ज्यादा घातक है कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन, पहले संक्रमित हो चुके लोगों को भी खतरा, जानिए इससे जुड़ी खास बातें
दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को ओमिक्रॉन, नाम दिया गया है। इसे डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा घातक माना जा रहा है। इससे पूरे विश्व की चिंताएं बढ़ गई हैं। कारण ये है कि ये वेरिएंट बड़ी तेजी से फैलता है।
दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को ओमिक्रॉन, नाम दिया गया है। इसे डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा घातक माना जा रहा है। इससे पूरे विश्व की चिंताएं बढ़ गई हैं। कारण ये है कि ये वेरिएंट बड़ी तेजी से फैलता है। साथ ही ये उन लोगों पर भी हमला कर संक्रमित कर रहा है, जो पहले संक्रमित हो चुके हैं। इस वेरिएंट को लेकर सभी देशों ने सुरक्षा के उपाय शुरू कर दिए हैं। भारत सरकार इस संबंध में दो बार एडवाइजरी जारी कर चुकी है। इसमें राज्यों को व्यापक कदम उठाने को कहा गया है। हाल ही में कर्नाटक के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में फ्रेशर पार्टी के बाद करीब पौने तीन सौ लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ। इनमें अधिकांश ऐसे छात्र और स्टाफ के लोग थे, जिन्हें वैक्सीन की दो डोज लग चुकी थी। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना नियमों के पालन पर जोर दे रहा है। वहीं, कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका के लिए फ्लाइट पर अस्थायी रोक लगा दी है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक सलाहकार समिति ने कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) को ‘बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक प्रकार’ करार दिया है। इसके अलावा इस वैरिएंट का नाम भी ग्रीक वर्णमाला के तहत ‘ओमिक्रॉन’ रखा है। यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है. जिसके बाद से पूरे विश्व में चिंता देखने को मिल रही है। सभी देश इस वैरिएंट को अपने अपने देशों में घुसने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, शुरुआती साक्ष्यों से पता चला है कि जो लोग पहले कोरोना संक्रमण हुआ है, वे दोबारा कोरोना के इस नए वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं। दोबारा से संक्रमण का खतरा इस वैरिएंट के साथ बना हुआ है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना के डेल्टा और दूसरे वैरिएंट की तुलना में ‘Omicron’ज्यादा संचरणीय (एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अधिक आसानी से फैलना) है या नहीं। अभी केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिये ही इसका पता लगाया जा सकता है। कोरोना के ‘Omicron’ वैरिएंट का कोविड-19 वैक्सीन पर क्या असर पड़ेगा, यह जानने के लिए डब्ल्यूएचओ अभी अध्ययन कर रहा है।
अभी तक यह भी पता नहीं लग पाया है कि ‘Omicron’ से संक्रमण अधिक गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है या नहीं। हाल में यह भी कोई जानकारी नहीं है कि ‘Omicron’ से जुड़े लक्षण दूसरे वैरिएंट से अलग हैं। शुरुआती आंकड़ों से पता चला है कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। कोरोना के इस वैरिएंट की गंभीरता को समझने में कई दिनों से लेकर कई सप्ताह तक का समय लग सकता है।





