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March 10, 2025

हरीश रावत की राह चले चन्नी, की सीएम के चेहरे की पैरवी, बोले-जब नहीं किया घोषित, तब हारी कांग्रेस

अब उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की राह पर पंजाब से सीएम चन्नी भी चलते दिखाई देने लगे हैं। वह भी पंजाब में सीएम पद के चेहरे की पैरवी करने लगे हैं। साथ ही उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया।

अब उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की राह पर पंजाब से सीएम चन्नी भी चलते दिखाई देने लगे हैं। वह भी पंजाब में सीएम पद के चेहरे की पैरवी करने लगे हैं। साथ ही उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया। कहा कि जब जब पार्टी ने पंजाब में चेहरा घोषित नहीं किया, तब तब पार्टी को चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावजूद पंजाब इकाई में मची अंदरूनी घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रही है। फिर से पंजाब की सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भले ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर अभी कोई फैसला नहीं सुनाया है, लेकिन पंजाब इकाई के दो अहम चेहरे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इसको लेकर बयान दे रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि हाईकमान नहीं, बल्कि “पंजाब के लोग” तय करेंगे कि पंजाब का नया मुख्‍यमंत्री कौन होगा? वहीं, चन्नी ने सीएम उम्मीदवार को लेकर एक बड़ा संकेत दिया है। उत्तराखंड में भी पूर्व सीएम हरीश रावत सीएम का चेहरा घोषित करने की पैरवी करते आए हैं। हालांकि हाईकमान ने साफ कह दिया पहले चुनाव जीतो, इसके बाद विधायक सीएम को तय करेंगे।
मुख्यमंत्री चन्नी से जब पूछा गया कि क्या चुनाव से पहले उनकी पार्टी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम बताना चाहिए। इस पर चन्नी ने एक लोकल चैनल प्रो पंजाब टीवी से कहा कि कांग्रेस को चुनाव से पहले मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी पार्टी ने सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, तो वह हार गई। उन्होंने कहा कि 2017 चुनावों के दौरान जब पार्टी ने अपना सीएम कैंडिडेट घोषित किया, तो वह जीत गई। इससे पहले, जब उसने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया था, वह हार गई थी। जब भी पार्टी ने सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं की, तो वह हार गई। इसलिए पार्टी को इसकी घोषणा करनी चाहिए।
चन्नी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि पार्टी द्वारा किसे उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि वे जहां भी जाते हैं, लोग हाथ हिलाकर उनका स्वागत करते हैं। यहां तक ​​कि बैरिकेड्स तोड़कर उनसे मिलने की कोशिश करते हैं। पार्टी के दो अहम नेताओं की टिप्पणी कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ाने के संकेत दे रही हैं, जो पहले से ही आम आदमी पार्टी (AAP), बीजेपी-अमरिंदर सिंह गठजोड़ और अकाली दल-बीएसपी से चुनौती का सामना कर रही है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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