नहीं थम रही रार, मंत्री हरक के बयान पर त्रिवेंद्र का पलटवार, बोले-गधा करता है ढैंचा ढैंचा, दूसरे विवादों पर भी एक नजर
इसे सत्ता का नशा ही कहा जाएगा कि अब उत्तराखंड में सत्ताधारी दल के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही जूनियर आर्टिस्ट (यानी छोटे नेता) भी एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा संभाल रहे हैं। कभी विधायकों और कार्यकर्ताों के बीच विवाद सार्वजनिक हो रहे हैं, तो कभी दो दिग्गज नेताओं के बीच के विवाद सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे हैं।
इसे सत्ता का नशा ही कहा जाएगा कि अब उत्तराखंड में सत्ताधारी दल के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही जूनियर आर्टिस्ट (यानी छोटे नेता) भी एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा संभाल रहे हैं। कभी विधायकों और कार्यकर्ताों के बीच विवाद सार्वजनिक हो रहे हैं, तो कभी दो दिग्गज नेताओं के बीच के विवाद सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे हैं। एक कहावत है कि जब दूसरों को पर अंगुली उठाओगे तो आप खुद भी उसकी चपेट में आओगे। अभी तक सत्तर सालों की दुहाई देकर कांग्रेस पर हमलावर होने वाली भाजपा के अपने ही नेता दूसरे नेता के खिलाफ कुछ ही साल पहले के गढ़े मुर्दे उखाड़ने में लगे हैं। इस विवाद में अब तो शब्दों की सीमाएं भी लांघती जा रही है और आम पाठकों के साथ ही विपक्षी दलों के लोग इसे लेकर चटकारे ले रहे हैं। कारण ये है कि अनुशासन का दंभ भरने वाली भाजपा का उत्तराखंड में अनुशासन तार तार हो रहा है। यहां वर्तमान में चल रहे घमासान के साथ ही हाल ही के दिनों में हुए भाजपा नेताओं के आपसी विवादों पर एक नजर डालते हैं।कैबिनेट मंत्री हरक सिंह और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत
इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत की टिप्पणी से उपजे विवाद ने अब गंभीर मोड़ ले लिया है। हरक ने कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ढैंचा बीज घोटाले में त्रिवेंद्र की गिरफ्तारी चाहते थे, लेकिन उन्होंने कृषि मंत्री के रूप में त्रिवेंद्र को जेल जाने से बचाया। इस पर बुधवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बगैर नाम लिए हरक पर तंज कसते हुए कहा कि गधा ढैंचा-ढैंचा करता है। एक अन्य बयान में त्रिवेंद्र ने और ज्यादा तीखा हमला बोला। उन्होंने कटाक्ष किया कि उनका चरित्र बहुत उज्ज्वल रहा है, सारी दुनिया जानती है। त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरक सिंह रावत के रिश्तों में तल्खी काफी समय से चली आ रही है। (यहां इशारा एक महिला के आरोपों को लेकर किया गया, जब कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत को मंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था।)
हरक की नाराजगी से मची हलचल
पिछले वर्ष अक्टूबर में कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर तो हरक तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र से बुरी तरह खफा हो गए थे और अपनी नाराजगी का उन्होंने सार्वजनिक रूप से इजहार भी किया। हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में हरक सिंह रावत ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री हरीश रावत ढैंचा बीज घोटाले में त्रिवेंद्र सिंह रावत को जेल भेजना चाहते थे, लेकिन बतौर कृषि मंत्री उन्होंने ऐसा नहीं किया। हरक सिंह रावत के अपनी ही पार्टी के एक वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री को लेकर दिए गए इस बयान ने भाजपा में बड़ी हलचल पैदा कर दी।
पूर्व सीएम ने दी थी क्लीन चिट
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ढैंचा बीज घोटाला मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत को क्लीन चिट दे दी, लेकिन भाजपा इस घटनाक्रम से खासी असहज स्थिति में आ गई। दरअसल, ढैंचा बीज घोटाला उस समय चर्चा में आया था, जब त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य की दूसरी निर्वाचित सरकार में कृषि मंत्री थे। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई तो हरक सिंह रावत कृषि मंत्री बने। हालांकि मार्च 2016 में हरक सिंह रावत समेत नौ विधायक कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। मार्च 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनी तो उसमें हरक सिंह रावत कैबिनेट मंत्री बनाए गए।
बुधवार को आए दो बयान
बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के दो अलग-अलग बयान सामने आए। इंटरनेट मीडिया में वायरल पहले वीडियो में हरक सिंह रावत द्वारा ढैंचा बीज घोटाले का मामला उठाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि-हमारे यहां बोलते हैं कि गधा जो होता है, ढैंचा-ढैंचा करता है। देर शाम त्रिवेंद्र का एक और बयान सामने आया। इसमें हरक सिंह रावत के बयान पर उन्होंने तीखा कटाक्ष किया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘हरक सिंह रावत विद्वान व्यक्ति हैं। उन्होंने हजारों बच्चों को पढ़ाया, संस्कारित किया, शिक्षित किया। उनका चरित्र बहुत उज्ज्वल रहा है, चाहे आर्थिक हो, नैतिक हो, वैयक्तिक हो, सारी दुनिया जानती है। उनकी श्रेष्ठता को प्रणाम करता हूं।
अनजान बने हैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष
सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा सक्रिय रहने का दंभ भरने वाली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इस मामले में अनजान बने हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के बयान के संबंध में पूछे जाने पर मीडिया से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किन परिस्थितियों और परिप्रेक्ष्य में ये बातें कही हैं, उन्हें इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है। हरक के बयान पर त्रिवेंद्र के इस पलटवार से भाजपा की सियासत गर्मा गई है। आज गुरुवार यानी 16 सितंबर को भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी तथा दो सह प्रभारी दो दिनी प्रवास पर देहरादून पहुंच रहे हैं। ऐसे में अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि भाजपा के दो दिग्गज नेताओं के मध्य टकराव पर पार्टी का क्या स्टैंड रहता है।
विधायक उमेश शर्मा काऊ और कार्यकर्ताओं का विवाद
रायपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक उमेश शर्मा काऊ का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उनकी कार्यकर्ताओं के साथ तू-तू मैं-मैं देखने को मिली। बीती चार सितंबर को रायपुर विधानसभा क्षेत्र में सीएम के कार्यक्रम के शुरू होने से पहले रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ और एक भाजपा कार्यकर्ता के बीच जोरदार नोकझोंक हो गई थी। इस दौरान विधायक ने औकात दिखाने तक की बात कह दी। वहीं, कार्यकर्ताओं के रवैये से नाराज विधायक उमेश शर्मा काऊ दिल्ली दरबार तक चले गए और उन्होंने कार्यकर्ताओं के रवैये की शिकायत की थी। इस मामले में काऊ के समर्थन में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और सतपाल महाराज भी खड़े नजर आए। इससे पहले भी उमेश काऊ के खिलाफ रायपुर क्षेत्र के कार्यकर्ता समय समय पर नारेबाजी करते रहे हैं। वहीं, उमेश शर्मा और कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प की भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार जांच कर रहे हैं। जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की संभावना है। इसमें विधायक के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।
पंचायत प्रतिनिधियों ने खोला मोर्चा
अपनी ही पार्टी के कार्यकर्त्ताओं के एक धड़े की ओर से खुलकर विरोध किए जाने के बाद अब क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों ने रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बैठक आयोजित कर विधायक के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। मालदेवता के एक फार्म में रविवार 12 सितंबर को बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण भी शामिल हुए। बैठक में रायपुर विधायक के ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई गई। बैठक में उन्होंने कहा कि विधायक उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधायक विनोद चमोली से भी कार्यकर्ता नाराज
देहरादून में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली के खिलाफ भी बगावत देखने को मिली। चुनाव से ठीक पहले धर्मपुर विधानसभा में कार्यकर्ताओं ने विधायक विनोद चमोली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल की अध्यक्ष पूनम ममगाईं समेत तीन ने विधायक के रवैये से नाराज होकर अपना इस्तीफा महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट को सौंप दिया है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल अध्यक्ष पूनम ममगाईं के साथ ही मंडल उपाध्यक्ष अनुज वालिया और महामंत्री जितेंद्र रावत ने भी दिया अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने विधायक चमोली पर कार्यकर्त्ताओं से अभद्रता करने का आरोप लगाया है। उनका ये भी कहना है कि विधायक महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं और उनके चरित्र पर गलत टिप्पणी भी करते हैं।
रुड़की में भिड़े थे विधायक समर्थक और मेयर
भाजपा में चल रहा घमासान के बीच हाल ही में रुड़की में भी कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में महापौर और झबरेड़ा से भाजपा के विधायक देशराज कर्णवाल के समर्थकों के बीच मंच पर जमकर बवाल हुआ। बीच-बचाव को पहुंचे जिलाध्यक्ष डा. जयपाल सिंह चौहान से भी उनकी तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान यतीश्वरानंद मूक दर्शक बने रहे। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। इसके बाद आधे घंटे में कार्यक्रम का समापन भी कर दिया गया।
कार्यक्रम शुरू ही हुआ था कि झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल के प्रतिनिधि और पार्षद सतीश शर्मा समर्थकों के साथ पहुंचे। शर्मा ने आरोप लगाया कि महापौर के इशारे पर प्रतिमा के नीचे लगाए गए शिलापट पर महापौर का नाम विधायक कर्णवाल से ऊपर लिखा गया है। उन्होंने इसे विधायक का अपमान करार दिया। इस पर महापौर गौरव गोयल ने विरोध किया तो दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। मंच का संचालन कर रहे भाजपा के जिला महामंत्री आदेश सैनी ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हुआ। इस बीच जिलाध्यक्ष डा. चौहान ने विधायक समर्थकों को रोकने की कोशिश की तो समर्थक उनसे भी भिड़ गए थे।




