कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएम धामी पर किए प्रहार, बोलीं-अपनी विधानसभा में भी नहीं कर पाए विकास
मां पूर्णागिरी के जयकारों से की भाषण शुरुआत
जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाषण की शुरुआत पूर्णागिरी मैया के जयकारों से की। उन्होंने कहा कि कुमाऊं की इस धरती को मेरा नमन। यहां के शहीदों को थारु जनजाति समाज की महिलाओं को नमन। वो समाज की बड़ी शक्ति है। पूर्व सैनिकों को भी नमन। ये धरती ऐसी है, जहां सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर रहते हैं।
ताजुब्ब है कि ये सीएम की विधानसभा है
उन्होंने कहा कि चुनाव आ गया है। बहुत सारे नौजवान दिख रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि पिछले पांच साल में कितनों को रोजगार मिला। उन्होंने सबसे बड़ी समस्या पूछी और जवाब दिया-रोजगार, महंगाई और किसानों की समस्या है। प्रियंका ने कहा कि खटीमा यहां के सीएम की विधानसभा है। मैने सोचा हुआ कि यहां विकास हुआ होगा। हर सीएम अपनी विधानसभा का विकास करता है। यहां की सड़क देखकर हैरानी हुई को समझ आया कि पिछले पांच साल में सीएम ने कुछ नहीं किया।
हर जगह समस्याओं को अंबार
उन्होंने कहा कि हर जगह किसानों की समस्याएं हैं। उनकी समस्या का समाधान नहीं होता। फसल के वाजिब दाम नहीं मिलते। किसान सिर्फ संघर्ष कर रहे हैं। किसान आंदोलन के साथ क्या हुआ। एक साल तक आंदोलन किया, रोजी रोटी नहीं कमा पाए। ऐसा कानून ला रहे थे कि मेहनत किसान करें और फायदा पूंजीपतियों का हो। कितने किसान शहीद हो गए। उस पूरे समय में सरकार के एक भी मंत्री ने प्रधानमंत्री ने आपसे पूछा। आपके पास आए। सरकार की नीयत देखिए कि चुनाव आने लगा तो एक महीने पहले किसान कानून रद्द कर दिए। रद्द करने के बाद भी जब शहीदों के लिए पूछा तो कहा कि शहीद किसानों की सूची नहीं है।
अपने दो मित्रों के लिए पीएम बनाते हैं नीतियां
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की बात करते हैं। बड़ी बड़ी संस्थाएं बीएचईएल, रेलवे जैसी हैं। जहां से बहुत सारे लोगों को रोजगार मिलता रहा। इन्हें बेचने का काम सरकार कर रही है। उन्हीं दो तीन उद्योगपतियों को बेचेंगे, जिन्हें किसान कानूनों से फायदा हो रहा था। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के बंदरगाह किसे बेचे, देश के एयरपोर्ट किसे बेचे, देश की सारी मीडिया किसके पास है। देश का पूरा पेट्रोलियम, टेक्नोलॉजी से किसे दे रहे हैं। दो लोगों के लिए, प्रधानमंत्री जी के जो मित्र हैं, उनके लिए ही देश की नीतियां चल रही हैं।
छोटे व्यापारियों की तोड़ दी कमर
उन्होंने कहा कि देश बजट आता है, गरीब, किसान, मीडिल क्लास के लिए कुछ नहीं, छोटे व्यापारी के लिए कुछ नहीं। छोटे व्यापारी ही देश की रीड़ हैं। उन्हें बताया गया कि नोटबंदी इसलिए आ रही है कि कालाधन वापस आएगा। उन्हें ये नहीं बताया किसी ने कि नोटबंदी से कितना संकट आने वाला थी। उन पर जीएसटी थोपी गई। कोरोना आया। लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान उन्हीं छोटे व्यापारियों को हुआ, जो देश की रीड़ की हड्डी हैं।
सरकारी पद खाली और महंगाई की मार
