कई पार्टी बदलकर आए कांग्रेस में, फिर भी नहीं सुधरे, उत्तराखंड कांग्रेस ने पति और पत्नी को किया निष्कासित
कभी कांग्रेस, कभी बीजेपी, कभी पूर्व पीएम चंद्रशेखर की पार्टी में रहकर चुनाव लड़ने वाले पीके अग्रवाल को उत्तराखंड कांग्रेस ने सम्मान दिया। साथ ही उनकी पत्नी लक्ष्मी कपरुवाण अग्रवाल को भी उत्तराखंड के देहरादून में पछुवादून का अध्यक्ष बनाया। इसके बावजूद आया राम, गया राम की राजनीति करने वाले पीके अग्रवाल के साथ ही उनकी पत्नी जब कांग्रेस के लिए ही सिरदर्द बन गए तो दोनों को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्हें पदमुक्त कर दिया। साथ ही दोनों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि एक बार फिर से दोनों बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा जी के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात ने पीके अग्रवाल एवं उनकी लक्ष्मी अग्रवाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों ने सभी पदों से मुक्त करते हुए उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। इन पर केन्द्रीय नेतृत्व के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी का आरोप है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि पीके अग्रवाल एवं श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल ने 26 जनवरी जैसे महत्वपूर्ण पर्व एवं के साथ ही दिनाक चार फरवरी को जिला कांग्रेस कमेटी पछुवादून की महत्वपूर्ण बैठक के अवसर पर भी कार्यक्रम में शामिल होने से दूरी बनाये रखी। 28 जनवरी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे जी के सम्मेलन के दौरान दोनों ने केन्द्रीय नेतृत्व से भी अभद्रता की। इसे पार्टी नेतृत्व ने गम्भीरता से लिया। अनुशासनहीनता मानते हुए दोनों नेताओं को उनके पदों से मुक्त करते हुए पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शीशपाल बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक अनुशासित संगठन है। इसमें यदि अनुशासनहीनता होती है तो उसे कतई बर्दास्त नहीं किया जायेगा। जो भी पार्टी अनुशासन की लाईन पार करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।