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April 15, 2025

सीएम धामी ने शिक्षकों को किया सम्मानित, जायका परियोजना का किया शुभारंभ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोशिएशन की ओर से आयोजित International Conference of Principals & Teachers कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समाज के निर्माण में अहम भूमिका होती है। माता-पिता के बाद शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। शिक्षक युग दृष्टा ऋषियों के समान हैं, जो समाज को प्रबुद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिरीक्षण द्वारा स्वयं को जानने और समझने योग्य बनाना रहा है। विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है। तभी प्रतिभा का सदुपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों की प्रतिभा को उभारने के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। पी.पी.एस.ए. प्रौद्योगिकी, कौशल और स्कूली पाठ्यक्रम पर खुली और रचनात्मक चर्चा द्वारा विचारों के आदान-प्रदान हेतु एक आदर्श वातावरण प्रदान कर रहा है। पीपीएसए द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पब्लिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों के मध्य सहयोग बढ़ाने में भी सरकार को समय समय पर अपना सहयोग प्रदान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। भारत दुनिया को हर क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का परिचय दे रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत, विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित हो रहा है। सात ही दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। उनकी दूरगामी सोच से देश को 34 वर्षों बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है। पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों के जीवन को उन्नति के प्रकाश से आलोकित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को नई शिक्षा नीति को सही प्रकार से लागू करने के लिए समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए जाते रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज्य में सही तरीके से क्रियान्वयन हो इस उद्देश्य से दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञों की ओर से प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। उत्तराखंड में बाल वाटिकाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया। उच्च शिक्षा में भी राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षिक गतिविधियों के लिए प्रदेश के सभी अध्यापकों को डायट के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। अभी तक 27 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर पीपीएसए के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कश्यप, दून इंण्टनेशनल स्कूल के चैयरमैन डी.एस. मान, लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) जयवीर सिंह नेगी, मेजर जनरल (से.नि) शम्मी सभरवाल, रीजनल ऑफिसर सीबीएसई डॉ. रणवीर सिंह, राकेश ओबेराय एवं विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं अध्यापक उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

जायका परियोजना का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार सांय को वर्चुअल तरीके से मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश में उद्यान विभाग द्वारा संचालित की जा रही जायका परियोजना का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में उद्यान विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत 526 करोड़ रूपये की वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न वाह्य सहायतित एजेंसियां विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं को स्वीकृत करने हेतु विशेष रूचि दिखा रही हैं, जो हमारे राज्य के लिए अत्यन्त गर्व की बात है। उद्यान विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत आज रू0 526 करोड़ की वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। यह उत्तराखण्ड में औद्यानिकी के क्षेत्र में पहली वाह्य सहायतित परियोजना है, जिसका क्रियान्वयन प्रदेश के 04 पर्वतीय जनपदों टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से किया जाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत औद्यानिकी के समग्र विकास हेतु विभिन्न महत्वपूर्ण गतिविधियों को सम्मिलित किया गया है। इसमें कीवी को मुख्य रूप से गैम चैंजिंग क्रॉप के रूप में सम्मिलित करने के साथ-साथ सेब की अति सघन बागवानी को भी प्रमुखता से सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि परियोजना में सप्लाई चेन व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए Farm to Fork तक की विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन से प्रधानमंत्री जी के कृषकों की आय दोगुना करने के संकल्प को सार्थक करने में अहम भूमिका प्राप्त होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाँ एवं कृषि जलवायु विभिन्न कृषि एवं औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु बहुत अनुकूल है। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में भी बागवानी के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। कृषकों को आय के अतिरिक्त साधन प्रदान करने एवं बैरोगजार नवयुवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करते हुए मौनपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नैशनल बी बोर्ड, भारत सरकार द्वारा संचालित नैशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन के माध्यम से रू0 468.50 लाख के प्रस्ताव स्वीकृत कराये गये है। जिसमें ज्योलीकोट, नैनीताल में शहद के संग्रहण, प्रसंस्करण इकाई, शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु टेस्टिंग लैबोरेट्री एवं उत्तराखंड के शहद को देश और विदेशों तक पहुँचाने हेतु इसकी ब्राण्डिंग व विपणन हेतु ईकाइयों की स्थापना की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थापित मेगा फूड पार्क में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से उद्यमियों को भूमि की स्टाम्प शुल्क, बैंक के ब्याज, मंडी से फल एवं सब्जियों की खरीद पर मंडी शुल्क, बिजली की बिल एवं एसजीएसटी आदि में विशेष छूट प्रदान की जा रही है। पूर्व में मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सेब की फसल में ओलावृष्टि से होने वाली क्षति रिस्क फैक्टर में सम्मिलित नहीं था, जिसे रिस्क फैक्टर में के रूप में सरकार द्वारा शामिल किया गया। ताकि ओलावृष्टि से किसानों के नुकसान की भरपाई की जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग के कारण कृषि एवं बागवानी में विभिन्न प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं, जिसमें कमी लाने के उद्देश्य से नाबार्ड की योजनान्तर्गत रू. 10 करोड़ की लागत के क्लाईमेट स्मार्ट माईक्रो इरिगेशन सिस्टम का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। किसानों को रोग रहित उच्च गुणवत्ता युक्त सेब के पौधे की उपलब्धता हेतु जनपद उत्तरकाशी के भटवाड़ी में टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की गयी है। हमारे प्रदेश को भारत सरकार द्वारा बेस्ट हॉर्टीकल्चर स्टेट इन इण्डिया से भी सम्मानित किया गया जो कि गर्व का विषय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि सन् 2025 तक उत्तराखण्ड हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान में होगा। आगामी 25 दिसम्बर को रूफ गार्डनिंग के क्षेत्र में एक अह्म योजना का शुभारम्भ करने जा रहे हैं जिसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून जनपद को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हम कोई भी नवीन योजना किसानों से पूरे विचार विमर्श के बाद ही लायी जायेगी। हमने अधिकारियों को भी निर्देश दिये है कि ज्यादा से ज्यादा फिल्ड में रह कर किसानों की समस्याओं का समाधान करने की पूर्ण कोशिश करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि हमारे राज्य में पलायन एक अह्म समस्या है, हार्टिकल्चर के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न विकास के कार्य निश्चित रूप से पलायन को रोकने में सक्षम होंगे। इस अवसर पर सचिव कृषि डॉ.बी.आर.सी. पुरूषोतम, निदेशक उद्यान डा. हरमिन्दर सिंह बवेजा, निदेशक कृषि गौरी शंकर, निदेशक रेशम ए.के.यादव, जाइका इंडिया रिप्रजेन्टेटिव जून वातानाबे, प्रिंसीपल डेवलपमेंट सोशलिष्ट जाइका अनुरोग सिन्हा, रिप्रजेन्टेटिव जाइका सूमारिया काटो सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आये काश्तकार आदि उपस्थित थे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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