कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह ने किया दावा, घटना के वक्त वह विदेश में थे, 26 अप्रैल के लिए फैसला सुरक्षित
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। वह यहां महिला पहलवानों से शारीरिक शोषण के मुकदमे में पेश हुए। कैसरगंज उत्तर प्रदेश से सांसद और WFI (रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय करने के लिए आज कोर्ट फैसला सुनाने वाली थी। हालांकि, बृजभूषण का दावा है कि घटना के वक्त 7 सितंबर 2022 को वे दिल्ली में नहीं थे। इसलिए इन आरोपों की जांच की जाए। उन्होंने CDR की कॉपी भी मांगी है। दलीलों के बाद कोर्ट ने 26 अप्रैल तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने अपने आवेदन में इस केस की आगे की जांच कराने की मांग की है। पूर्व सांसद बृजभूषण ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि सात सितंबर 2022 को वह विदेश में थे, इसकी सीडीआर रिपोर्ट, दिल्ली पुलिस कोर्ट में जमा करे। अदालत ने उनके आवेदन पर फैसला 26 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। अब 26 अप्रैल को ही पता चलेगा कि उनकी याचिका का क्या होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जून 2023 में ब्रजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। उनके खिलाफ धारा 354, 354-A, 354-D और 506 के तहत आरोप लगाए। इसी मामले पर पहली बार 18 जनवरी 2023 को रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत 30 से ज्यादा पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहलवानों ने लगाए हैं ये आरोप
पहलवानों का आरोप था कि रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपशब्दों का प्रयोग किया था और खिलाड़ियों को गाली भी दी थी। अध्यक्ष के खिलाफ सात महिला पहलवानों ने पुलिस को लिखित तहरीर भी दी है। इसमें एक नाबालिग पहलवान भी शामिल थी। हालांकि बाद में नाबालिग ने शिकायत वापस ले ली थी। इन महिला पहलवानों ने संघ अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में देश के शीर्ष पहलवानों की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन दुराचार के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट के आदेश पर ही सांसद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवानों ने लंबे समय तक दिल्ली के जंतर मंतर में धरना भी दिया था।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।