फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की कोर कमेटी की बैठक, औद्योगिक क्षेत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता
फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की कोर कमेटी की बैठक में देहरादून के सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र की चरमराई कानून व्यवस्था पर सभी सदस्यों ने चिन्ता जताई। बैठक जीएमएस रोड स्थित होटल सैफरन लीफ में आयोजित की गई। एसोसिएशन के राज्य समन्वयक अनिल मारवाह ने बैठक में बताया गया कि कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में अराजक्ता का माहौल बनाया हुआ है। वहां पर उद्यमी व उद्योगों में कार्यरत कर्मचारी डरे हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों ने 20 मार्च को रस बनाने वाली ट्रीट कम्पनी पर गैंग बनाकर हमला बोला। पत्थरबाजी कर कर्मचारियों को गम्भीर रूप से घायल किया। उद्योग के शीशे तोड़ डाले। सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस को सूचित करने पर इन तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि थाने से ही छोड़ दिया गया। कुछ तत्व अभी भी फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सह समन्वयक पवन अग्रवाल ने गया कि पुलिस की सख्त कार्रवाई के अभाव में इन असामाजिक तत्वों के हौंसले बुलन्द हो गये हैं। विजय सभरवाल ने कहा कि इस घटना से उ़द्योगों व उद्यमियों में असुरक्षा का माहौल बन गया है। विरेन्द्र गुलाटी ने सुझाव दिया गया कि इस घटना को लेकर एसएसपी देहरादून अथवा उद्योग सचिव से समय मांगा जाए।उनको इस घटना से अवगत कराकर असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिये कहा जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में विक्की बारी ने कह कि उद्योगों में सुरक्षा की भावना कायम करना प्रशासन का कार्य है और इसके लिये जिला उद्योग मित्र की अध्यक्ष जिलाधिकारी को लिखा जाए। साथ ही इस मुद्दे को आगामी जिला उद्योग मित्र की की बैठक के एजेंडे में शामिल कराया जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में कहा गया कि औद्योगिक क्षेत्रो में अवैध बस्तियों को हटाया जाए। जहां ये असामाजिक तत्व रहते हैं। अन्त में कोर कमेटी ने तय किया कि जल्द ही एसएसपी देहरादून से मिलने का समय मांगा जायेगा और उनसे मिलकर उनको इस घटना क्रम से अवगत कराया जायेगा। उनसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिये कहा जायेगा। ताकि भविष्य में इन असामाजिक तत्वों में भय पैदा हो तथा दोबारा इस तरह की घटना औद्योगिक क्षेत्रों में न हो, नहीं तो कानून व व्यवस्था के अभाव में उद्योगों के पलायन में देर नहीं लगेगी। बैठक में उद्यमी रमेश सल, राजीव गुप्ता, अंकुर सिंघल, राजकुमार दीवान, हरपाल सिंह, गौरव अग्रवाल आदि उपस्थित थे।