Coronavirus: स्वास्थ्य विभाग को मिले 345 चिकित्सक, प्रबंधन को लेकर आनलाइन भी हो सकती थी बैठक, दून पुलिस ने खोला कंट्रोल रूम
सीएम ने कोरोना से निपटने के लिए अधिकारियों और निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई। अभी भी बैठकें आफलाइन मीटिंग हाल में हो रही हैं। इससे बचा जा सकता था और आफलाइन की जा सकती थी।

उत्तराखंड के लिए महामारी प्रकोप के दौरान 345 चिकित्साधिकारी मिल गए हैं। वहीं, सीएम ने कोरोना से निपटने के लिए अधिकारियों और निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई। अभी भी बैठकें आफलाइन मीटिंग हाल में हो रही हैं। इससे बचा जा सकता था और आफलाइन की जा सकती थी। कारण ये है कि मुख्य सचिव ओमप्रकाश पिछले दस दिन से कोरोना संक्रमित थे और उन्हें संक्रमण का पता ही नहीं चला। वह भी ऐसी बैठकों में कल तक शामिल हो रहे थे। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनके संपर्क में आए सभी अधिकारियों को अब खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए था। वहीं, दून पुलिस ने देहरादून में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है।
कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य विभाग को 345 नए चिकित्साधिकारी मिले हैं। जल्द ही इन चिकित्सकों की तैनाती कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड के बीच इन चिकित्सकों के मिलने से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं और भी सुदृढ़ होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार विस्तार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सकों के आने से कोविड महामारी से निपटने में सरकार को मदद मिलेगी।
एकजुट कोशिशों से जीतेंगे कोविड से लड़ाई
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीतने के लिये सभी के समन्वित प्रयासों की जरूरत है। सरकारी और निजी सभी के उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग जरूरी है। मुख्यमंत्री ने सीएम कैम्प कार्यालय में निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कहा कि मैनपावर मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस प्रकार प्रबंधन किया जाए कि कोविड संक्रमितों के ईलाज के दौरान चिकित्सा कर्मियों के खुद संक्रमित होने पर भी व्यवस्था में व्यवधान न आए।
उन्होंने कहा कि ओपीडी के लिए लोगों को ई-संजीवनी पोर्टल का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी निजी अस्पतालों से अनुरोध किया कि उनके यहाँ उपलब्ध बेड के कम से कम 70 प्रतिशत को कोविड के लिए आरक्षित कर दें। आक्सीजन, वेंटीलेटर की आवश्यकता होने पर सरकार को अवगत कराएं। सरकार इनकी उपलब्धता के लिये भरसक प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पोर्ट्स स्टेडियम, रायपुर में बनाए जा रहे कोविड केयर सेंटर में एमबीबीएस और नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों की सेवाएं ली जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि निजी अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य स्थिति वाले कोरोना संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर में रखा जाए या होम ट्रीटमेंट किया जाए। ताकी गम्भीर रोगियों के लिये आने वाले समय में आक्सीजन सपोर्ट बेड व अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध रहें।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कहा कि निजी अस्पतालों को सरकार से पूरा सहयोग किया जा रहा है। हम इनके साथ लगातार सम्पर्क में हैं। आने वाले समय की जरूरत को देखते हुए दवाईयों व अन्य उपकरणों, आक्सीजन की उपलब्धता का प्रयास किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि स्पोर्टस स्टेडियम रायपुर में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है। इनमें आक्सीजन सपोर्ट भी होंगे।
