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March 14, 2025

सहकारी बैंक घोटाले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ बोला हल्ला, मंत्री से मांगा इस्तीफा, बीजेपी ने किया पलटवार

उत्तराखंड में सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों (चपरासियों) की भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सोमवार को यहां सचिवालय के बाहर धरना दिया और सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत से त्यागपत्र देने की मांग की।

उत्तराखंड में सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों (चपरासियों) की भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सोमवार को यहां सचिवालय के बाहर धरना दिया और सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत से त्यागपत्र देने की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने सहकारिता विभाग में भर्ती की सीबीआई जांच की मांग की है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, गरिमा दसोनी, देवेंद्र सिंह, संदीप चमोली, विकास नेगी, अजय सिंह, मनीष कुमार समेत तमाम कांग्रेसी दिग्गज धरने पर बैठे।
इस मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि सहकारी बैंकों की भर्ती में हुए घोटाले में योग्य उम्मीदवारों को नकार दिया गया, जबकि मंत्री और उनके चहेतों के रिश्तेदारों को नौकरी दे दी गयी। उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर आंदोलन जारी रहेगा और विधानसभा अध्यक्ष के लौटने पर कांग्रेस राज्य विधानसभा में भी अपनी मांग के समर्थन में एक बार और धरना देगी। धरने पर बैठे पार्टी नेताओं ने सहकारिता मंत्री से इस्तीफा भी मांगा। हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में श्रीनगर गढवाल सीट पर धनसिंह रावत ने गोदियाल को मामूली अंतर से हराया था। पुष्कर सिंह धामी नीत पिछली सरकार के मंत्रिमंडल में सहकारिता मंत्री रहे धनसिंह रावत को इस बार भी इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
गणेश गोदियाल ने बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। रोजगार के नाम पर युवाओं से उनके परिवार की खून-पसीने की कमाई डकारी जा रही है। राज्य कोआपरेटिव बैंक में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती में हुए भारी भ्रष्टाचार ने सरकार की कलाई खोल कर रख दी है। इससे पहले भी कोआपरेटिव बैंक में रिक्त पदों पर हुई भर्ती में भारी भ्रष्टाचार को अंजाम देने की नीयत से चयन परीक्षा उत्तराखंड के किसी स्थान पर कराने की बजाय नोएडा में आयोजित कर स्थानीय बेरोजगार नौजवानों के हक को मारा गया।
उन्होंने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री जी ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है, जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है। गणेश गोदियाल ने को-आपरेटिव बैंक में चतुर्थ श्रेणी पदों के चयन में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि पिछली सरकार में हाई कोर्ट नैनीताल ने अपने फैसले में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते तत्कालीन सीएम के मामले में सीबीआई और पक्षकारों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया था। सीएम पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से बीजेपी सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति की कलाई खुल चुकी थी और यह सिद्ध हो चुका था कि बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को खुले रूप में स्वीकारने की घटना से स्पष्ट हो गया था कि बीजेपी सरकार में हर स्तर पर भारी लूट हो रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार मुक्ति का दंभ भरने वाली सरकार की नाक के नीचे कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग महाघोटाले का मामला जनता के सामने है, जिसमें इस महामारी में आपदा में अवसर का लाभ लेते हुए आम जनता की गाढ़ी कमाई से जमा टैक्स के करोड़ो रुपये की लूट हुई, लेकिन बीजेपी सरकार ने इस मामले की जांच को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि कोआपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले सहित कोरोना महामारी में मेडिकल सामग्री, दवाई, वैक्सीन खरीद और टेस्टिंग सहित सभी मामलों की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली बीजेपी सरकार हर स्तर पर भ्रष्टाचार को प्राश्रय दिया है। चाहे एनआरएचएम. घोटाला हो, छात्रवृत्ति घोटाला हो, सिडकुल घोटाला या फिर कोआपरेटिव बैंक में नियुक्तियों में हुए घोटाले का मामला हो। बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार और घोटालों की लम्बी फेहरिस्त है। लोकायुक्त बिल को लटकाए रखना बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की कलाई पहले ही खोल चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बेरोजगार युवाओं के साथ हुए अन्याय को कभी बर्दास्त नहीं करेगी और इसको लेकर सड़क से लेकर सदन तक जनता की लड़ाई लड़ेगी।
हार की बौखलाहट में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने विवेक भी खो दिया हैः निदेशक
उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के गढ़वाल सीट के निदेशक मनोज पटवाल ने कहा कि कांग्रेस से किक आउट हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की चुनाव हारने के बाद बौखलाहट इतनी बढ़ गई है कि वे भर्ती घोटाले पर धरना देने पहुंच गए। उन्होंने कहा उन्हें पता ही नहीं है की सहकारिता भर्ती घोटाला किसने किया और किसने इसकी जांच बैठाई। इस भर्ती घोटाले की स्वयं सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने जांच बिठाई और उन्होंने कई बार अपने बयान में कहा है कि अगर विभागीय जांच सही तरीके से नही होगी तो हमारी सरकार एसआईटी की जांच करवाएगी।
मनोज पटवाल ने कहा की जब प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगी हुई थी तब कुछ अधिकारियों ने आनन फानन में भर्ती प्रक्रिया करवाई थी। उन्होंने कहा जैसे ही सहकारिता मंत्री को इस भर्ती में घोटाले की शिकायत मिली उन्होंने तुरंत सहकारिता सचिव को निर्देशित करते हुए भर्ती को रुकवाकर जांच के आदेश दिए। साथ ही बैंक के अधिकारियों को निलम्बित किया।
बीजेपी नेता पटवाल ने कहा कि गणेश गोदियाल को अपने आप को देखना चाहिए कि जो उन्होंने राठ के भोले भाले लोगो से लाखों रुपए इकट्ठा किये थे और उन्हें सब्जबाग दिखाए थे कि में तुम्हारे फ़ूड पार्क बनाऊंगा। मनोज पटवाल ने कहा कि गोदियाल जी एक बार उन लाखो रुपए का हिसाब दे दे या फ़ूड पार्क दिखा दें। पटवाल ने कहा वैसे इसमें गणेश गोदियाल का कसूर नही है। बेचारे एक तो हार से बौखला रखे है। दूसरा चुनाव के दौरान उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुये अपनी पार्टी के कई टिकट बेचे और चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। जिस कारण उन्हे पार्टी अध्यक्ष से हटना पड़ा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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