कांग्रेस ने चंपावत के डीएम के वक्तव्य का किया विरोध, उप निर्वाचन अधिकारी से की शिकायत, डीएम को हटाने की मांग
उत्तराखंड में चंपावत विधानसभा में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस हर दिन निर्वाचन आयोग से शिकायत कर रही है। इस बार चंपावत के जिलाधिकारी की शिकायत की गई है।

अब इस तरह का प्रचार कांग्रेस को कितना फायदा देगा, ये भी कहा नहीं जा सकता है। क्योंकि चुनाव चंपावत में हो रहा है और आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें देहरादून में हो रही हैं। इस तरह के समाचार राजधानी के समाचार पत्रों में आ तो जाते हैं, लेकिन क्या गारंटी है कि जहां चुनाव हो रहे हैं, वहां के पन्नों में ऐसे समाचारों को लगाया जाए। क्योंकि प्रिंट मीडिया में तो हर शहर में समाचार पत्र बदल जाता है। अब प्रचार का दूसरा माध्यम पोर्टल हैं। पोर्टलों को नेता स्वयं तभी पढ़ते हैं, जब उनके मतलब की खबर हो। ऐसे में क्षेत्र की जनता तक ऐसे समाचार पहुंचेंगे या नहीं। इसकी भी क्या गारंटी है। क्योंकि सोशल मीडिया के मामले में कांग्रेस बीजेपी से काफी पिछड़ी हुई है। यदि कांग्रेस के बड़े नेताओं के ट्विटर, फेसबुक अकाउंट चेक करेंगे तो कई ऐसे हैं कि जिन्होंने मार्च माह के बाद से ही एक भी पोस्ट नहीं डाली है। यानी सोशल मीडिया में उनका अकाउंट भी मात्र दिखाने के लिए है।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत के नेतृत्व में उप निर्वाचन अधिकारी जितेन्द्र कुमार से मुलाकात की। साथ ही चंपावत के जिलाधिकारी को हटाने की मांग की गई। शिकायत में कहा गया हचै कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने 12 मई, 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी कि चम्पावत विधानसभा चुनाव की घोषणा के उपरान्त दिनांक 22 अप्रैल, 2022 को जिलाधिकारी चम्पावत के पद पर नरेन्द्र सिंह भंडारी की नियुक्ति की गई। इस पर एक दिन पहले कांग्रेस ने अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए उनकी नियुक्ति निरस्त करने की मांग की गई थी।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिलाधिकारी चम्पावत जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं, का आज समाचार पत्रों में वक्तव्य प्रकाशित हुआ है। इसमें उनके द्वारा जिला नोडल अधिकारी की नियुक्ति तिथि 30 अप्रैल, 2022 बताते हुए कांग्रेस पार्टी की शिकायत को गलत ठहराया गया है। वहीं, मुख्य विकास अधिकारी चम्पावत की ओर से अपने पत्रांक 98/समीक्षा बैठक/2022-23 दिनांक 7 मई, 2022 में मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 2 मई, 2022 को दिये गये निर्देशों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी चम्पावत पूरी तरह से राज्य सरकार के दबाव में कार्य कर रहे हैं। शिकायती पत्र में कहा गया है कि जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी का वक्तव्य भारतीय प्रशानिक सेवा नियमावली के भी विरूद्ध है तथा उनके इस पद पर रहते हुए निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव की संभावना समाप्त होती दिखाई देती हैं। पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी को उनके पद से तत्काल हटाया जाना चाहिए। यदि कांग्रेस पार्टी के आग्रह पर न्यायोचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो पार्टी इस संदर्भ में केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के समक्ष भी अपना पक्ष रखेगी।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी चम्पावत के समाचार पत्रों में दिये गये वक्तव्य का हवाला देते हुए चम्पावत विधानसभा उपचुनाव को पारदर्शी एवं निष्पक्ष कराये जाने के लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस की गढवाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी, अजय सिंह, गोदावरी थापली, विजय पाल रावत, रुद्रप्रयाग की महिला जिलाध्यक्ष शशि सेमवाल, जसविन्दर सिह गोगी, रॉबिन त्यागी, वेदान्त उपाध्याय, शिवकुमार राजपूत, अजय रावत, विनीत प्रसाद भट्ट, सुलेमान अली आदि शामिल थे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।