नोएडा में 15वें उत्तराखंड महाकौथिक में पहुंचे सीएम धामी, बोले- प्रवासी उत्तराखंडियों को जड़ों से जोड़ते हैं ऐसे आयोजन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की ओर से आयोजित 15वें उत्तराखंड महाकौथिक में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी नागरिक, कलाकार, युवा एवं महिलाएं उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया और आयोजन की सराहना की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहते हुए भी उत्तराखंडी समाज द्वारा अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोक परंपराओं और पहचान को जीवंत बनाए रखना अत्यंत प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी राज्य की संस्कृति के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो राज्य से दूर रहकर भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 15 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहा उत्तराखंड महाकौथिक लोक कला, लोक संगीत, पारंपरिक विरासत और पहाड़ी उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का एक सशक्त मंच बन चुका है। ऐसे आयोजन न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों से आए उत्तराखंडी भाई-बहनों को एक सूत्र में पिरोने का भी कार्य करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकौथिक में पारंपरिक वेशभूषा, हस्तशिल्प, कारीगरी, जैविक उत्पादों और पहाड़ी व्यंजनों के साथ-साथ जागर, बेड़ा, मांगल, खुदेड़, छोपाटी जैसे लोकगीतों तथा छोलिया, पांडव और झोड़ा-छपेली जैसे लोकनृत्यों के माध्यम से उत्तराखंड की जीवंत लोकसंस्कृति के विविध रूप सजीव रूप में देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसकी अवधि को पांच दिनों से बढ़ाकर सात दिन किया जाना इसकी सफलता को दर्शाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की पूरी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ओर देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। केदारखंड और मानसखंड मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण, हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ के पुनरुद्धार, हरिद्वार-ऋषिकेश और शारदा कॉरिडोर, दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, ऑल वेदर रोड, भारतमाला, पर्वतमाला और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना जैसी योजनाओं से राज्य के बुनियादी ढांचे को नई मजबूती मिल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समग्र विकास के साथ-साथ उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान के लिए भी पूरी तरह संकल्पबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देवभूमि की पवित्रता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और अवैध गतिविधियों, अतिक्रमण तथा राष्ट्रविरोधी मानसिकता के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड नफरत नहीं, संस्कार चाहता है, विभाजन नहीं, एकता चाहता है। सरकार का उद्देश्य देवभूमि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