कोरोनेशन में 100 बेड की क्षमता विकसित की जा रही है। जौलीग्रांट अस्पताल में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। यहां 150 बेड और लगाए जाएंगे। एम्स ऋषिकेश में 400 बेड एक्टीवेट हो जाएंगे। महंत इन्द्रेश में 80 आईसीयू बेड हैं। राज्य सरकार इन्हें आक्सीजन उपलब्ध कराएगी। कैंट बोर्ड चिकित्सालय में 150 बेड कोविड के लिए आरक्षित कर लिये गये हैं। बैठक में सभी निजी अस्पतालों द्वारा कोविड से लङाई में हर सम्भव सहयोग के लिए आश्वस्त किया गया।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, प्रभारी सचिव डा. पंकज कुमार पाण्डेय, डीएम आशीष श्रीवास्तव, हिमालयन विश्वविद्यालय, जौलीग्रांट के वीसी डा. विजय धस्माना सहित एम्स ऋषिकेश, सीएमआई, महंत इंद्रेश अस्पताल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
ई संजीवनी वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन 1295 को परामर्श
उत्तराखंड सरकार की ओर से शुरू की गई ईसंजीवनी वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन राज्य दूरस्थ क्षेत्रों के साथ ही प्रदेशभर से कुल 1295 मरीजों ने इस सेवा का लाभ उठाया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देशों पर उत्तराखंड सरकार ने टेलीमेडिसिन सेवा के साथ वर्चुअल ओपीडी की गुरुवार से ही शुरुआत शुरुआत की है। जो लोग किसी वजह से अस्पताल नहीं जा पा रहे उनके लिए ये सेवा बहुत उपयोगी है। इससे कोविड और नॉन कोविड दोनो प्रकार के मरीजों को लाभ होगा।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि ईसंजीवनी टेलीमेडिसिन वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया गया। इसमें 104 टोल फ्री नंबर के जरिये 347, ई संजीवनी टेलीमेडिसिन के जरिये 405, व्हाट्सएप वॉयस कॉल के जरिये 192, व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये 27, जबकि व्हाट्सएप चैट के जरिये 324 मरीजों को निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया गया। पूरे प्रदेश से 1295 लोगों ने इस सेवा का पहले दिन लाभ उठाया।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की इस विशेष पहल का मकसद दूरस्थ इलाक़ों में रहने वाले लोगों की एक्स्पर्ट डॉक्टर्स के जरिए चिकित्सीय परामर्श देना है। प्रदेश सरकार की इस वर्चुअल ओपीडी का लाभ व्हाट्सएप वीडियो कॉल एवं टोल फ्री हेल्पलाइन के जरिये लिया जा सकता है। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए 104 टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। इसके साथ ही 9412080622 व्हाट्सएप नंबर के जरिये भी जनता सेवा का लाभ ले सकती हैं। इसके साथ ही www.esanjeevaniopd.in/register के माध्यम से भी इस सेवा का लाभ लिया जा सकता है।
वर्चुअल ओपीडी रोजाना सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जारी रहेगी। ईसंजीवनी वर्चुअल ओपीडी के जरिए ह्रदय रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ के अलावा फिजीशियन का चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा।
पुलिस लाइन देहरादून में कोविड पुलिस सहायता केन्द्र स्थापित
देहरादून में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून नेे बढ़ते कोरोना महामारी के केस व देहरादून की जनता को हो रही परेशानियों के मध्य नजर पुलिस लाइन देहरादून में कोविड सहायता केन्द्र बनाया। कोविड पुलिस सहायता केन्द्र देहरादून का प्रभारी निरीक्षक प्रदीप बिष्ट को बनाया गया है। जिसका पर्यवेक्षण क्षेत्राधिकारी नगर महोदय की ओर से किया जायेगा। कोविड पुलिस सहायता केन्द्र देहरादून से किसी भी प्रकार की सहायता या समस्या के लिए आप पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 के अतिरिक्त कोविड कंट्रोल रूम के समर्पित हेल्पलाइन नंबर 0135-2722100 व 7900700100 पर भी संपर्क स्थापित कर सकते हैं।इ सके अतिरिक्त प्रत्येक थाने में उपनिरीक्षक के नेतृत्व में कोविड सहायता केन्द्र भी बनाया गया है। जो कि जनपद स्तरीय कोविड पुलिस सहायता केन्द्र देहरादून से प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे और की गयी कार्यवाही से कोविड पुलिस सहायता केन्द्र देहरादून को अवगत करायेगे ।
वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। इसलिए यह जरूरी है कि वे घर पर ही रहकर खुद की अतिरिक्त देखभाल करें। वरिष्ठ नागरिक अपनी किसी भी समस्या के लिए अपने क्षेत्र के संबंधित पुलिस अधिकारियों व कोविड पुलिस सहायता केन्द्र देहरादून से फोन पर संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।