Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 12, 2025

इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस पर कांग्रेस ने 180 सैन्य परिवारों को किया सम्मानित, इंदिरा से पराक्रमी कोई पीएम नहींः धस्माना

देश की पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न इंदिरा गांधी की 37 वें शहीदी दिवस के अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश व्यापी सैनिक सम्मान दिवस के तहत आज देहरादून में कैंट विधानसभा क्षेत्र में इंद्रानगर के एक वैडिंग पॉइंट में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।

देश की पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न इंदिरा गांधी की 37 वें शहीदी दिवस के अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश व्यापी सैनिक सम्मान दिवस के तहत आज देहरादून में कैंट विधानसभा क्षेत्र में इंद्रानगर के एक वैडिंग पॉइंट में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर दिवंगत प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। 180 सैन्य परिवारों को सम्मानित किया गया। उनको प्रशस्ति पत्र, कम्बल, शॉल, कोविड सुरक्षा किट व अन्य उपहार भेंट किये गए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी आजाद भारत की सबसे पराक्रमी व निर्भीक नेता थीं। उन्होंने देश की आजादी से लेकर अब तक पाकिस्तान को सबसे करारा जवाब दिया, पाकिस्तान के दो टुकड़े कर के। उन्होंने कहा कि राजनीति में सहमति असहमति सब स्वीकार्य है, किंतु देश हित व राष्ट्रीय एकता की जहां तक बात है इंदिरा गांधी उसके लिए अपनी अंतिम सांस तक प्रतिबद्ध रही।

उन्होंने गांधी के अंतिम दिनों में खुफिया एजेंसियों द्वारा उनको दी गयी, उस सलाह का जिक्र किया, जिसमें उनके उन दोनों अंगरक्षकों को हटाने की सलाह दी गयी थी। उन्हीं अंगरक्षकों ने उन्हें कत्ल कर शहीद किया। धस्माना ने कहा कि इस सलाह को श्रीमाती गांधी ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि इस बिना पर की ये दो सुरक्षाकर्मी सिख हैं हटा दिया तो फिर हम धर्मनिरपेक्ष कैसे हुए? धस्माना ने कहा कि श्रीमति गांधी को पूर्वाभास हो गया था किंतु वे डरी नहीं और अंतिम घड़ी तक काम करती रही। यही नहीं शहादत से एक दिन पहले सार्वजिक सभा में उन्होंने कहा था कि-मुझे चिंता नहीं, मैं जीवित रहूं या ना रहूं, लेकिन मेरे खून का एक एक कतरा देश के काम आएगा।

धस्माना ने कहा कि इंदिरा गांधी सैन्य बलों का मनोबल ऊंचा रखने के लिए हमेशा वे उनके बीच जाया करती थी और उनका सम्मान करती थी जिस परंपरा को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। धस्माना ने भारतीय सैन्य बलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय सैनिक दुनिया के सर्वोच्च सुरक्षा बलों का मुकाबला करते हैं। उन्होंने कहा कि देश के सैनिक जब सीमा पर अपनी जान जोखिम में डालकर पहरा देते हैं, तभी हम घरों में चैन की नींद सोते हैं। उन्होंने देश की सेना के महान शहीदों को नमन कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर केजी बहल ने कहा कि ये बहुत प्रशंसनीय कार्य है जो कांग्रेस द्वारा देश के महान शहीदों व सैन्य बलों के परिजनों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे आने वाली पीढ़ियों को भी देश भक्ति व सेना में जाने की प्रेरणा मिलती है। कार्यक्रम को कर्नल बीएम थापा, कर्नल बीड़ी गंभीर, कर्नल आरपी जैरथ, कर्नल एलएम जोशी, कर्नल सीकेएस थापा, कर्नल जे आर पोखरियाल,कर्नल के एस मान ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर धस्माना ने शहीद मेजर संदीप शर्मा के भाई व भाभी, शहीद नीरज थापा की माता, शहीद मन बहादुर की पत्नी समेत 180 पूर्व सैनिक व सैन्य बलों के परिजनों को प्रशाशती पत्र, शॉल पहनाकर, व कोविड सुरक्षा किट व कम्बल भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस सचिव मंजू त्रिपाठी, प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव पिया थापा, कैंट कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष अल्ताफ अहमद व प्रमोद गुप्ता, महिला कांग्रेस की दोनों अध्यक्ष जया गुलानी व सुशीला शर्मा, नगर निगम पार्षद सुमित्रा ध्यानी, कोमल वोहरा, संगीता गुप्ता, जितेंद्र तनेजा, अनिल जग्गी, सुमित खन्ना, गौतम सोनकर, राजेश पुंडीर, प्रताप असवाल, अवधेश कठेरिया, डॉक्टर दीपक बिष्ट, अभिषेक तिवारी, अनुज दत्त शर्मा शामिल रहे।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page