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December 6, 2025

ग्राफिक एरा में संविधान दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता-धर्म निरपेक्षता की सही परिभाषा चाहता है आज का युवा

आजादी के अमृत महोत्सव के परिपेक्ष में संविधान दिवस का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, लिहाजा देहरादून में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग द्वारा इस अवसर पर वाद-विवाद एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

आजादी के अमृत महोत्सव के परिपेक्ष में संविधान दिवस का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, लिहाजा देहरादून में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग द्वारा इस अवसर पर वाद-विवाद एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में संविधान की मूल धारा, मूलभूत अधिकार एवं कर्तव्यों सहित संविधान के 42वें संशोधन, संघीय ढ़ांचा एवं जीने के अधिकार जैसे विषयों पर छात्र-छात्राओं ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय ‘संविधान के परिपेक्ष में धर्म निरपेक्षता’ रहा। इसमें युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किए। अधिकतर छात्र-छात्राओं का यह मत था कि धर्म निरपेक्षता को सही ढ़ंग से परिभाषित करने की आवश्यकता है। केवल संविधान के प्रस्तावना में इस शब्द को जोड़ देने से इसका राजनितिक उपयोग किया जा रहा है। इस कारण समाज के विभिन्न वर्गों में वैमनस्यता फेल रही है।

एमबीए प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को विश्वविद्यालय में खूब सराहना मिली। कई राउण्ड तक चली प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया तथा कई बार निर्णायक मण्डल को नतीजे घोषित करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी। निर्णायक सत्र में वाद-विवाद में श्रुति श्रीवास्तव एवं शिशिर श्रीवास्तव क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहे। तीसरे स्थान के लिए कई प्रतिभागियों ने समान अंक हासिल किए। अतः तीसरे स्थान पर विजेता का चयन नहीं किया जा सका।
वहीं भाषण प्रतियोगिता में गौरी जिन्दल, साक्षी बंसल एवं लोकेश पाठक क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। प्रबंधन विभाग के शोध छात्र मनदीप असवाल ने संविधान की मूल धारा पर व्याख्यान देते हुए कहा कि यदि हम संविधान के मूल को नहीं समझ सके तो वह केवल एक किताब की तरह हो जाएगा। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने संविधान के प्रति आस्था जताते हुए कुछ स्लोगन भी लिखे। जिनमें आदित्य जायवाल द्वारा लिखित -हित की रक्षा जो करे ऐसा यह विधान है जोड़ कर सबको रखे भारतीय संविधान है, को खूब पंसद किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. गिरिश लखेड़ा ने विजेता छात्रों का अभिनन्दन किया। प्रथम वर्ष की छात्रा लता जोशी ने छात्र समन्वयक की जिम्मदारी निभाई। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए विभागाध्यक्ष डा. नवनीत रावत ने अधिकारों के साथ-साथ संविधानिक कर्तव्यों का निर्वाहन करने पर बल दिया। मंच संचालन एमबीए प्रथम वर्ष की छात्रा शिवानी शर्मा एवं छात्र सार्थक बमोला ने किया। इस अवसर पर प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. एमपी सिंह, प्रो. अरविंद मोहन, सचिन घई, योगेश भट्ट, अभिषेक मिश्रा सहित विभाग के सभी फैकल्टी मेम्बर्स एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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