सीएम ने टिहरी लेक फेस्टिवल का किया शुभारम्भ, पर्यटन मंत्री ने किया किनारा, कुछ अलग पकने का इशारा, जानिए सीएम के आज के अन्य निर्णय

पहले सूर्यधार झील, फिर टिहरी फेस्टिवल के उद्घाटन के मौके पर पर्यटन मंत्री के नदारद रहने से इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार में ही सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पर्यटन विभाग के मुख्य आयोजन से ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के ना जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
देहरादून के डोईवाला में सीएम ने 29 नवंबर को डोईवाला के थानो क्षेत्र में सूर्यधार झील का लोकार्पण किया था। इसमें भी सिंचाई व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज नहीं पहुंचे थे। हालांकि उस दिन वह उत्तराखंड के दूसरे जिले में शिलान्यास कार्यक्रम में मशगूल रहे। आज टिहरी झील महोत्सव में भी वह अपने विभाग के कार्यक्रम में नहीं गए।
हालांकि इस संबंध में सतपाल महाराज ने एक दिन पहले झील महोत्व में न जाने की वजह भी बताई। उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि मंगलवार से शुरू हो रहे टिहरी झील महोत्सव में शिरकत नहीं करेंगे। महाराज ने कहा था कि चमोली जिले में आई आपदा में जान-माल की क्षति से वह आहत हैं। इसी के दृष्टिगत उन्होंने इस महोत्सव में भाग न लेने का फैसला लिया है। सोमवार को कैबिनेट मंत्री महाराज ने बयान जारी कर कहा कि चमोली जिले में ऋषिगंगा और धौलीगंगा के उफान से जानमाल को भारी नुकसान हुआ है। इस त्रासदी में कई लोग हताहत हुए हैं, जबकि कई टनल में फंसे हैं। अभी भी टनल से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है।
उधर, महोत्सव के उद्घाटन से पहले महाराज के इस निर्णय से सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं भी हैं। इसमें पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज को भी भाग लेना था। सतपाल महाराज के आपदा को आधार बनाकर कार्यक्रम में ना जाने से भी इस बात पर साफ इशारा करता है कि उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम और आपदा को लेकर भाजपा सरकार में अलग अलग मत हैं। सात फरवरी को चमोली में आई आपदा का समय सुबह करीब दस बजे था। आपदा के दिन देहरादून में सीएम का शिलान्यास का कार्यक्रम था। जब वे कार्यक्रम में थे तो उन्हें आपदा की सूचना मिल गई थी। कार्यक्रम का समय सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे का था। हर कार्यक्रम की तरह ये कार्यक्रम भी देरी से ही शुरू हुआ। इसके बावजूद मुख्यमंत्री पूरा कार्यक्रम निपटाकर जोशीमठ की तरफ रवाना हुआ। दो दिन चमोली रहने के बाद तीसरे दिन से मुख्यमंत्री उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम में मशगूल हो गए। वहीं, इस संबंध में पर्यटन मंत्री का कार्यक्रम से किनारा करना किसी दूसरी ओर भी इशारा कर रहा है।
बहरहाल टिहरी लेक फेस्टिवल की शुरुआत करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि टिहरी में भागीरथी के तट पर अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्यालय की स्थापना की जाएगी। जहां विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी का भी ज्ञान दिया जाएगा। इससे पूरे विश्व के लोग भारतीय संस्कृति का ज्ञान हासिल कर सकेंगे। यहां 500 प्रशिक्षणार्थियों को स्कूबा डाइविंग के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। लाइट और साउंड शो की शुरुआत की जाएगी। फेस्टिवल के अवसर पर देवडोलियों का प्रदर्शन आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनमानस को बसंत पंचमी पर्व की बधाई देते हुए कहा कि टिहरी में उत्तराखंड का भविष्य है। पहले टिहरी लेक फेस्टिवल किस दिन मनाया जाए इसे लेकर कोई तारीख तय नहीं थी परंतु अब हमने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है कि टिहरी लेक फेस्टिवल अब से हर वर्ष बसंत पंचमी को ही होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली में आई प्राकृतिक आपदा के कारण इस बार महोत्सव को लेकर असमंजस की स्थिति थी, परंतु हमने निर्णय लिया कि हम आपदा से भी लड़ेंगे और आगे भी बढ़ेंगे। जिन लोगों ने इस आपदा में अपना जीवन खोया है भगवान उनको श्री चरणों में स्थान दे। मैं बाबा केदार और भगवान बद्री विशाल से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर के निवासियों ने काफी दिक्कतें झेली हैं। आज सरकार ने उन्हें मोटरेबल डोबरा चांठी पुल दिया है जिससे उनकी परेशानी दूर हुई। साथ ही पर्यटकों और उत्तर काशी के निवासियों को भी सुविधा मिली है। मसूरी में कारोबार और पर्यटन में सैचुरेशन आ गया है। टिहरी में पर्यटक कुछ दिन रुके और यहां का लुत्फ उठाएं, इस कल्पना के साथ हम टिहरी क्षेत्र का विकास कर रहे हैं। इसके लिए 1210 करोड रुपए से नई टिहरी को विकसित करने का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर विंग की स्थापना की गई है, जिसका असर राज्य में देखने को मिल रहा है। आज भीमताल, अल्मोड़ा, सतपुली और टिहरी में साहसिक गतिविधियों का सफलतापूर्वक आयोजन हो रहा है। हम टिहरी का इस तरह विकास कर रहे हैं कि लोग पलायन न करें और उन्हें यहीं पर रोजगार मिले। हमें विश्वास है कि पर्यटन का हब यदि कोई राज्य होगा तो वह उत्तराखंड ही होगा।