कांग्रेस कार्यसमिति ने चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, राष्ट्रीय आंदोलन का ऐलान, संगठन में होगा सिरे से बदलाव
दिल्ली में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए। कांग्रेस कार्यसमिति ने समाज के विभिन्न वर्गों में बढ़ती हताशा और गहरी आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए इन जनचिंताओं को एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाने का फैसला किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने पत्रकार वार्ता में कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस कार्यसमिति में पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए वेणुगोपाल ने बताया कि पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक संवैधानिक दायित्व है, मगर चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली इसे गंभीर सवालों के घेरे में ला रही है। समाज के कई वर्ग निराश और बेहद आशंकित हो रहे हैं। कांग्रेस इन जनचिंताओं को एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कई मुद्दे उठाए गए। प्रधानमंत्री से अत्यंत घनिष्ठ संबंध वाले व्यापारिक समूह द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के बारे में हालिया खुलासे, मणिपुर में जारी हिंसा और प्रधानमंत्री द्वारा सभी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने और हाल ही में उत्तर प्रदेश और विभिन्न राज्यों में साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के लिए भाजपा के सुनियोजित प्रयास जैसे तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर संसद का शीतकालीन सत्र में तत्काल चर्चा कराने से मोदी सरकार के इंकार के कारण अब तक यह सत्र बर्बाद रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति ने चार विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद कांग्रेस के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस कार्यसमिति ने कहा कि वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाद्रा की भारी जीत ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनता के बीच उत्साह की लहर पैदा की है। कांग्रेस कार्यसमिति ने झारखंड और जम्मू कश्मीर की जनता को इंडिया गठबंधन दलों के पक्ष में निर्णायक जनादेश के लिए धन्यवाद दिया। कार्यसमिति ने कहा कि झारखंड की जनता ने भाजपा के खतरनाक रूप से विभाजनकारी और जहरीले ध्रुवीकरण अभियान को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पार्टी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाना जारी रखेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस कार्यसमिति ने यह भी स्वीकार किया कि हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन सभी उम्मीदों के विपरीत रहा है। प्रस्ताव में कहा गया कि बहुत सरलता से कांग्रेस को राज्य में बड़े अंतर से सरकार बनानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनावी गड़बड़ियों ने परिणाम को प्रभावित किया है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। महाराष्ट्र चुनावी परिणाम सामान्य समझ से परे हैं और यह स्पष्ट रूप से लक्षित हेरफेर का मामला प्रतीत होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यसमिति ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस अध्यक्ष जल्द ही विस्तृत राज्यवार समीक्षा पूरी करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। कांग्रेस कार्यसमिति ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि निराश होने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हमें नए सिरे से दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा और लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान पार्टी ने लोगों के सामने जो मुद्दे रखे, वे हमारे देश के लोगों के लिए दैनिक चिंता के मुद्दे हैं। इन्हें और अधिक मजबूती से उठाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यसमिति ने प्रस्ताव में कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने, राजनीतिक संरक्षण के माध्यम से अर्थव्यवस्था में बढ़ते एकाधिकार पर नियंत्रण, महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दों को उठाना पार्टी जारी रखेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस कार्यसमिति ने इस वर्ष दिसंबर में बेलगाम में महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ मनाने का भी फैसला लिया। 100 वर्ष पहले महात्मा गांधी ने 26 दिसंबर 1924 को बेलगाम अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष का पद संभाला था। 26 और 27 दिसंबर को बेलगाम में विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की विशेष बैठक होगी, उसके बाद एक जनसभा भी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्थानीय मुद्दे भी अहम
कार्यसमिति में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि साथियों 2024 के लोक सभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस पार्टी ने नए जोश-खरोश के साथ वापसी की थी, लेकिन उसके बाद हुए तीन राज्यों के चुनावी नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे। INDIA गठबंधन ने चार में से दो राज्यों में सरकार बनाई, लेकिन हमारा प्रदर्शन उम्मीद से नीचे रहा। भविष्य के लिहाज से यह हमारे लिए चुनौती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपेक्षित प्रदर्शन ना कर पाना आत्ममंथन का विषय
खड़गे ने प्रियंका गांधी वायनाड और रवींद्र वसंतराव चव्हाण को नांदेड़ में लोकसभा उपचुनाव में जीत की बधाई देते हुए कहा कि लोकसभा में उत्साहजनक नतीजों के बाद विधानसभा चुनावों में अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाना पार्टी के लिए आत्ममंथन का विषय है। कांग्रेस अध्यक्ष बोले कि हम चुनाव भले ही हारे हों, पर इसमें कोई शक नहीं कि बेरोज़गारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, इस देश के ज्वलंत मुद्दे हैं। जाति जनगणना भी आज का एक अहम मसला है। संविधान, सामाजिक न्याय और सौहार्द जैसे मसलों जन-जन के मुद्दे हैं। पर इसका मतलब ये नहीं की हम चुनावी राज्यों में वहां के जरूरी स्थानीय मुद्दों को भूल जाए। राज्यों के अलग-अलग मुद्दों को समय रहते बारीकी से समझना और उसके इर्द-गिर्द ठोस रणनीति बनाना भी जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संगठनात्मक की मजबूती पर विशेष जोर
कांग्रेस अध्यक्ष ने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हमारी तैयारियां मतदाता सूची से लेकर मतगणना तक ठोस होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई होगी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस की जीत में ही सबकी जीत है। खरगे ने माना कि विरोधियों के “प्रोपेगेंडा और गलत सूचनाओं” से निपटने के लिए कांग्रेस को अपनी माइक्रो-कम्युनिकेशन रणनीति को सुधारना होगा। उन्होंने कहा कि हम पुराने ढर्रे पर चलते हुए सफलता नहीं पा सकते। हमें समय के साथ रणनीति बदलनी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जमीनी स्तर से लेकर AICC तक बदलाव की जरूरत
कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से चुनाव परिणामों से निराश न होने का आग्रह करते हुए कहा कि सभी को यह सोचने की जरूरत है कि कांग्रेस पार्टी की जीत हमारी जीत है और हार हमारी हार है, हमारी ताकत पार्टी की ताकत में निहित है। उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर से लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) तक बदलाव करने होंगे। एआईसीसी पार्टी की केंद्रीय निर्णय लेने वाली सभा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईवीएम और चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
बैठक में EVM पर भी सवाल उठाए गए। खड़गे ने कहा, “चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठना चिंता का विषय है, लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि हमारे मुद्दे देश की जनता के मुद्दे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं मानता हूं कि EVM ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसलिए इसे लेकर जितना कम कहा जाए उतना अच्छा, लेकिन देश में फ्री एंड फेयर चुनाव सुनिश्चित करवाना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है। बार-बार ये सवाल उठ रहे हैं कि किस हद तक ये दायित्व निभाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सिर्फ़ 6 महीने पहले जिस तरह के नतीज़े लोक सभा में MVA के पक्ष में आए थे। उसके बाद विधान सभा का नतीज़ा राजनीतिक पंडितों के भी समझ से परे है। जैसे परिणाम आए हैं कि कोई भी अंकगणित इसे जस्टिफाई करने में असमर्थ है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आखिर में पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश न होने की अपील की और कहा कि हमने पहले भी चुनौतियों का सामना किया है और इस बार भी विजय हमारी होगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।