चयन हुआ तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। हॉट सीट पर बैठने से पहले एजंल ने ऑडिशन, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार जैसे महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए। बीते 11 अक्तूबर को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का जन्मदिन मनाया गया। वहीं, तीन-चार अक्तूबर को एंजल का यह शो फिल्माया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान एंजल ने संस्कृत गीत से अमिताभ बच्चन को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं तो पूरा शो तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अमिताभ बच्चन ने एंजल की माता प्रीती से जब पूछा कि आप कुछ कहना चाहती हैं तो उन्होंने कहा कि बेटी ने आपके लिए संस्कृत में तैयार किया है। बस फिर क्या था महानायक की अनुमति मिलने के बाद एंजल ने अपने बेबाक अंदाज में गीत सुनाया तो उनके चेहरे पर भी खुशी की लहर साफ झलकी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हालांकि ये गीत न्यू दून ब्लॉसम्स स्कूल में अमूमन हर दिन प्रार्थना सभा में गाया जाता है, जिस दिन उस स्कूल में किसी बच्चे का जन्मदिन होता है। ये गीत उसने स्कूल से ही सीखा और स्कूल के हर बच्चे को हर दिन गाने पर ये गीत याद हो जाता है। कारण ये है कि हर दिन किसी ना किसी बच्चे का जन्मदिन होता है।  अंग्रेजी माध्यम से स्कूल में संस्कृत पर भी ध्यान देने के लिए स्कूल के प्रबंधन को साधुवाद। जिसने एंजल को यहां तक पहुंचाने में उसके ज्ञान को बढ़ाने में हर संभव मदद की। हमारी निगाह में इस जीत का श्रेय इस बालिका के माता पिता के साथ स्कूल प्रबंधन को भी जाता है।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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