चीन ने बदले भारत के अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम, अमेरिका और भारत ने किया विरोध
भारत चीन सीमा विवाद थमने की बजाय बढ़ता जा रहा है। अब चीन ने ऐसी हरकत कर डाली, जिससे भारत के साथ ही अमेरिका को भी गुस्सा आ गया है। चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदल दिए है। इस पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की है। अमेरिका ने मंगलवार चार अप्रैल को कहा कि यूएस भारतीय क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश पर दावा करने के चीन की कोशिशों का विरोध करता है। ये एक तरह से चीन का भारतीय क्षेत्र पर अपना दावा पेश करने का एक तरीका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अमेरिका के व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिस पर अमेरिका हमेशा से खड़ा रहा है। हम अरुणाचल प्रदेश के इलाकों का नाम बदलकर क्षेत्र के दावे को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा कोशिशों का कड़ा विरोध करते हैं। यूएस का ये बयान चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय की ओर से अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नामों के रिनेम के बाद आया है। उन्होंने इन जगहों के नाम चीनी अक्षरों, तिब्बती पिनयिन भाषाओं में बदल दिए है। चीन के मंत्रालय ने रविवार दो अप्रैल को 11 स्थानों के नामों की घोषणा की। दो आवासीय क्षेत्रों, पांच पर्वत चोटियों, दो नदियों और दो अन्य क्षेत्रों सहित सटीक सबऑर्डिनेट भी दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत ने भी जताया कड़ा विरोध
चीन की इस हरकत के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की चीन की कोशिश को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम बदलने के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा कि हमने ऐसी रिपोर्ट देखी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत ने कहा कि हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविच्छेद्य अंग है और हमेशा रहेगा। बदलकर रखे गए नामों को देने की कोशिश इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह की कोशिश की है। चीन ने पहले भी अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों के नाम बदले हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चीनी, तिब्बती और पिनयिन अक्षरों में जारी की सूची
चीन अरुणाचल प्रदेश को ‘तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान’ कहता है। चीन के गृह मंत्रालय ने रविवार को चीनी, तिब्बती और पिनयिन अक्षरों में नामों का सेट जारी किया, जो चीन के मंत्रिमंडल की राज्य परिषद द्वारा नियमानुसार जारी किए गए भौगोलिक नामों पर आधारित था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले भी सूचियां जारी कर चुका है चीन
इस तरह की पहली दो सूचियां 2018 और 2021 में जारी की गई थीं। चीन ने पहले छह नामों की सूची जारी की थी, जबकि 2021 में उसने अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का ‘नाम बदला’ था। नई दिल्ली ने दोनों मौकों पर चीन के दावों को मजबूती से खारिज कर दिया था। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने इस तरह की रिपोर्ट देखी है। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, और रहेगा. ऐसे प्रयास से वास्तविकता नहीं बदलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्वी लद्दाख में एक महीने से चल रहे सीमा गतिरोध के बीच पिछले दिसंबर में राज्य के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हुआ था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तब चीन पर एलएसी के साथ यथास्थिति को “एकतरफा” बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।