संभागीय निरीक्षकों को सीएम धामी ने प्रदान किए नियुक्ति पत्र, इंवर्टिस विश्वविद्यालय ने किया सीएम का अभिनंदन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में परिवहन विभाग के अन्तर्गत सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) पद पर नियुक्त 08 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह आपके जीवन की नई शुरूआत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित अभ्यर्थी अपने कार्यक्षेत्र में नवाचार करेंगे और परिवहन विभाग में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में परिवहन के क्षेत्र में बहुत चुनौतियां हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वाहनों की फिटनेस जाँच, मोटर वाहन अधिनियम और नियमों के पालन कराने और सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में सम्भागीय निरीक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बरेली के इंवर्टिस विश्वविद्यालय ने किया सीएम का अभिनंदन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को बरेली के इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू किये जाने पर इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा सम्मान एवं अभिनंद समारोह आयोजित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में यूसीसी की ऐतिहासिक पहल को साकार करने में उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का महत्वपूर्ण योगदान है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक समान और न्यायसंगत कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना है। यूसीसी के लागू होने से राज्य के नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होने के साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कानून लाखों महिलाओं के अधिकारों का एक सशक्त सुरक्षा कवच है, जो वर्षों से समानता की प्रतीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता से समरसता स्थापित करने का एक संवैधानिक उपाय है। इसमें किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोगों द्वारा यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को लेकर कई प्रकार के भ्रम फैलाने का प्रयास किये जा रहे हैं। इसके पीछे मंतव्य हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और इन संबंधों से जन्म लेने वाले बच्चों के अधिकारों एवं भविष्य की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली यूसीसी की गंगा देश में एक नई चेतना जागृत करने का कार्य करेगी। यूसीसी की समरस धारा देश के दूसरे राज्यों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए अवश्य प्रेरित करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। कश्मीर से धारा 370 का अंत, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करना , नागरिकता संशोधन कानून लागू करना और फिर अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण जैसे ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सांसद क्षत्रपाल गंगवार, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरूण कुमार, दर्जा मंत्री उत्तराखण्ड विनय रूहेला, महापौर बरेली डॉ. उमेश गौतम, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, डॉ. श्याम बिहारी लाल, डी. सी. वर्मा, डॉ. एम. पी. आर्या, अशोक कट्टारिया, कुलाधिपति इन्वर्टिस विश्वविद्यालय डॉ. वेद गौतम, डीन डॉ. राजेश शर्मा, कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।