27 फरवरी को गैरसैंण में प्रतिकात्मक विधानसभा आयोजित करेगी कांग्रेस, निकायों में संपत्ति के नाम पर जनता से छलः करन माहरा
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 27 फरवरी को राज्य की प्रस्तावित राजधानी गैरसैंण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा आयोजित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने इसकी घोषणा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों एवं राज्य निर्माण में शहीद हुए आन्दोलनकारियों की गैरसैण को राजधानी घोषित करने की प्रमुख मांग थी। कांग्रेस पार्टी ने जन भावना और आंदोलनकारियों की मांग का सम्मान करते हुए तथा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा गैरसैण मे विधानसभा भवन एवं अन्य ढांचे का निर्माण करते हुए विधानसभा का सत्र भी आयोजित किया गया था। जब वहां विधानसभा का भवन नहीं बना था, तब टेंट में कैबिनेट की बैठक भी आयोजित की। टेंट में ही विधानसभा का सत्र भी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने आयोजित करने का काम किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने आन्दोलन की भावना को कुचलते हुए विधानसभा का दिव्य भव्य भवन होने की बावजूद भी वहां राजधानी घोषित करने और विधानसभा का सत्र आयोजित करने से परहेज किया है। इसका क्या कारण है पर्वतीय राज्य की राजधानी में अगर फरवरी मार्च में विधानसभा सत्र आयोजित नहीं होगा तो कब होगा। यह सरकार को बताना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि गैरसैण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा का आयोजन कर और जन मुद्दों पर चर्चा कर कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार को सीधा-सीधा संदेश देना चाहती है कि गैरसैंण में बिना बहानेबाजी और किसी कठिनाई के विधानसभा का सत्र आयोजित किया जा सकता है। अगर मनसा और इच्छा शक्ति वहां पर सत्र अयोजित करने की हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने गैरसैण में आयोजित होने वाली प्रतीकात्मक विधानसभा में राज्य की आम जनता से प्रतिभाग करने का आह्रवान किया गया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा वर्तमान विधानसभा सत्र गैरसैण के स्थान पर देहरादून में आयोजित करने की घोषणा की गई है। विधानसभा सत्र की अवधि भी सीमित दिन की अल्प अवधि रखी गई है। इसमें प्रश्नकाल बहुत कम समय का रखा गया है। इसमें जनहित के मुद्दों पर चर्चा होना संभव नहीं है। इसीलिए प्रतीकात्मक विधानसभा में जनहित के सभी मुद्दों पर फैसले लिए जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के आह्वान पर गैरसैण में आयोजित प्रतीकात्मक विधानसभा में राज्यहित एवं जनहित से जुडे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसमें भू-कानून, अंकिता भण्डारी हत्याकांड, पलायन राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, महिला अपराध, बिगडती कानून व्यवस्था, चरमराती स्वास्थ्य सेवायें शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही भर्ती घोटाले, अग्निवीर, उपनल कर्मचारी की मांग और कोविड कर्मचारियों की समस्या आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों, जोशीमठ आपदा, रैणी आपदा, सिलक्यारा टनल दुर्घटना व सरकारी विभागों मे बढ़ते भारी भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जनता का सदन लगाकर चर्चा की जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नवगठित निकायों में संपत्ति कर के नाम पर जनता से छलः करन माहरा
उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने धामी सरकार पर नए निकायों में कर वसूली के नाम पर जनता के साथ धोखा और छल करने का आरोप लगाया है। माहरा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब चुनाव में जाती है, तो जनता से डबल इंजन की सरकार बनाने को कहती है। इसके बाद जब सरकार बन जाती है, तो आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए कभी बिजली दरों में बढ़ोतरी के नाम पर तो कभी संपत्ति कर के नाम पर जनता पर बोझ डाला जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के नवगठित नगर निकाय भी हाउस टैक्स के दायरे में आने जा रहे हैं। शहरी विकास विभाग संपत्ति कर की उगाही के मामले में जगह-जगह नोटिस चस्पा कर रहा है। महारा के अनुसार प्रदेश में 102 निकाय हैं। 69 नगर निकायों में पहले से ही कर वसूली हो रही है। अब शहरी विकास विभाग ने से सभी निकायों को भी हाउस टैक्स की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश जुलाई 2022 को दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने नए निकायों का गठन स्थानीय जनता से इस वादे के साथ किया था कि 10 साल तक कोई कर वसूली नहीं की जाएगी। इसके बावजूद मात्र पांच वर्ष बीतने के बाद ही धामी सरकार ने नवगठित निकायों से संपत्ति कर वसूली के लिए नोटिस लगाने शुरू कर दिए हैं। महारा ने कहा कि जिन निकायों को नोटिस दिया गया है, उनमें टिहरी, सेलाकुई, शिवालिक नगर, भगवानपुर, ढंडेरा, पांडली गुर्जर, रामपुर, इमलीखेड़ा, घनसाली, चमियाला, गजा, लमगांव, तपोवन ,सतपुली, थलीसैंण, नौगांव, पीपलकोटी, चिनियालीसौंड, केदारनाथ, रानीखेत, चिल्लियानौला, उखीमठ, तिलवाड़ा, भिकिसैन, गरुड़, चौखुटियाल, कपकोट, बनबसा, बेरीनाग, गंगोलीहाट, नगला, नानकमत्ता, गूलरभोज, लालपुर इत्यादि है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने कहा कि नगर निकायों में शामिल नए इलाकों को हाउस टैक्स वसूलने पर 10 साल तक की छूट मिली हुई है। इसके लिए विभाग ने अलग से आदेश जारी किए हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भी जनता से यही वादा किया था। आज इस महंगाई के दौर में जब जनता सरकार से राहत की अपेक्षा कर रही है, उस वक्त शहरी विकास विभाग द्वारा इस तरह के नोटिस उनके लिए वज्रपात का काम कर रहे हैं। शहरी विकास विभाग निकायों में सर्किल रेट आधारित टैक्स प्रणाली लागू कर चुका है। इसके लिए नियमावली बनकर तैयार है, जो की हाउस टैक्स की नई प्रणाली में लागू की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इसके तहत सर्किल रेट बढ़ते ही हाउस टैक्स की दरें भी स्वतः बढ़ जाएगी। माहरा ने कहा की जमीनों के सर्किल रेट कई बार बड़ी-बड़ी सोसाइटी के निर्माण के बाद बढ़ा दिए जाते हैं, परंतु वहां पहले से बसी हुई गरीब जनता, मलिन बस्तियां और झुग्गी झोपड़ियां में रहने वाले लोग कैसे बढ़ी हुई दरों के हिसाब से हाउस टैक्स दे पाएंगे। यह यक्ष प्रश्न है जो सरकार के लिए सोचनीय होना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।