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April 15, 2025

चार साल की सेना में नौकरी के प्रचार में उतरे सीएम धामी, गिनाई अग्निपथ की खूबियां, अभी अग्निवीर बने नहीं, लेकिन भेज दी कविता

युवाओं को सेना में चार साल की नौकरी की योजना अग्निपथ को लेकर जहां देश भर के कई राज्यों में प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। उत्तराखंड में भी पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, खटीमा, देहरादून में आज प्रदर्शन किए गए हैं।

युवाओं को सेना में चार साल की नौकरी की योजना अग्निपथ को लेकर जहां देश भर के कई राज्यों में प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। उत्तराखंड में भी पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, खटीमा, देहरादून में आज प्रदर्शन किए गए हैं। युवाओं को ये योजना रास नहीं आ रही है। उनका कहना है कि चार साल तक सेना में नौकरी के बाद उनके भविष्य की कोई गारंटी नहीं है। ना ही इसमें पेंशन है और ना ही कोई ग्रेच्यूटी आदि। 17 से 21 वर्ष की उम्र तक ही युवा सेना में सेवा कर पाएंगे। इसके बाद मात्र 25 फीसद को सेना में रखा जाएगा और बाकी सेवानिवृत्ति के नाम पर बाहर हो जाएंगे। सेना में भर्ती होने वाले जवानों को अग्निवीर का नाम दिया गया है। वहीं, उत्तराखंड सरकार इस योजना के प्रचार में जुट गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसके लिए बाकायदा प्रेस वार्ता करनी पड़ी।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। एक तरफ जहां दुनिया के कई बड़े देश विभिन्न संकटों से घिरे हुए हैं, वहीं भारत न केवल हर चुनौती से सफलतापूर्वक पार पा रहा है, बल्कि विश्व का मागदर्शन भी कर रहा है। आज कूटनीति से लेकर आर्थिक मोर्चे तक भारत की नीतियों को आदर्श माना जा रहा है और विकसित देश भी इनका अनुसरण करने को बाध्य हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में व्याप्त आर्थिक संकट से हम सभी भली भांति परिचित हैं। इन हालातों के बीच एक भारत ही है जो अपने नागरिकों और विशेषकर युवाओं को आशा की किरण दिखाने में सफल हो रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा अगले 18 माह में दस लाख नौकरियां देने के निर्णय ने युवाओं के सपनों को उड़ान देने का कार्य किया है। इस महाअभियान की शुरुआत ‘अग्निपथ’ योजना को प्रारम्भ कर की गयी है। इसके तहत सेना में ‘अग्निवीरों’ को नियुक्त किया जाएगा। इससे ना केवल देश के युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा, बल्कि हमारी सेनाएं भी और अधिक युवा व सशक्त होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान वीर भूमि के रूप में भी है। उन्होंने अग्नि पथ योजना के लिए प्रदेश की सवा करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते स्वंय भी अपने को गौरवान्वित महससू कर रहा हूं कि मुख्य सेवक के रूप में इस योजना को उत्तराखण्ड में लागू करने का अवसर प्राप्त होगा। इस योजना के तहत 17 वर्ष से 21 वर्ष के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा और इसकी शुरुआत आगामी 90 दिनों में हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना इस योजना के लागू होने के पश्चात आने वाले समय में और अधिक जोश के साथ तिरंगे की आन-बान और शान को बढ़ाने का कार्य करेगी। साथ ही इस योजना द्वारा देश को ऐसे युवाओं की एक बड़ी सौगात भी मिलेगी जो अनुशासित होंगे। राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत होंगे। जिनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि होगा। ऐसे ही युवा, नए भारत की नींव रखेंगे और जिस नींव पर उस नए भारत का निर्माण होगा, जो पुनः विश्व गुरु कहलाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना में भर्ती होने का सपना रखने वाले उत्तराखंड के युवाओं के लिए तो ये योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होने वाली है। इस योजना के ऐलान के बाद मुझे प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से युवाओं के संदेश मिल रहे हैं, जिनमें उन्होंने राष्ट्र सेवा की दिशा में किए गए इस अनुपम प्रयास के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है। इस योजना को लेकर देश का युवा अत्यंत उत्साहित है।
अब यहां सीएम कहते हैं कि एक अग्निवीर ने मुझे दो लाइनें भेजी हैं। अभी तक इस योजना के तहत भर्ती चालू ही नहीं हुई तो अग्निवीर कैसे बन गए हैं। क्योंकि अग्निवीर तो उन सैनिकों को नामकरण दिया गया है, जो योजना के तहत सेना में भर्ती होंगे। सेना का प्रशिक्षण लिए बगैर ही अग्निवीर कहां से आ गए और कविता भी लिखने लगे, ये शायद सीएम ही बेहतर बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक अग्निवीर ने तो मुझे दो लाइनें भी लिख कर भेजी हैं, जिसे मैं आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूं। उन्होंने लिखा कि-
“अग्निमय हूं, अग्निरूप मैं अग्नि से आकंठ हूं हां मैं अग्निवीर हूं……
धधक रही राष्ट्र भक्ति की ज्वाला हृदय में धधक रही राष्ट्र भक्ति की ज्वाला हृदय में
मैं उसी में आसक्त हूं
हां मैं अग्निवीर हूं….
हां मैं अग्निवीर हूँ……”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना से उत्तराखंड का जुड़ाव सर्वविदित है। हमारे यहां के वीर सैनिकों की शौर्य गाथाओं से भारतीय सेना का इतिहास भरा पड़ा है। यहां के हर घर से कोई न कोई वीर सैनिक अवश्य ही भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा होता है। अतः हमने यह तय किया है कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को राज्य सरकार उत्तराखण्ड पुलिस आपदा प्रबन्धन, चार धाम यात्रा प्रबन्धन सहित अनेक सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी, तत्सम्बन्धी नियम शीघ्र ही तय किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं के सर्वांगीण विकास व उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु हमारी सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और हम निरंतर इस दिशा में प्रयासरत रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवा को अग्निवीर बन राष्ट्र व राज्य का नाम रोशन करेंगे और अपने शौर्य व पराक्रम का परचम चारों दिशाओं में फहराएंगे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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