केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए जारी की गाइडलाइन, जानिए क्या हैं नियम
इस बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) परीक्षाएं 4 मई से शुरू हो रही हैं। प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक मार्च से शुरू होंगी। इसकी तैयारी कर दी गई हैं।
इस बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) परीक्षाएं 4 मई से शुरू हो रही हैं। 10वीं कक्षा की परीक्षा 7 जून को खत्म हो जाएगी, जबकि 12वीं की परीक्षा का समापन 10 जून को होगा। इसके साथ प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए बोर्ड ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इस बार 12वीं कक्षा की परीक्षाएं दो शिफ्ट में होंगी। सुबह की शिफ्ट का एग्जाम 10.30 बजे से 01.30 बजे तक चलेगा और दोपहर की शिफ्ट का एग्जाम ढाई बजे से साढ़े 5 बजे तक चलेगा।12वीं की परीक्षाओं को कम दिनों में कराने के लिए यह फैसला लिया गया है। सुबह की शिफ्ट के लगाए गए स्कूल स्टाफ को दोपहर की शिफ्ट में नहीं लगाया जाएगा।
एक मार्च से शुरू होंगी प्रयोगात्मक परीक्षा
कोरोनाकाल के चलते प्रयोगात्मक परीक्षा भी देरी से शुरू हो रही हैं। इस बार 10वीं और 12वीं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक मार्च से शुरू होने जा रही हैं। बोर्ड ने स्कूलों को 11 जून तक हर हाल में प्रयोगात्मक परीक्षाएं संपन्न कराने का निर्देश दिया है। हालांकि, कोशिश रहेगी कि परीक्षाएं 15 मई तक संपन्न हो जाएं, जिससे मूल्यांकन समय पर शुरू हो सके।
एक बैच में अधिकतम 25 छात्र बैठेंगे
प्रयोगात्मक परीक्षाओं के आयोजन के लिए स्कूल एक बैच में अधिकतम 25 छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने के लिए बुला सकेंगे। इसके अलावा एक कक्ष में अधिकतम 13 छात्र-छात्राओं को एक साथ बिठाया जा सकेगा।
वेबसाइट पर एक बार नंबर अपलोड के बाद नहीं होगा बदलाव
सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने बताया कि परीक्षाएं खत्म होने के तुरंत बाद बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के जरिये स्कूलों को सभी विद्यार्थियों के नंबर अपलोड करने होंगे। एक बार नंबर अपलोड करने के बाद उसमें सुधार का मौका नहीं मिलेगा। इसलिए स्कूलों को नंबर अपलोड करते समय बेहद सतर्क रहना होगा। इसके अलावा स्कूलों को परीक्षा के दौरान की फोटो भी क्षेत्रीय अधिकारी और बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
बीमार छात्र को बैठाया जाएगा अलग
किसी विद्यार्थी की तबीयत खराब होने या कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उसे अलग कमरे में परीक्षा दिलाई जाएगी। वहीं, किसी कारणवश अगर कोई छात्र स्कूल की ओर से तय तिथि पर प्रयोगात्मक परीक्षा देने नहीं पहुंच पाता है तो उसे इसकी जानकारी स्कूल के साथ ही अपने क्षेत्रीय अधिकारी को तत्काल देनी होगी।
सीबीएसई नियुक्त करेगा परीक्षक
प्रयोगात्मक परीक्षा लेने के लिए सीबीएसई की ओर से परीक्षक नियुक्त किए जाएंगे। सीबीएसई ने कहा है कि अगर कोई स्कूल नियुक्त परीक्षक के बजाय किसी अन्य शिक्षक से परीक्षा करवाता है तो परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी। वहां के विद्यार्थियों को लिखित परीक्षा में मिले अंकों के औसत के आधार पर प्रयोगात्मक परीक्षा में अंक दिए जाएंगे। इसके लिए प्रधानाचार्य को जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल की मान्यता भी रद की जा सकती है।