केंद्रीय 20 लाख करोड़ के पैकेज से राज्य के अंशदान को दूरबीन से खोजने के लिए धरने पर बैठे कांग्रेस नेता सुरेन्द्र कुमार
उत्तराखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने आज दूरबीन लेकर धरना दिया। वह बोले कि-कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 लाख करोड़ की घोषणा से उत्तराखंड को मिले अंशदान को वह दूरबीन से खोज रहे हैं। अभी तक उन्हें कहीं भी उक्त राशि का अंश नजर नहीं आया। इसके साथ ही उनके धरने के अन्य मुद्दों में राज्य के विभिन्न विभागो के हजारों कर्मचारियों को कोरोनाकाल में महिनों से लम्बित वेतन भुगतान, प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री की ओर से घोषित बीस लाख करोड़ में से उत्तराखण्ड़ को मिले अंशदान, जीएसटी की भरपाई, राज्य की आर्थिक स्थिति से जनता को अवगत कराने, कोरोना की दूसरी लहर के मारे गये लोगों के सही आकड़े देने व कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी से जनता को अवगत कराने आदि की मॉग शामिल थी।वह गुरुवार की दोपहर 12 बजे से एक बजे तक उपवास पर बैठे। इस अवसर पर उपवास समापन पर उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जब चुनाव के अवसर पर वोट मांगने आये थे तो उन्होने कहा था कि मुझे डबल ईंजन दे दो, दिल्ली में राज्य के हितों की रक्षा मैं करुंगा। अब उच्च न्यायालय ने भी माना है कि केन्द्र सरकार कोरोना से लड़ने में राज्य की उपेक्षा कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री द्वारा घोषित बीस लाख करोड़ के पैकेज राज्य को मिले अंश व राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी राज्य सरकार को एक श्वेत पत्र लाना चाहिये। महीनों से राज्य के जल निगम, वन निगम, गढ़वाल मंडल विकास निगम सहित दर्जनों निगमों के हजारों कर्मचारियों को वेतन नही मिल पाया है। कर्मचरियों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। कोरोनाकाल में पर्यटन तथा अन्य कारोबार पूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं। प्रथम कोरोना वेव से लड़ने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा घोषित किये गये पैकेज का अंशदान दूरबीन से देखने में भी नजर नही आ रहा है।
उन्होने कहा कि राज्य के छोटे बड़े सभी कारोबारियों के व व्यक्तिगत लिये गये ऋणों व विभिन्न सरकारी करों, बिजली, पानी व जीएसटी आदि में भी अभी तक कोई राहत नही मिल पाई है। विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे मजदूर, कर्मचारी व छोटे कारोबार से जुड़े जैसे टैक्सी, बस, होटल आदि दर्जनों व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी भी कारोना से पीड़ित व अपने रोजगारों को खो चुके है।
उन्होने कहा कि छोटे कारोबारियों व छोटे व्यवसायों से जुड़े हुए कर्मचारियों के भी भूखें मरने की नौबत आई है। उनको भी केन्द्र व राज्य सरकार की राहत का लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राज्य को डबल इंजन के रुप में केन्द्र से आर्थिक सहायता का वादा भी जुमला साबित हुआ है। वहीं उन्होने पांचों सांसदों से कुंभकरणी नींद से जागने व उत्तराखंड के हितों की पैरवी करने की मांग की है।
इस अवसर पर पीपुल्स फोरम से जयकृत कण्डवाल, एडवोकेट प्रेम सिंह दानू, ट्रेड यूनियन नेता राकेश डोभाल आदि भी धरने पर बैठे। सुरेन्द्र कुमार के उपवास को स्वतंत्रता सैनानी नाथूराम डोभाल के पुत्र व ट्रेड़ यूनियन नेता राकेश डोभाल ने जूस पिलाकर खुलवाया।





प्रधानमंत्री का बिरोध हो जो झूठ बोलते हैं