देश में रोजगार ये ही छोटे व्यापारी पैदा करते हैं। कोई अडानी व अंबानी रोजगार पैदा नहीं कर रहे हैं। छोटे उद्यमी ही रोजगार पैदा कर रहे हैं। सरकार ने किसान, छोटे व्यापारियों को कमर तोड़ी, बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 28 हजार पद खाली हैं। नौकरियां क्यों नहीं दी। आज तक पद खाली क्यों है। महंगाई क्यों है। गैस सिलेंडर कितने में मिल रहा है। महंगाई इतनी है कि खाने पीने का सामान नहीं खरीद पा रहे हैं।
सबसे बड़ा धर्म जनता सेवा
उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म की बात करते हैं। कैसा धर्म है इनका। नेता का धर्म जनता की सेवा होता है। तमाम बीजेपी के नेता सीएम से लेकर प्रधानमंत्री तक सिर्फ अपने विकास, अपनी सुविधाओं और बड़े उद्योगपतियों के बारे में सोच रहे हैं। आपके बारे में कोई नहीं सोच रहा है। यदि सोचा होता तो इतनी बड़ी तादात में बेरोजगारी नहीं होती।
उन्होंने कहा कि अगर इन्होंने आपके लिए काम किया होता तो महंगाई से आपकी कमर नहीं टूट रही होती। शिक्षा की सुविधाएं होती। जब कोरोना हुआ तो आपके लिए सेहत की सुविधाएं होती। तब कहां थे ये लोग।
दिलाई कोरोनाकाल की याद
उन्होंने कहा कि पलायन तब होता है, जब प्रदेश में रोजगार नहीं होता। यहां सब कुछ है, हुनर है, लेकिन रोजगार नहीं है। रोजगार के लिए लोग पलायन कर रहे हैं। सरकार ने क्या किया जब कोरोना आया। एक दिन में कह दिया लॉकडाउन हो गया। बसे बंद, ट्रेन बंद। जाओ घर अपने। तमाम उत्तराखंड के लोग जो दिल्ली जैसे शहरों में मेहनत की कमाई करते हैं। उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया। पिछले दिनों पीएम मोदी ने कहा कि कोरोनाकाल में कांग्रेस ने इनकी मदद की। कोरोना फैला दिया पूरे देश में राजनीति करके। हम क्या करते। लोग सड़क पर पैदल आ रहे थे। कोई सुविधा नहीं थी। क्या हम उनको ऐसे ही छोड़ देते। हम राजनीति नहीं, अपना धर्म निभा रहे थे।
छीने जा रहे हैं आपके अधिकार
उन्होंने कहा कि सोच लीजिए, जो सीधी सी बात नहीं समझ पाता, वो आपका विकास नहीं करा पाएगा। ये बात कभी मत भूलिए आपके अधिकार रोज छीने जा रहे हैं। आपके मंदिरों, जमीन पर अधिकार, रोजगार का अधिकार छीना जा रहा है। आपको लूटा जा रहा है। आंखे खोलो और देखो कि पिछले पांच साल में आपके प्रदेश के साथ क्या किया। जागरूक बनो। इन सबको कुर्सी में आपने बैठाया है। ये कभी मत भूलो। इन्हें याद दिलाओ। ये जो मुख्यमंत्री बैठे हैं आजकल आपको बिंदियां और चूड़ियां बांट रहे हैं। इनसे पूछो रोजगार क्यों नहीं बांटा। इनसे पूछो हमारी जमीन क्यों छीनी। जब हम संकट में थे, तब तुम कहां थे। आप सब इन सवालों का जवाब जानते हो। अपने दिलों में झांको। पांच साल में क्या हम आगे बढ़े। आपके मुख्यमंत्री ने आपका विकास किया है। हराओ इनको।
प्रत्याशी को जिताने की अपील
उन्होंने कहा कि खटीमा से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी को पहचानो। ये वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी शादी में शगुन में मिले पैसे भी लोगों की भलाई में लगा दिए। पहचानो इन्हें, सुबह से शाम तक आपके लिए काम करेंगे। जब आप इन्हें विधायक बनाओगे तो ये पांच साल आपके बीच रहेंगे। कांग्रेस पार्टी आपकी सेवा करने का मौका चाहती है। हमारे प्रत्याशियों को जिताओ। लूट खसोट की राजनीति को रोको।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।