Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 15, 2025

तवांग से 150 किमी दूर चीन की जंगी तैयारी, भारतीय सेना पर ड्रोन और लड़ाकू विमानों से रख रहा नजर

चीन ने तवांग में झड़प से ठीक पहले ही भारतीय सीमा के नजदीक बड़े पैमाने पर युद्धक तैयारी कर ली है। ताजा सैटलाइट तस्‍वीरों के मुताबिक तवांग से कुछ ही सौ किमी की दूरी पर स्थित तिब्‍बत के कई एयरबेस पर चीन ने बड़े पैमाने पर फाइटर जेट और ड्रोन विमान तैनात किए हैं। चीन के इन हथियारों के निशाने पर सीधे तौर पर भारत का पूर्वोत्‍तर का इलाका है। यह खुलासा ऐसे समय पर हुआ है जब तवांग में झड़प के बाद चीन ने अपनी हवाई हरकत को बढ़ा दिया है। यही वजह है कि भारतीय वायुसेना को भी दो बार अपने सुखोई लड़ाकू विमानों को भेजना पड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारतीय सेना की चीनी सैनिकों से झड़प हुई थी। सीमा में घुसे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना ने पीछे खदेड़ दिया था। इसकी जानकारी 12 दिसंबर सामने आई। विपक्ष केंद्र सरकार पर इस बात को देश के लोगों से जानकारी छुपाने की बात कहकर लगातार हमला बोल रहा। वहीं, सरकार का कहना है कि विपक्ष सेना के शौर्य पर सवाल खड़े कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, अब खबर आ रही है कि भारत ने चीनी विमानों को भारतीय सीमा के पास देखा था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक तवांग से मात्र 150 किमी की दूरी पर स्थित बांग्‍डा एयरबेस पर चीन ने अपने अत्‍याधुनिक WZ-7 ‘सोरिंग ड्रैगन’ ड्रोन को तैनात किया है। इस ड्रोन का आधिकारिक रूप से साल 2021 में अनावरण किया गया था। यह ड्रोन विमान कम से कम 10 घंटे तक उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन विमान खुफिया जासूसी और निगरानी करने में माहिर माना जाता है। यही नहीं यह ड्रोन‍ विमान जमीन पर हमला करने के लिए क्रूज मिसाइलों को डेटा ट्रांसमिट कर सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत की हर गतिविधियों पर चीन की नजर
भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट समीर जोशी ने कहा कि इन ड्रोन का शामिल किया जाना यह बताता है कि एक सक्रिय और पूरी तरह से काम करने वाला नेटवर्क इन्‍वायरमेंट बनाया गया है ताकि अक्‍साई चिन और पूर्वोत्‍तर इलाके में मैकमोहन लाइन के आसपास सैन्‍य मिशनों को सपोर्ट दिया जा सके। समीर जोशी इन दिनों एचएएल के साथ मिलकर ड्रोन तकनीक पर काम कर रहे हैं। ताकि भारतीय सेना को दिया जा सके। दूसरे शब्‍दों में कहें तो चीनी ड्रोन विमान एक एकीकृत सिस्‍टम का हिस्‍सा बन गए हैं जिससे पीएलए की एयरफोर्स रियल टाइम और सटीक तरीके से भारतीय ठिकानों की निगरानी कर सकेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसकी मदद से चीनी सेना दूसरे ड्रोन या फाइटर जेट और मिसाइल की मदद से निशाना बना सकेगी। 14 दिसंबर की बांगडा एयरबेस की तस्‍वीरें बताती हैं कि दो फाइटर जेट एयरबेस पर मौजूद हैं। ये विमान ठीक उसी तरह के हैं जैसे भारत ने रूस से सुखोई-30 एमकेआई को खरीदा है। सैन्‍य विश्‍लेषक सिम टैक ने कहा कि इन हथियारों की मदद से चीन भारत की हर हरकत पर नजर रख सकता है। उन्‍होंने कहा कि चीन की इस इलाके में हवाई जंग की ताकत का निश्चित रूप से भारतीय वायुसेना पर असर पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, MAXAR से ये तस्वीरें उस वक्त मिली हैं, जब चीन की बढ़ी हुई हवाई गतिविधियों की वजह से अरुणाचल प्रदेश के आकाश में भारतीय वायुसेना (IAF) भी लगातार युद्धक हवाई गश्त कर रही है। पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय वायुसेना ने भी कम से कम दो मौकों पर अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया है, जब उन्होंने चीन के विमानों को अरुणाचल प्रदेश के आकाश में भारतीय सीमा का उल्लंघन करने के करीब देखा।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page