आठ मार्च से जल त्यागेंगे ब्रह्राचारी आत्मबोधानंद, स्वामी शिवानंद की शरीर त्यागने की चेतावनी
उत्तराखंड के हरिद्वार में मातृसदन में 23 फरवरी से तपस्या पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने आठ मार्च से जल त्यागने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार माफियागिरी पर उतारू है तो वह साधु गिरी करेंगे।

उत्तराखंड के हरिद्वार में मातृसदन में 23 फरवरी से तपस्या पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने आठ मार्च से जल त्यागने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार माफियागिरी पर उतारू है तो वह साधु गिरी करेंगे। आत्मबोधानंद स्वामी सानंद की चार मांगों को क्रियान्वित कराने के लिए तपस्यारत हैं।
गौरतलब है कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने, स्टोन क्रशर को गंगा तटों से दूर करने, अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर मातृसदन कई वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहा है। इसके तहत भूख हड़ताल आदि के माध्यम से आवाज उठाने की कोशिश गई। इस आंदोलन में वर्ष 2018 में स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद, (प्रो. जीडी अग्रवाल), वर्ष 2011 में स्वामी निगमानंद सरस्वती बलिदान दे चुके हैं।
अब मातृसदन ने चमोली में ऋषिगंगा नदी से मची तबाही के बाद फिर से आंदोलन का निर्णय किया था। इसकी सूचना मातृसदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने पीएम नेरेंद्र मोदी को 17 फरवरी को पत्र के माध्यम से भेज दी थी। इसी के तहत 23 फरवरी से ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद तपस्या में बैठे हैं।
हरिद्वार स्थित मातृसदन में मंगलवार को ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि वह पहले ही कुंभ के दौरान शरीर त्यागने का एलान कर चुके हैं। शरीर त्यागने के वह 100 कारण भी लिखित में सौंपेंगे।
प्रोफेसर सानंद ने चार मांगों मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और उनकी सहायक नदियों पर बनने वाले सभी प्रस्तावित और निर्माणाधीन बांध को निरस्त करने, रायवाला से रायघाटी तक खनन बंदी का नोटिफिकेशन, गंगा से पांच किलोमीटर दूर स्टोन क्रशर को करने के अलावा गंगा भक्त परिषद बनाने की मांग को लेकर तपस्या की और अपने प्राण त्याग दिए थे। उनकी मांगों को क्रियान्वित करने के लिए दोबारा तपस्या शुरू की गई।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सरकार को भागों पर ध्यान देना चाहिए.