गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बनाए पर्यवेक्षक
इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इन दो राज्यों के लिए कांग्रेस ने पर्यवेक्षेकों की नियुक्ति कर दी है।
गुजरात के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इनके साथ ही टीएस सिंह देव और मिलिंद देवड़ा को पर्यवेक्षक बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। उनके साथ ही सचिव पायलट और प्रताप सिंह बाजवा को पर्यवेक्षक बनाया गया है। प्रताप सिंह बाजवा पड़ोसी राज्य पंजाब से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है। इन दिनों वह नेता विपक्ष की भूमिका में भी रहे हैं।
बीते गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को बेहद कड़ी टक्कर दी थी तब अशोक गहलोत ही प्रभारी थे। गुजरात कांग्रेस के मौजूदा प्रभारी रघु शर्मा गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं। गुजरात के लिए नियुक्त किए गए दो पर्यवेक्षक के नाम भी महत्वपूर्ण हैं। पड़ोसी राज्य के चलते महाराष्ट्र से मिलिंद देवड़ा को लाया गया है जो बीते लोकसभा चुनाव के बाद से ही अलग–थलग नजर आ रहे थे।
वहीं, हिमाचल प्रदेश के बार्डर से सटे क्षेत्रों में बाजवा के माध्यम से कांग्रेस ने फोकस करने की तैयारी की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राजस्थान के उप मुख्यमंत्री को प्रदेश में नियुक्ति देकर कांग्रेस पुरानी पेंशन बहाली का कार्ड भी हिमाचल में खेलेगी। इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश में कर्मचारियों को अपने पक्ष में करने के लिए हर दांव चलेगी। उधर, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला का अनुभव भी इन दोनों नेताओं के काम आएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।