Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 2, 2025

उत्तराखंड के चारधामों के कपाट बंद होने की तिथि तय, जानिए कब बंद होंगे किस मंदिर के कपाट

उत्तराखंड में चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि घोषित कर दी गई। कपाट बंद होने के बाद आगामी छह माह तक इन धामों की पूजा धामों के गद्दीस्थल व डोली स्थल पर होगी। कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का भी समापन हो जाएगा।
15 नवंबर को गंगोत्रीऔर 16 नवंबर को यमुनोत्री के कपाट होंगे बंद
15 नवंबर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। दोपहर 12.15 मिनट पर कपाट बंद करने के शुभ मुहूर्त निकला है। इसके बाद 12:30 मिनट पर गंगोत्री धाम से मां गंगा की डोली मुखबा मुखीमठ के रवाना होगी और वहीं रात्रि विश्राम करेगी। अगले दिन सुबह 16 नवंबर को मुखीमठ में मां गंगाजी मुख्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगी। यहीं मां गंगा की शीतकालीन पूजा होगी। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन 16 नवंबर को बंद होंगे।
केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को होंगे बंद
करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को भैया दूज के दिन शीतकाल के लिए बंद होंगे। केदारनाथ धाम के कपाट प्रात: 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। पंचमुखी डोली 16 नवंबर रामपुर, 17 नवंबर को रामपुर ,18 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। यहीं आगामी छह माह तक भगवान भोले की पूजा होगी।
19 नवंबर को बंद होंगे मद्महेश्वर के कपाट
द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट की 19 नवंबर की प्रात: 7 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर की सुबह 11.30 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे। 4 नवंबर को उत्सव डोली चोपता, 5 नवंबर को भनकुन, 6 नवंबर को गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंचेगी।


19 नवंबर की को बंद होंगे बदीरनाथ धाम के कपाट
भगवान बदरी विशाल के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। तीर्थ पुरोहितों, रावल, हक हकूकधारियों, वेदपाठियों की उपस्थिति में पंचांग की गणना के बाद तय किया गया कि कपाट शाम तीन बजकर 35 मिनट पर बंद किए जाएंगे। इसके बाद बदरी विशाल की पूजा पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर में होगी। वहीं शकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर में पहुंचेगी।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *