सीटू ने देहरादून में निकाला जुलूस, पीएम को भेजा 10 हजार हस्ताक्षरों का ज्ञापन
सात सूत्रीय मांगों को लेकर सैंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) ने आज मंगलवार 23 जनवरी को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जुलूस निकाला। जुलूस राजपुर रोड स्थित सीटू के मुख्यालय से आरंभ हुआ, जो जिला मुख्यालय पहुंचा। यहां जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस ज्ञापन में 10 हजार लोगों के हस्ताक्षर कराए गए थे। हस्ताक्षर अभियान 11 जनवरी 2024 को शहीद नागेंद्र सकलानी की शहादत दिवस के मौके पर शुरू किया गया था। राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत आज 23 जनवरी 2024 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिवस पर प्रदर्शन कर ज्ञापन पीएम को भेजा गया। ज्ञापन जिलाधिकारी देहरादून की प्रतिनिधि एएलओ अर्चना गहरवार को सौंपा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू के जिला अध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, जिलामहामंत्री लेखराज, उपाध्यक्ष भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल ने किया। इस अवसर पर जिलामहामंत्री लेखराज ने कहा कि सीटू से सम्बद्ध यूनियनों के सदस्यों की ओर से मजदूरों व आम जनता के बीच जाकर मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया। इसमें लोगों ने बढ़चढ़ कर सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि सीटू मजदूर वर्ग की समस्याओं को लेकर सरकार की मजदूर विरोधी नीति को बेनकाब करने का काम करती रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर ई-रिक्शा वर्कर्स यूनियन के संयोजक सुंदर थापा ने ई रिक्शा वर्करों का पुलिस से उत्पीड़न को रोकने की मांग के साथ ही रेहडी पटरी व्यवसायियों को हटाने का विरोध किया। सभा को रेहडी पटरी फड़ व्यवसायी संगठन के संयोजक अनन्त आकाश, भगवान सिंह चौहान, विक्रम बलोदी, आजम खान, सुबोध कुमार, आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन की जिला अध्यक्ष रजनी गुलेरिया, आशा वर्कर्स यूनियन की जिला अध्यक्ष सुनीता चौहान, आल इंडिया लॉयर्स यूनियन के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शम्भू प्रसाद ममगई आदि ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर नवीन तोमर, सोनू कुमार, संजय कुमार, रमेश चंद, बिजेन्दर कनौजिया, संजय तोमर, शुभम सेमवाल, सिंटू कुमार, ममता नेगी आदि भी प्रदर्शन में शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मांगे
1. 29 श्रम कानूनों के स्थान पर लायी गयी चारो श्रम सहिंताओ को रद्द करो।12 घंटे काम करने के आदेश को रद्द करो। श्रम कानूनों को ओर अधिक प्रभावशाली बनाया जाये। बढती महंगाई के कारण न्यूनतम वेतन 26 हजार रूपये किया जाए। ताकि मजदूरो के परिवार की गुजर – बसर हो सके।
2. नई पेंशन स्कीम रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए। ताकि सेवानिवृत व्यक्ति सम्मान से जीवन व्यतीत कर सके।
3.केंद्र सरकार की ओर से संसद में पारित ड्राइवर, हेल्पर विरोधी नये मोटर व्हीकल एक्ट को तत्काल वापस लिया जाए।
3. सरकारी कार्यालयों व निजी ओधोगिक संस्थानों में ठेका, आउटसोर्स व संविदा पर लगे श्रमिको, कर्मचारियों के शोषण पर रोक लगाते हुए नियमित किया जाए।
4. आशा, आंगनवाडी, भोजनमाताओ को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। न्यूनतम वेतन व समाजिक सुरक्षा दी जाए। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिया जाए।
5. बढती महंगाई पर रोक लगाई जाए। केंद्र व राज्य सरकार के संस्थानों में रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती की जाए।
6. रेलवे के निजीकरण से गरीबो का सफर महंगा हो गया है। रेलवे के साथ ही बिजली के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। बिजली के स्मार्ट मीटरो को लगाने के नाम पर मूल्य वृद्धि पर रोक लगए।
7. ई- रिक्शा वर्कर्स व रेहड़ी पटरी व्यवसायियों का उत्पीडन बंद किया जाए। इन्हें मुख्य मार्गो से हटाना बंद करो।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।