कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले-चीन के कब्जे का सत्य भी स्वीकार लो

अब चीनी क़ब्ज़े का सत्य भी मान लेना चाहिए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 20, 2021
राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि अब चीनी क़ब्ज़े का सत्य भी मान लेना चाहिए। उधर, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के मद्देनजर जल्द ही किसी तारीख पर अगले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता आयोजित करने पर बृहस्पतिवार को सहमति व्यक्त की।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय संबंधी कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति के संबंध में ‘स्पष्ट एवं गहराई’ के साथ चर्चा की और पिछली सैन्य स्तर की वार्ता के बाद के घटनाक्रम की समीक्षा की।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश में बनाया एनक्लेव, सैटेलाइट तस्वीरों में दिखीं 60 इमारतें
चीन अपनी आक्रामक विस्तारवादी नीतियों से बाज नहीं आ रहा है। भारत से साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश में नया एनक्लेव बना डाला। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। सेटेलाइट से जारी तस्वीरों के अनुसार नए एनक्लेव में 60 के करीब इमारतें हैं। सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक वर्ष 2019 में यह एन्क्लेव मौजूद नहीं था, लेकिन एक साल बाद ही यह दिखने लगा। एक साल पहले ही भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के द्वारा बनाए गए एनक्लेव को लेकर पहले ही आगाह करते हुए कहा था कि यहां भी डोकलाम जैसी घटना हो सकती है।
समाचार चैनल एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सेटेलाइट द्वारा जारी तस्वीरों से यह पता चला है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में करीब 60 से ज्यादा इमारतों वाला एक और एनक्लेव बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 के सेटेलाइट तस्वीर में पहले यह एनक्लेव वहां मौजूद नहीं था। इससे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में भी कहा गया था कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित हिस्से में करीब 100 घरों वाला एक एन्क्लेव बनाया है।
चीन के द्वारा बनाया गया यह एनक्लेव भारतीय सीमा के लगभग छह किलोमीटर अंदर है। यह इलाका एलएएसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास है। नए एनक्लेव की तस्वीरें दुनिया की दो बड़ी सेटेलाइट इमेज कंपनियों मैक्सर टेक्नोलॉजीज़ तथा प्लैनेट लैब्स द्वारा जारी की गई है। जारी तस्वीरों में न सिर्फ बड़ी संख्यां में इमारतों को देखा जा सकता है।एक इमारत की छत पर चीनी झंडा भी पेंट किया गया है। इससे पता चलता है कि चीन इस इलाके पर अपना दावा पेश करता है। हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि एनक्लेव में लोग रहते हैं या नहीं।
चीन के द्वारा बनाए गए एनक्लेव की लोकेशन भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले भारत मैप्स द्वारा भी दर्शाई गई है। एनडीटीवी से बात करते हुए सैटेलाइट इमेजिंग टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ अरूप दासगुप्ता ने कहा कि सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा दर्शाए गए सीमा के आधार पता चलता है कि चीन द्वारा बनाया गया नया एनक्लेव अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 7 किलोमीटर के भीतर है। इसी साल चीनी की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने भी इस एनक्लेव की एक फोटो जारी की थी। उस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अरुणाचल से सटे चीनी इलाकों का दौरा भी किया था।
चीन के द्वारा भारतीय सीमा के अंदर एनक्लेव बनाए जाने को लेकर अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद तापिर गाव ने पहले ही आगाह किया था। तापिर गाव ने कहा था कि चीन ने कई भारतीय इलाकों में अपना कब्जा जमाया हुआ है। अगर दोबारा डोकलाम जैसी एक और घटना हुई तो वह अरुणाचल प्रदेश में होगी। गौरतलब है कि साल 2017 में जब चीन ने डोकलाम में सड़क निर्माण शुरू किया था तो भारतीय सैनिकों ने उसे रोक दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच गंभीर विवाद पैदा हो गया था और यह कई महीनों तक चला था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।