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि टिहरी लेक फेस्टिवल के कारण आज बहुत से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। वाटर स्पोर्ट्स की जैसी संभावनाएं संभावनाएं टिहरी में हैं, वैसी संभावनाएं पूरे भारत में कहीं भी नहीं है। टिहरी झील आने वाले समय में इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित होगी।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डा. धनसिंह रावत, विधायक धनसिंह नेगी, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, सचिव श्री दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी श्रीमती ईवा आशीष श्रीवास्तव सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारियों सहित पर्यटन से जुड़े लोग और पर्यटक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
ये है फेस्टिवल की खासियत
टिहरी लेक फेस्टिवल में विभिन्न साहसिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें पैरा ग्लाइडिंग, पैरा मोटर, पैरासेलिंग बोट, स्कूबा ड्राइविंग, हाट एयर बैलून, क्याकिंग, केनोइंग, हाईरोप कोर्स, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग रैपलिंग और ऑल टेरेन बाइक सहित कई साहसिक खेल शमिल है।
लगाए गए स्टाल
आत्मनिर्भर उत्तराखंड के संकल्प को ध्यान में रखते हुए महोत्सव में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों, क्राफ्ट, हस्तशिल्प की वस्तुओं, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के हिलांस आउटलेट, वन विभाग के उत्पादों, लकड़ी की वस्तुओं, जैविक उत्पादों के स्टाल भी लगाए गए। साथ ही लोगों के खाने पीने के भी स्टाल लगाए गए।
फोटो प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र
इस अवसर पर उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिली। देवडोलियों के माध्यम से धार्मिक परम्पराओं के भी दर्शन हुए। टिहरी झील महोत्सव के अंतर्गत पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही महोत्सव में फोटो प्रदर्शनी और अवार्ड सेरेमनी का भी आयोजन किया गया।
सभी सरकारी दफ्तरों में अब 100 फीसदी उपस्थिति
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में आई कमी को देखते हुए राज्य सचिवालय समेत सभी सरकारी कार्यालयों में समस्त समूह के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति 100 फीसदी किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
पिछले साल कोविड-19 महामारी को देखते हुए शासन ने समय-समय पर सचिवालय समेत सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में कमी कर दी थी। सरकारी कार्यालयों में कुछ विभागों में अधिकारियों के साथ ही सभी समूह के कर्मचारियों की वर्तमान में उपस्थिति 75 फीसदी तक सीमित की गई थी। अब सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से मुख्यमंत्री के समक्ष सचिवालय समेत सभी सरकारी विभागों में समस्त समूहों के अधिकारी-कर्मचारियों की 100 फीसदी उपस्थिति का प्रस्ताव भेजा गया। इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अनुमोदन दे दिया है।
फर्जी आयुष्मान गोल्डन कार्ड की जांच डीएम देहरादून को
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजकीय हास्पिटल डोईवाला में आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए आयोजित विशेष शिविर में कुछ लोगों को फर्जी कार्ड जारी किए जाने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून को प्रकरण की तत्काल जांच कराकर कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं।
अठूरवाला के राजेश द्विवेदी ने यह शिकायती पत्र भेजा था। द्विवेदी ने शिकायती पत्र में उल्लेख किया कि 9 दिसंबर 2019 को राजकीय हास्पिटल डोईवाला में अटल आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए विशेष कैंप आयोजित किया गया था। इसमें प्रार्थी ने पत्नी और दो पुत्रों के साथ आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनवाने गए थे। वहां कैंप में मौजूद कम्प्यूटर पर बैठे व्यक्ति द्वारा आधार कार्ड के माध्यम से बायोमैट्रिक्स वेरिफिकेशन कर व प्रति कार्ड 70 रुपए भुगतान लेकर परिवार के सभी सदस्यों के कार्ड जारी किए गए थे। चारों कार्ड में आयुष्मान भारत कार्ड व उत्तराखंड सरकार का विज्ञापन भी संलग्न है।
