मुख्य्मंत्री का बयान लोकतंत्र पर चोट, पार्टियों में तोड़फोड़ की करता है पुष्टि: जोत सिंह बिष्ट

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि आप पार्टी उत्तराखंड में एक पर्यटक की तरह आई और वापस चली गई। उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। हकीकत में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में और पंजाब में माननीय भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकारें, जिस तरह से आम आदमी की बुनियादी समस्याओं का कदम दर कदम उठा रही हैं, उससे देश की जनता के मन में अपनी सरकारों के कामकाज के प्रति विश्वास पैदा कर रही हैं। इसकी बदौलत आज, हिमाचल और हरियाणा में लोग आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं। उससे घबराकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इस तरह की गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। हम मुख्यमंत्री के आभारी हैं कि उन्होंने उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की मजबूत उपस्थिति को स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कल दिल्ली में थे। दिल्ली में पिछले 5 दिन से उत्तराखंड की एक बेटी सरला रावत लापता है, उनको चाहिए था कि आम आदमी पार्टी की चिंता छोड़कर पहले दिल्ली पुलिस से सरला रावत को ढूंढने के लिए अपने सरपरस्त गृह मंत्री अमित शाह के दरवाजे पर दस्तक देते। उनको आम आदमी पार्टी की चुगली करने या बुराई करने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है। उनको मुख्यमंत्री इसलिए बनाया गया है कि वह उत्तराखंड राज्य की जनता के सिर पर उनकी सरकार ने जो 1लाख करोड़ से अधिक का कर्जा लाद दिया है, उससे राज्य को कर्ज मुक्त कराने के प्रयास करें। साथ ही राज्य के संसाधन कैसे बढ़ाएं जाएं, इस पर प्रयास करें। आज राज्य का प्रत्येक नागरिक 66000 रुपए का कर्जदार है। सीएम साहब को इस पर बयान देना चाहिए।
जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि आज के दिन राज्य के सामने चार धाम यात्रा को सुचारु रूप से चलाने की सख्त आवश्यकता है। सरकार की बदइंतजामी से 20 दिन में लगभग 60 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। सरकार यात्रियों के ठहरने खाने आने जाने की व्यवस्था नहीं कर पाने के कारण रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कर रही है। हरिद्वार ऋषिकेश में यात्री दरबदर भटक रहे हैं। कोई उनको सही राह दिखाने वाला नहीं है। सीएम चंपावत चुनाव में जीत हासिल करने के लिए मंदिरों में मन्नत मांगने में व्यस्त हैं। वहीं पर्यटन मंत्री दुबई और दिल्ली में आनंद ले रहे हैं। जब उनसे सवाल पूछो तो वह अपने तथाकथित पर्यटन सर्किट का नाम गिना देते हैं। सरकार को समझ होती तो अतिरिक्त संख्या में आए यात्रियों को चार धाम से हटकर राज्य के अन्य प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थलों, सिद्ध पीठों ,शक्तिपीठों के दर्शन के लिए समझा कर प्रेरित करती।
उन्होंने कहा कि सीएम और सरकार अगर जवाबदेही से काम करती तो आज राज्य के वह युवा कोरोना योद्धा की उपेक्षा नहीं करती। कोरोना योद्धाओं ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अपना जीवन दाव पर लगाकर लोगों का जीवन बचाया और सरकार की इज्जत बचाई। उनको इस भीषण गर्मी में धरने पर ना बैठना पड़ता। राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार अपनी इस दूसरी जीत के बाद तानाशाह होती दिख रही है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के अंदर अगले कुछ महीनों में अपने जांबाज साथियों जो अरविंद केजरीवाल की नीतियों में विश्वास रखते हैं, उनके माध्यम से धरातल पर एक मजबूत नेटवर्क तैयार करके दिखाएगी। मुख्यमंत्री जी आप की चिंता छोड़िए आप पहले अपने विधायक हॉस्टल की चिंता कीजिए, जो विधायक आवास कम और कूड़ा खाना ज्यादा लगता है। आम आदमी पार्टी संघर्षों से तप कर निकली पार्टी है। बीते 10 सालों में पार्टी ने एक नहीं अनेकों अनुकूल और विपरीत स्थितियां देखी है और आगे बढ़ती रही है ऐसे ही उत्तराखंड में भी होगा। कहते हैं कि-कुछ पत्तों के झड़ जाने के बाद पेड़ वीरान नहीं होते पतझड़ के बाद ही बसंत आता है। इस दौरान रविन्द्र आनंद और उमा सिसोदिया भी मौजुद रहे।
हेल्थ वर्कर्स के धरने को समर्थन देने पहुंचे आप कार्यकर्ता
आज सहस्त्रधारा रोड पर काफी लंबे समय से बैठे फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स (frontline health workers) को समर्थन देने आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट समेत उमा सिसोदिया रविंद्र आनंद और अनेक कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान जोत सिंह बिष्ट ने धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करते हुए कहा की संघर्ष की इस घड़ी में आम आदमी पार्टी आप के साथ खड़ी है। उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार चंपावत उपचुनाव में मस्त है और दूसरी ओर फ्रंटलाइन वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर धरना देने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि यह वही फ्रंटलाइन वर्कर्स है जिन्होंने करो ना कॉल में अपनी जान की परवाह किए बगैर कई बेगुनाह लोगों की जान बचाई। लगातार लोगों की सेवा की, लेकिन सरकार ने उन को स्थाई करने के बजाय उनको सड़क पर धक्के खाने को मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जनविरोधी सरकार है, जिसे जनता के सरोकारों से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन सभी फ्रंट एंड वर्कर्स को जल्द ही स्थाई किया जाए अन्यथा आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर कर सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ एक बड़ा जन आंदोलन करेगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस दौरान उमा सिसोदिया, जीतेन्द्र पंत, रविंदरआनन्द, सरिता गौतम, सतीश शर्मा, दीप प्रकाश पंत, इंदु व्यास भी मौजुद रहे।