हादसे का शिकार हुए क्रिकेटर ऋषभ पंत को अस्पताल में नहीं मिल रहा आराम, घरवाले परेशान

ऋषभ पंत के मुलाकातियों की भीड़ को अस्पताल प्रबंधन एक बड़ी समस्या करार दे रहा है। मैक्स अस्पताल के प्रशासनिक विंग के एक स्टाफ ने कहा कि पंत के लिए आगंतुकों को फिल्टर करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। अस्पताल में आने का समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4 बजे से शाम 5 बजे तक है। इस समय सीमा में केवल एक विजिटर मरीज से मिल सकता है। ऋषभ पंत का मामला एक हाइ-प्रोफाइल मामला है। इसके कारण अधिक लोग मिलने आ रहे हैं। इसलिए यह एक बड़ी समस्या है। यही नहीं, वहीं ऋषभ पंत के परिजनों का कहना है कि लगातार मुलाकातियों की संख्या बढ़ रही है। मुलाकात के लिए निर्धारित घंटों के बाद भी लोग उनसे मुलाकात करने आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डिवाइडर से टकराई थी पंत की कार
गौरतलब है कि शुक्रवार 30 दिसंबर की तड़के भारत के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत की लक्जरी कार हरिद्वार जिले में मंगलोर कोतवाली क्षेत्र में गुरुकुल नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के समीप मोड पर रेलिंग और खंभों से टकरा गई। डिवाइडर से टकराने के बाद आग पकड़ ली। 25 वर्ष के पंत को सिर, पीठ और पैरों में चोट आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। हादसे के दौरान वहां से गुजर रही हरियाणा रोडवेज की एक बस के ड्राइवर और बाकी स्टाफ ने उन्हें जलती हुई कार में से बाहर निकाला। हालांकि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पंत खुद ही शीशा तोड़कर कार से बाहर निकले और कुछ देर में ही लड़खड़ाने लगे। तभी कार आग से पूरी तरह जलकर कबाड़ हो गई। इसके बाद पंत को पहले हरिद्वार स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से देहरादून में मैक्स अस्पताल में उसी दिन रेफर कर दिया गया था।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।