चंपावत के लापता एसडीएम जल्द लौटेंगे वापस, डीएम से साधा संपर्क, फेसबुक में मन की शांति के लिए अपडेट की थी पोस्ट
एसडीएम वह रविवार 11 सितंबर को डिप्टेश्वर मंदिर के पास किराना की दुकान पर सामान लेने गए थे। उसके बाद से उनका पता नहीं चला था। दोपहर दो बजे उनकी अंतिम लोकेशन चंपावत में मिली थी। शनिवार को उन्होंने अपने सभी स्टॉफ को छुट्टी दे दी थी और उनसे कहा था कि जब कॉल करूंगा तब आना। सोमवार को कार्यालय खुलने पर जब कुक उनके आवास पर पहुंचा तो गेट बंद था। कमरे में उन्होंने सरकारी मोबाइल फोन को आपदा में जमा करने की बात लिख कर पत्र कमरे में छोड़ दिया था। पुलिस की चार टीमें उनकी तलाश में जुटी गई थी। एसडीएम के मिलने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सोमवार को डीएम की मीटिंग में उनकी गैरहाजिरी पर एसडीएम के लापता होने का मामला खुला। एसडीएम के बारे में जानकारी न तो उच्च अधिकारियों को है और न ही परिजनों को। उनके अचानक लापता होने से हड़कंप मच गया था। पूरे जिले की पुलिस टीम एसडीएम की खोजबीन में जुट गई थी। संपर्क करने पर उनका फोन बंद मिला। एसडीएम के खाना बनाने वाले खानसामे से जब उनके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि बीते शनिवार को एसडीएम ने उसे छुट्टी दे दी थी। सोमवार को वह अपनी ड्यूटी पर लौटा तो एसडीएम के कमरे में ताला लगा हुआ था, लेकिन लॉबी खुली थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसडीएम अनिल चन्याल का निजी आवास हल्द्वानी के दमुआढूंगा में है। उनका परिवार हल्द्वानी में ही रहता है। चम्पावत में चन्याल अकेले ही रहते हैं। जानकारी के अनुसार, हल्द्वानी में चन्याल के परिजनों से भी उनके बारे में कोई जानकारी फिलहाल नहीं मिल सकी है। बताया जा रहा है कि उन्होंने शनिवार की सुबह उन्होंने अपने कार्यालय में पंत जयंती मनाई थी और शाम को अपने कुक रमेश राम को छुट्टी देकर घर भेज दिया था। रविवार की दोपहर बाद उन्होंने अपने गनर मोहन भट्ट को भी घर भेज दिया। एसडीएम सदर के लापता होने की जानकारी सोमवार की सुबह हुई। उनका कहीं सुराग नहीं लगा तो कार्यालय में तैनात पीआरडी जवान ने कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसडीएम सदर अनिल चन्याल मानसिक रूप से काफी परेशान दिख रहे थे। 9 सितंबर को उन्होंने अपनी फेसबुक पर ‘Tracking and long drive is also a peace of mind…’ नाम से पोस्ट भी अपडेट की थी। सूत्रों का कहना है की उन्होंने अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया था लेकिन अवकाश न मिलने से काफी परेशान थे। बताया जा रहा है कि उनके सरकारी और निजी वाहन घर पर ही मिले। यानि वह पैदल ही घर से कहीं निकल गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।