जब प्रार्थी ने इन कार्डों का सत्यापन पीएमजेएवाई, जीओवी.इन के जरिए करवाया तो चारों कार्ड फर्जी साबित हुए। इसकी शिकायत तुरंत उन्होंने आयुष्मान भारत कार्ड योजना प्रभारी पंकज नेगी से की तो उन्होंने भी अपने सर्वर पर चारों कार्ड की जांच की। चारों कार्ड फर्जी होने की पुष्टि हुई। प्रार्थी ने आशंका जताई की इस तरह की आपराधिक साजिश अन्य लोगों से भी हो सकती है। इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए।
यमुनोत्री पैदल मार्ग की मरम्मत होगी
मुख्यमंत्री ने पिछले साल मानसून अवधि में यमुनोत्री धाम को जाने वाले जानकी चट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग के स्थान भंगेलीगाड (किलोमीटर 03) पर 100 मीटर लंबे भाग में भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त मार्ग के पुनर्निर्माण-मरम्मत के लिए 50 लाख की राशि आवंटित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार वर्तमान में इस स्थान पर अस्थायी वैकल्पिक मार्ग तैयार कर इसे खोला गया है। पर आगामी यात्रा काल में यमुनोत्री आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के सुचारू आवागमन तथा खाद्यान-गैस आदि आवश्यक सामग्री की आपूर्ति के लिए इस क्षतिग्रस्त स्थान की मरम्मत जरूरी है। इस पर मुख्यमंत्री ने इसके लिए धनराशि आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
चिन्यालीसौड के ग्राम कान्सी के 12 परिवार होंगे विस्थापित
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड तहसील के अंतर्गत आपदा प्रभावित ग्राम कान्सी के 12 परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
इन परिवारों को विस्थापित करने पर 49,20,000 रुपए के व्यय की भी स्वीकृति दी गई है। चिन्यालीसौड में आपदा प्रभावित कुल 16 परिवार थे। इनमें से चार परिवारों को पहले ही विस्थापित किया जा चुकी है। शेष 12 परिवारों को विस्थापित होना है।
सैन्यधाम के निर्माण के लिए उच्चस्तरीय समिति
देहरादून के पुरुकुल गांव में सैन्यधाम के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उच्च स्तरीय समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यह उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण व पुनर्वास विभाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस उच्चस्तरीय समिति के गठन पर विचार विमर्श किया गया था। इसमें सलाहकार मा.मुख्यमंत्री (सैन्य व सीमांत क्षेत्र सुरक्षा व विकास) विशेष आमंत्रित सदस्य, रहेंगे। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण, सचिव वित्त, जिलाधिकारी देहरादून, अपर सचिव सैनिक कल्याण, प्रबंध निदेशक उपनल, प्रबंध निदेशक ब्रिडकुल को सदस्य बनाने का प्रस्ताव है। निदेशक सैनिक कल्याण को सदस्य सचिव बनाया गया है।
उच्च स्तरीय समिति को तकनीकी व अन्य परामर्श के लिए जरूरत के अनुसार समय-समय पर अन्य विभागों के अधिकारियों को सदस्यों के रूप में बैठक में आमंत्रित करने का अधिकार दिया गया है। सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग द्वारा ही सैन्य धाम का निर्माण किए जाने की भी बैठक में संस्तुति की गई है। सैन्य धाम के निर्माण के लिए ब्रिडकुल को कार्यदायी संस्था के रूप में नामित किया गया है। सैन्य धाम में ही उपनल के कार्यालय भवन मुख्यालय का निर्माण के प्रस्ताव को भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी है।
18 व 19 को करेंगे नैनीताल जिले का भ्रमण
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत दिनांक 18 एवं 19 फरवरी, 2021 को नैनीताल जनपद के भ्रमण पर रहेंगे। मुख्यमंत्री दिनांक 18 फरवरी को देहरादून से सांय 04 बजे प्रस्थान कर एफटीआई हैलीपैड, हल्द्वानी, नैनीताल सांय 05 बजे पहुचेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र एफटीआई सभागार में सांय 05.05 कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे तथा सांय 06 बजे एफटीआई शताब्दी भवन कान्फ्रेंस हॉल में जनप्रतिनिधि संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।
मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम काठगोदाम में करेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र दिनांक 19 फरवरी को प्रातः 10 बजे सर्किट हाउस काठगोदाम में जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। तत्पश्चात् मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र प्रातः 11:30 बजे मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण एवं उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति आवास, विज्ञान भवन, अतिथि गृह, बहुउद्देशीय भवन तथा कर्मचारी आवास का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री अपराह्न 12.35 बजे प्रेस वार्ता करने के पश्चात् अपराह्न 1.15 बजे देहरादून के लिए प्रस्थान करेंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।